Singrauli News: Warehouse storage and paddy transportation surrounded by questions, the role of warehouse in-charge is suspicious
हजारों क्विंटल धान की हेराफेरी, प्रशासन बना है अंजान
Singrauli News: सिंगरौली। जिले में पिछले महीने सम्पन्न हुआ धान उपार्जन में परिवहन से लेकर गोदाम के भण्डारण में व्यापक पैमाने पर खेला होने की बू आने लगी है। आरोप लगाया जा रहा है कि वेयर हाउस के गोदाम प्रभारी की इस मामले मे भूमिका संदिग्ध है। दरअसल समर्थन मूल्य के तहत समितियों में खरीदी की जाने वाली धान के परिहवन से लेकर गोदाम तक में जमकर हेरीफेरी करने की बू सामने आ रही है। सूत्र बताते है कि परिवहन के वक्त गोदाम मे धर्मकाटा तौल में प्रति ट्रक में तीन क्विंटल से चार क्विंटल तक वजन कम मिला है। हालांकि यह वजन का खेला कही और से नही बल्कि गोदाम से किया जा रहा है। जहां समितियों में धान की मात्रा कम पाई गई है। जिसमे सेवा सहकारी समिति महुआगॉव 346 क्विंटल, झारा 356 क्विंटल, माड़ा 782 क्विंटल, कोयलखूथ 199 क्विंटल, घोघरा कुशाही 201 क्विंटल, कर्सुआराजा 138 क्विंटल, कर्सुआराजा क्रमांक 2-180, बरहट 126 क्विंटल, खुटार 122 क्विंटल सहित सहुआर,बैढ़न, बिंदुल, निवास, जमगढ़ी, घोघरा, मकरोहर, गढ़वा, खम्हारडीह, चितरंगी, तियरा, उर्ती, मझौली शामिल है जहां समितियों में धान की मात्रा खरीदी से कम पाई गई है। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी ने उपायुक्त सहकारिता को पत्र लिखकर संबंधित उपार्जन केन्द्र प्रभारियों से शार्टेज मात्रा की राशि जमा कराने के लिए निर्देशित किया है और यह भी कहा है कि यदि संबंधित केन्द्र प्रभारियों के द्वारा शार्टेज मात्रा धान की राशि जमा नही कराते है तो उनके विरूद्ध जॉच कर एफआईआर दर्ज करायें। हालांकि यह पत्र पिछले 10 मार्च का है। सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के उक्त निर्देश के बाद अभी किसी भी केन्द्र प्रभारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज नही की गई है ,लेकिन अब दबी जुबान में खरीदी केन्द्र के प्रभारी कहने लगे है कि परिहवन एवं गोदाम में गड़बड़ी हुई है। जिसके चलते धान निर्धारित खरीदी से कम मात्रा में पाई गई है। आरोप यह तक लगाए जा रहे है कि समितियों के पास खुद का धर्मकाटा नही है। प्राईवेट धर्मकाटा के नाप-तौल को गोदाम प्रभारी मानते नही है। गोदाम में उनका खुद का काटा है। जहा कम -अधिक वजन भी सेट है।
सूत्र बताते है कि इस तहर की गड़बडी महुआ गाव, बैढ़न एवं बाघाडीह में ज्यादा है यहा प्रति गाड़ियो में तीन से चार क्विंटल वजन कम बताया जाता था। जबकि प्राईवेट में उक्त धान से ट्रक का वजन सही बताता था, लेकिन गोदाम प्रभारी उसको मानने को तैयार नही होते। उसके पीछे एक नही अनेक कारण गिनाए जा रहे हंै। चर्चा यहा तक है कि गोदाम वा परिवहन में व्यापक खेला हुआ है। जिसमें गोदाम प्रभारी के संदिग्ध भूमिका पर तरह -तरह के सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। फिलहाल जिले में पिछले वर्ष 2024-25 में धान खरीदी में हजारों क्विंटल शार्टेज मात्रा होने पर समिति के साथ-साथ गोदाम प्रभारी व परिवहन को लेकर धीरे-धीरे चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा है। साथ ही यह भी चर्चा है कि यहा के गोदामों और मिलर की जॉच करा दी जाए तो कई चौकाने वाला मामला सामने आ सकता हैं।
72 घण्टे के अंदर परिवहन करने का था निर्देश
दरअसल खरीफ फसल वर्ष 2024-25 में धान की खरीदी शुरू की गई। जहां परिवहन व्यवस्था की गई थी। जिसमें अनुबंधित परिवहनकर्ता का निर्देश था कि 72 घण्टे में खरीदी केन्द्रो से धान का परिवहन करें। किंतु जिले में 20 से 25 दिनों बाद खरीदी केन्द्रो से धान का परिवहन शुरू किया गया था। खरीदी केन्द्र प्रभारी बताते है कि खुले में 20 से 25 दिन धान पड़ी रह गई, तो उसका सूखना लाजमी है, लेकिन इसे मानने के लिए कोई तैयार नही है और ना ही परिवहनकर्ता पर जबावदेही थोपी जा रही हैं। ऐसे में शार्टेज धान की मात्रा सभी जबावदेही खरीदी केन्द्र प्रभारियों पर थोपने से सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैक सीधी भी सवालो के कटघर्रे में घिरते नजर आ रहे है। यहा यह भी आरोप है कि शासन के निर्देशानुसार उपार्जन केन्द्र से 4 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित मैप्ड धर्मकाटा से तौलकर स्कंध परिवहनकर्ता को दिया जाना अनिवार्य होगा। इसके लिए उपार्जन समिति एवं परिवहनकर्ता के लांगिंग में ट्रक चालान के विरूद्ध धर्मकाटे के पर्ची की पृविष्टी का प्रावधान किया जायेगा, लेकिन वेयरहाउस के गोदाम प्रभारी ने उक्त आदेश को नजर अंदाज कर अपने पसंदीदा धर्मकाटा से तौल कराना शुरू कर दिए थे।