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Singrauli News: कोयले में मिलावट का खेल जारी, रिजेक्टेड कोल मिलाकर कमा रहे मुनाफा

Rama Posted on: 2025-07-19 11:20:00 Viewer: 168 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: कोयले में मिलावट का खेल जारी, रिजेक्टेड कोल मिलाकर कमा रहे मुनाफा Singrauli News: The game of adulteration in coal continues, people are earning profit by mixing rejected coal

पहले हो चुकी है कार्रवाई, जिसके कारण कृष्णशीला रेलवे साइडिंग आज तक नहीं हो सकी शुरू

Singrauli News: सिंगरौली। सिंगरौली जिले के महदेइया रेलवे साइडिंग पर कई रैक रिजेक्टेड कोयले के अवैध भंडारण को लेकर नए खुलासे सामने आने लगे है। बताया जा रहा है कि सिंगरौली जिला कई वर्षो से मिलावट व कोल तस्करी का अड्डा बनी हुई है। यहां से कोयले की तस्करी तो की ही जा रही है, परियोजनों को भेजे जाने वाले कोयले में रिजेक्टेड कोयले चारकोल के मिलावट का भी बड़ा खेला जा रहा है। स्थिति यह है कि रिजेक्टेड कोयले से भरी रेल बीते कई दिन से महदेइया रेलवे साइडिंग पर आ रही है और रिजेक्टेड कोयले को अनलोडिंग कर के मिलावट के खेल को अंजाम दिया जा रहा है।

कोयले में मिलावट के लिए रिजेक्टेड कोल की खेप फिर पहुंची है। पूर्व में कृष्णशीला रेलवे साइडिंग पर मिश्रण के इस खेल में कार्रवाई कर गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद भी पुनः से नए तरीके से खेप पहुंचने और मिश्रण करने का सिलसिला जारी है। पूर्व में दस लाख एमटी कोयला पकड़ाया था। इस मामले में एनसीएल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी। दस लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडारण एक दिन में हो पाना असंभव है।

लंबे समय से चल रहे खेल का पर्दाफाश तब हुआ। जब टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इस कोयले के स्वामित्व की जानकारी खंगाली। कुछ कारोबारी व उनके गुर्गे कोयले में चारकोल का मिश्रण कर कोयले का भंडारण करने का कार्य कर रहे हैं। इस मामले को उजागर करने के बाद कुछ कारोबारियों की गिरफ्तारी भी की गई। लेकिन मुख्य व्यक्ति तक पहुंच पाना संभव नहीं हो सका है। मिलावट के इस कारोबार में स्थानीय सफ़ेद पोश नेता जो जिला मंत्री बनने की फ़िराक में इतने बड़े मिलावट के कारोबार को अंजाम दे रहा है।

पूर्व में बड़े पैमाने पर चारकोल का मिश्रण पर हुई थी कार्रवाई
पूर्व में कृष्णशीला रेलवे साइडिंग पर एकत्रित दस लाख मीट्रिक टन कोयले का राज सबके सामने आया। जहां कोयले में बड़े पैमाने पर चारकोल का मिश्रण किया जाता था और बाकी बचे कोयले को अन्य ट्रकों के माध्यम से मंडियों में भेज कर मोटी रकम वसूली जा रही थी। रेलवे साइडिंग के किनारे एनसीएल की जमीन पर ही फैले इतने बड़े कारोबार की जानकारी रेलवे व आरपीएफ के अधिकारियो व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियो के नहीं होने की बात अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़ा करती है।

कई सालो से चल रहा रिजेक्टेड कोल की मिलावट के तस्करी का खेल
रिजेक्टेड कोयले को लाकर, शुद्ध कोयले में मिलावट कर तस्करी तथा परियोजनाओं को आपूर्ति किए जाने का मामला 2018 से ही सामने आने के बाद, रेलवे में भी इसको लेकर उच्च स्तर पर हड़कंप की स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि कथित गोदावरी कंपनी के नाम पर 2018 से ही रिजेक्टेड कोयले की रैक कृष्णशीला पहुंच रही है। लोगों के दावे पर यकीं करें तो रिजेक्टेड कोल की मिलावट और तस्करी से देश की अर्थव्यवस्था को भी करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है। बता दें कि रिजेक्टेड कोयले की मिलावट से जहां कोयले की खपत बढ़ जाती है। वहीं बारिश के समय कोयले में गीलापन की स्थिति बिद्युत उत्पादन बढ़ने, कोल हैंडलिंग प्लांट का बॉयलर जाम होने की स्थिति बनने लगती है। इसका सीधा असर बिजली लागत पर पड़ता है।

नहीं मिल पाया जिम्मेदारों से जबाब
जब इस मामले को लेकर धनबाद मंडल के कमर्शियल बाबू सचिन कुमार से बात कि गयी तो उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह की जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं है हम कुछ भी नहीं बता पाएंगे यहाँ तक कि पीआरओ का नंबर भी इनके द्वारा नहीं बताया गया। जिससे जानकारी नहीं मिल सकी।

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