Sonbhadra News: Four trucks of coal going to Chandasi Mandi without permit seized, coming from behind
रही ब्लैक स्कार्पियो और वाहन चालक फरार
Sonbhadra News: एशिया की सबसे बड़ी कोयला मंडी का दर्जा रखने वाले चंधासी के लिए अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र से हो रही कोयला तस्करी पर बुधवार की रात वन महकमे की टीम की तरफ से बड़ी चोट पहुंचाई गई। नेशनल हाइवे से होते हुए अनपरा से पिपरी की तरफ बढ़ रही तीन ट्रकों को वन विभाग ने अपने गिरफ्त में ले लिया गया। वहीं, चौथा ट्रक पिपरी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। कई राज्यों तक फैले कोयला तस्करों के इस रैकेट पर अनपरा-शक्तिनगर पुलिस और रेणुकूट वन प्रभाग के अनपरा वन रेंज की टीम की तरफ से शिकंजा क्यूं नहीं कसा जाता? इसको लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। कोयला तस्करी का यह खेल किनके संरक्षण और किन-किन लोगों की तरफ से खेला जा रहा है, इसका खुलासा होना अभी बाकी है। इसको लेकर पुलिस और वन विभाग की छानबीन में किस तरह की जानकारियां और कौन-कौन से चेहरे सामने आते हैं? इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
एसपी-डीएफओ के पास हुई थी शिकायत
किसी ने बुधवार की रात 12 बजे के करीब डीएफओ भानेंद्र सिंह और एसपी अशोक कुमार मीणा के यहां, बगैर किसी वैध प्रपत्र के चार ट्रकों पर कोयला लोड कर, चंधासी मंडी के लिए ले जाए जाने की सूचना दी। बताया जा रहा है कि सूचनाकर्ता की तरफ से, यह भी बताया गया कि एक ब्लैक कलर की स्कार्पियो ट्रकों को लोकेशन देते हुए चल रही है। इस पर जहां डीएफओ ने अपने यहां की टीम को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं, एसपी की तरफ से पिपरी पुलिस को तत्काल संज्ञान लेने के लिए कहा गया। बताया जा रहा है कि जैसे ही टीम ने पिपरी से पहले, ट्रकों को रोका। चालक वाहन सड़क किनारे खड़ा कर फरार हो गए। तीन ट्रकें एक जगह खड़ी मिलीं। पहुंची वन विभाग की टीम ने तीनों ट्रकों को कब्जे में ले लिया। वहीं वन विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही, आगे निकल चुका चौथे ट्रक का चालक, पुलिस की टीम को आता देख वाहन खड़ा कर फरार हो गया। प्रत्येक ट्रक पर 30 से 40 टन कोयला लदे होने की बात बताई जा रही है। डीएफओ भानेंद्र सिंह ने बताया कि वन विभाग के कब्जे में आई तीन ट्रकों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही, आगे की वैधानिक कार्रवाई जा रही है। उधर, पुलिस भी पकड़ी गई ट्रक को लेकर कार्रवाई में जुटी हुई थी।
अनपरा-शक्तिनगर में आखिर क्यूं नहीं पकड़ा जाता कोयला?
अनपरा-शक्तिनगर क्षेत्र में चोरी का कोयला पकड़े जाने की घटनाएं अपवाद जैसी परिस्थितियों में सामने आती हैं। कहा जाता है कि या तो फिर सेटिंग रैकेट कहीं से गड़बड़ाता है या फिर आला अफसर सख्ती बरतते हैं, तभी इस क्षेत्र में कभी- कभार कोयला पकड़े जाने का मामला सामने आता है। ज्यादातर मामलों में पिपरी क्षेत्र में या फिर मिर्जापुर के अहरौरा क्षेत्र में कोयला तस्करी पकड़े जाने का मामला सामने आता है। कभी-कभी चोपन पुलिस की तरफ से कार्रवाई सुनने को मिल जाती है। हालांकि सामान्यतया चोपन से शक्तिनगर के बीच स्थित कथित अवैध डिपो या तो कोयला तस्करी के खेल को वैधता का जामा पहनाने में लगे रहते हैं, या फिर डीओ का खेल यानी एनसीएल से कोयले के लिए जाने वाले ऑक्सन की आड़ में कोयला तस्करी का यह खेल कभी चोरी-छिपे तो कभी धड़ल्ले से चलता रहता है। बता दें कि, अनपरा क्षेत्र में एनसीएल की ककरी और शक्तिनगर क्षेत्र में खड़िया, कृष्णशीला और बीना कोयला परियोजना संचालित है और चंधासी मंडी सहित उड़ीसा राजस्थान आदि जगहों के लिए होने वाली ज्यादातर कोयला तस्करी के तार, इन्हीं कोल परियोजना से निकलने वाले कोयले से जुड़े हुए हैं।