The health department is using the newspaper as a shield to cover up its misdeeds: Gyanendra Dwivedi
Singrauli News : सिंगरौली: चितरंगी ब्लाक में कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व सहित सभी विभाग दुर्व्यवस्था से ग्रस्त है किन्तु इनमे सुधार के बजाय जिला प्रशासन भी विपक्ष के नेताओं को राजनीति नहीं करनें का सुझाव दे रहा है । चितरंगी ब्लाक में बीते 30 से 40 दिनों में अनेक जघन्य घटनाएं घटित हुई हैं अभी 15 अगस्त को बगैया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गरीब बैगा आदिवासी महिला को भर्ती नहीं किए जाने से सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा है यह स्वास्थ विभाग के अति असंवेदनशील आचरण का प्रतीक है।
जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने संज्ञान में आए बगैया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ कर्मियों के असंवेदनशील आचरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपना प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा है कि चितरंगी विकास खंड के बौडिहार गांव की प्रसव पीड़ित एक आदिवासी महिला श्रीमती गुड्डी बैगा को बगैया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए परिवार जनों द्वारा लाया गया किंतु पीड़ित महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बगैया में उपस्थित नर्स ने भर्ती नहीं किया वल्कि प्रताड़ित अलग से किया गया साथ आए मायके एवं ससुराल पक्ष के लोगों को भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए नर्स ने सामान्य स्थित के प्रसूता को जिला अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर किया जिसका परिणाम यह हुआ की आर्थिक दृष्टि से कमजोर वह बैगा परिवार जिला अस्पताल तो नहीं जा सका किंतु सड़क पर ही उस गरीब प्रसूता को बच्चे को जन्म देना पड़ा।
उक्त पूरे घटना क्रम का वीडियो उपलब्ध है जिसमें देखा जा सकता है कि परिवार की महिलाओं ने मोबाइल की रोशनी के सहारे अपने पारिवारिक अनुभव से सड़क पर ही सुरक्षित प्रसव कराया है प्रसव के बाद महिला को भर्ती अवश्य किया गया और सुबह डिस्चार्ज किया गया है,हो सकता है कि उसे कागज में पहले ही भर्ती दिखाकर अपने करतूतों को छुपाने का प्रयास किया गया हो ।
अब यह खबर समाचार पत्र में प्रकाशित कराई जा रही है और सीएमएचओ डॉ एन के जैन को स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है की महिला को भर्ती किया गया था सुरक्षित प्रसव में बहुत कठिनाई थी जिसके कारण उसे जिला चिकित्सालय के लिए नर्स द्वारा रेफर किया गया किंतु जननी एक्सप्रेस उपलब्ध नहीं कराई गई यह बात सत्य से परे इसलिए लगती है कि यदि इतनी ही बात थी और कोई विवाद उत्पन्न नहीं था तो डॉ एन के जैन सीएमएचओ को स्पष्टीकरण क्यों देना पड़ रहा है क्या प्रत्येक प्रसव में सीएमएचओ अपना वक्तव्य समाचार पत्र में जारी करते हैं और प्रसव की सारी जानकारी साझा करते हैं यदि नहीं तो निश्चित रूप से घटना पर पर्दा डालने के लिए अखबार का सहारा लिया जा रहा है तो स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं दाल में काला है क्या महिला के प्रसव में कोई अनहोनी हुई होती तो भी उसे भरती बताया जाता कदापि येसा नहीं होता। लश्कर भी तुम्हारा है सरदार तुम्हारा है। तुम झूठ को सच लिख दो अखबार तुम्हारा है।
अध्यक्ष जिला कांग्रेस श्री द्विवेदी ने कहा है की प्रसव जैसे संवेदनशील प्रकरण को अपने निजी स्वार्थ के कारण स्वास्थ्य अमले द्वारा परिवार जनों को प्रताड़ित किया गया मजबूर किया गया किंतु अति गरीब बैगा के परिवार की आर्थिक स्थिति यह नहीं थी कि वह स्वास्थ कर्मियों की मंशा पूरी करे ,अथवा जिला चिकित्सालय जाए , प्राइवेट गाड़ी करें और समय भी इतना नहीं था क्योंकि प्रसूता दर्द से तड़प रही थी और किसी भी समय प्रसव की संभावना थी ऐसी स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बगैया के स्वास्थ्य अमले द्वारा जोअसंवेदनशील कृत्य किया गया है यह अनुचित ही नहीं निंदनीय भी है । उन्होंने कहा की किसी भी आरोप में आरोपी को बचाने या तथ्यों को छिपाने का प्रयास भी आरोप ही होता है अखबार कुकृत्यो से बचाने का ढाल नही है । इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच जिला प्रशासन और संयुक्त संचालक स्वास्थ्य द्वारा कमेटी बनाकर किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह से किसी मजबूर जरूरतमंद या गरीब व्यक्ति को प्रताड़ित और पीड़ित नहीं होना पड़े।