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कलेक्टर बैनल सुविधा त्याग बने जनता के अधिकारी, कई सालों का टूटा रिकॉर्ड

Rama Posted on: 2025-10-11 05:01:00 Viewer: 463 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

कलेक्टर बैनल सुविधा त्याग बने जनता के अधिकारी, कई सालों का टूटा रिकॉर्ड Collector sacrifices banal comforts and becomes public officer, breaking records of many years

कलेक्टर बैनल सुविधा त्याग -बने जनता के अधिकारी

Singrauli News: सिंगरौली जिले में अपने तेज़-तर्रार फैसलों और प्रशासनिक सक्रियता के लिए पहचाने जा रहे नवागत कलेक्टर गौरव बैनल एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। लेकिन इस बार वजह कोई आदेश या कार्रवाई नहीं, बल्कि एक ऐसा भावनात्मक और मानवीय निर्णय है, जिसने आम जनमानस के दिलों में उनके प्रति सम्मान को और भी गहरा कर दिया है।

भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि यह फैसला किसी सरकारी आदेश या दबाव का नहीं, बल्कि कलेक्टर श्री बैनल की जनसरोकारों से जुड़ी सहज सोच का परिणाम है। दरअसल, यह प्रसंग उनके आवासीय निर्णय से जुड़ा है—जो प्रशासनिक इतिहास में एक मिसाल बन सकता है।

15 साल पुरानी परंपरा को तोड़ा

24 मई 2008 को जब सिंगरौली जिला अस्तित्व में आया था, तब आधारभूत संरचनाओं के अभाव में जिला स्तरीय अधिकारियों की आवासीय व्यवस्था एनटीपीसी विंध्याचल के उच्च सुरक्षा युक्त परिसर में की गई थी। समय के साथ कलेक्टर और एसपी के लिए जिला मुख्यालय बैढ़न में आधुनिक सरकारी आवास बनकर तैयार हो गए, मगर परंपरा नहीं टूटी। लगभग दशकों से सभी कलेक्टर और एसपी ने एनटीपीसी के परिसर की आरामदायक व्यवस्था को ही प्राथमिकता दी — जहां सुरक्षा तो थी, पर जनता की पहुँच लगभग नामुमकिन थी।

बैनल का मानवीय दृष्टिकोण

लेकिन कलेक्टर गौरव बैनल ने इस “सुविधाजनक परंपरा” को जनता की पहुंच में आड़े आता देखा और एक साहसिक निर्णय लेते हुए एनटीपीसी के आलीशान आवास को ठुकरा दिया। शायद उनकी सोच यही होगी कि “कलेक्टर का घर जनता से दूर नहीं, बल्कि जनता के बीच होना चाहिए।”

इसी भावना के साथ श्री बैनल ने जिला मुख्यालय बैढ़न स्थित कलेक्टर आवास में ही सपरिवार रहने का निर्णय लिया। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता का भी परिचायक है।

प्रशासन में मानवीयता की नई बयार

कलेक्टर गौरव बैनल का यह निर्णय सिर्फ एक स्थान परिवर्तन नहीं, बल्कि प्रशासनिक सोच में बदलाव का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि जनता और प्रशासन के बीच की दूरी दीवारों और सुरक्षा घेरे से नहीं, बल्कि संवेदना और संवाद से घटती है। सिंगरौली में अब यह कहा जा रहा है -कलेक्टर बैनल ने साबित कर दिया कि असली शक्ति पद में नहीं, बल्कि जनता के बीच रहने की नीयत में होती है।

जनमानस में उमड़ा सम्मान

श्री बैनल के इस कदम के बाद जिला मुख्यालय में खुशगवार हलचल है। नगर के हर वर्ग में यह चर्चा जोरों पर है कि “अब आम आदमी बिना किसी रोक-टोक के सीधे अपने कलेक्टर तक पहुँच सकेगा।”

बंगले की साफ-सफाई और व्यवस्था को लेकर निगम के कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिला। आज शुक्रवार को कलेक्टर बैनल स्वयं सपत्नीक नए आवास का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने व्यवस्था का जायजा लिया और सुधार के निर्देश भी दिए।

 

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