Singrauli News: Huge rigging is taking place in the grade of coal in Nigahi project: Sources.
जी 11 की जगह निकाला जा रहा जी 7 कोयला, अधिकारियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच गठन जोड़ का आरोप
Singrauli Coal Scam News : सिंगरौली। एनसीएल में कोयला के ग्रेड में बड़ी हेरा फेरी की जा रही है। इस हेरा फेरी में एनसीएल और राज्य सरकार दोनों को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। कोयला के ग्रेड में हेरा फेरी के लिए ट्रांसपोर्टर कांटा इंचार्ज और एनसीएल के अधिकारी बराबर के राजदार होते हैं और मुनाफा का हिस्सा तीनों में बराबर में बढ़ता है। कोयले के इस गोरख धंधे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता शामिल है। यही वजह है कि कोयले के ग्रेड की हेरा फेरी को पकड़ना आसान नहीं होता।
गौरतलब है कि कोयला के अवैध कारोबार में डिस्को पेपर का काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है। विभिन्न कोयला कंपनियों की ओर से कोल ब्लॉक से वैध तरीके से कोयला ले जाने के लिए कागजात जारी किए जाते हैं। इन्हीं कागजातों में हेराफेरी कर अवैध तरीके से कोयला ले जाने वालों के लिए नए तरीके से फर्जी कागजात तैयार किया जाता है। इस काम में एक पूरा गिरोह इलाके में वर्षो से सक्रिय है। फर्जी कागजात यानी डिस्को पेपर इस तरह से तैयार किया जाता है, जिससे रास्ते भर में जहां भी चेकिंग होती हैं, तो जांच करने वाले पदाधिकारियों को लगता है कि सही कागजात के आधार पर कोयले को ले जाया जा रहा हैं। लेकिन अवैध तरीके से होने वाले कारोबार से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि होती है, साथ ही प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है।
निगाही परियोजना में धांधली शुरू
सूत्रों का दावा है कि एनसीएल की निगाही परियोजना में निकलने वाले कोयले में इन दिनों एनसीएल के कुछ अधिकारियों की सह पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है। बताया जाता है कि जी 11 कोयला जो की कोयले का चूरा होता है उसकी जगह पर जी 7 स्ट्रीम कोयला निकालकर साइडिंग तक पहुंचाया जा रहा है। साइडिंग के बाद मंडी जाने वाली गाड़ियों के लिए एनसीएल के अधिकारी ही ई-खनिज के कागज उपलब्ध करा देते हैं। इस पूरे गोरखधंधे में रोजाना एनसीएल और राज्य सरकार को करोड़ो का नुकसान हो रहा है।
सूत्रों की माने तो डिस्पैच इंचार्ज के मिली भगत से बाड़ी गाड़ियों में ROM के जगह Steam कोयला लोड करवाया जा रहा हैं। इसके लिए बकायदा ट्रांसपोर्ट से डीईओ (DEO) के हिसाब से परियोजना से लेकर मुख्यकार्यालय तक लाइजनीग के नाम पर 10_15 टन के हिसाब से वसूला जाता है। फिर चालू होता है नापतौल विभाग में कटिंग और ओभर लोड का खेल यहा नापतौल बाबू का 1000_1500 पर गाड़ी फिक्स होता है। सूत्रों की माने तो कुछ दिन पहले शिकायत पर एक वाहन की जांच की गई थी जिसमे G 11के जगह G 7 लोड पाया गया लेकिन कार्यवाही के नाम पीआर खाना पूर्ति किया गया इसी तरह ओवर लोड मामले में भी जॉच किया गया तो KJS सीमेंट में जाने जाने वाले कोयला श्री राम ट्रांसपोर्ट के वाहन में 9 टन माला ज्यादा पाया गया उसे भी बिना कार्यवाही छोड़ दिया गया हर गाड़ी का फिक्स होता रहता है कमीशन ,कमीशन के खेल में ओवरलोड वाहन न किसी भी चेकिंग में नही पकड में आते वाहनों के ओवरलोड होने का नतीजा यह कि एक ओर जहां कोयला कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं। यह खेल कोयला कंपनी के अधिकारियों, ट्रांसपोर्टरों, जिला प्रशासन व पुलिस के बीच सेटिंग से चलता है।
कांटा पर होता है बड़ा खेल
सूत्रों के मुताबिक , जब कोयला भरकर ट्रेलर वाहन तौल कराने के लिए कांटा पर जाते हैं। जहां निर्धारित क्षमता से एक टन अधिक होने पर पांच सौ से हजार रुपए तक कांटा पर तैनात कांटा बाबू को दिया जाता है। इसी तरह एक वाहन में पांच टन ओवरलोड है तो उसके एवज में 5 हजार रुपए से ज़्यादा कमीशन दिया जा रहा है। एनसीएल से कोयला ले रही संबंधित कंपनी कांटा पर अपने एक कर्मचारी को तैनात रखती है।
सबसे बड़ा सवाल क्या निगाही प्रबंधन इस खेल में वाकई में अनजान है..?
सूत्रों की माने तो निगाही परियोजना में नापतौल में गड़बड़ी के साथ लोडिंग साइड में भी बड़े पैमाने पर कोयले के ग्रेट में खेल चल रहा है। यह खेल जिम्मेदारों और ट्रांसपोर्टर के आपसी साठ गाठ से हो रहा है। इतना बड़ा खेल निगाही प्रबंधन के नाक के नीचे चल रहा और उन्हें भनक तक नहीं लग रही? प्रबंधन के इस अनदेखी से परियोजना को भारी चपत लग रहा।