SIngrauli News: Corruption of Municipal Corporation, payment of Rs 31 lakh for work worth Rs 7 lakh, notice issued
SIngrauli News : सिंगरौली। नगर निगम में भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी दीमक की तरह लगा हुआ है। जहां अपने चहेतों का लाभ पहुंचाने के लिए किसी हद तक जा सकतें हैं। ऐसा ही सनसनीखेज मामला नगर निगम के वार्ड क्र. 32 शिवाजी कॉम्पलेक्स परिसर में पाइप लाईन बिछाने के नाम पर एक ठेकेदार को 7 लाख रूपये के स्थान पर 31 लाख रूपये का भुगतान करा दिया।
आरोप है कि ननि के अधिकारियों ने कार्य का बगैर सत्यापन एवं मूल्याकन का ही खेला कर दिया। जांच उपरांत आयुक्त ने संबंधित ठेकेदार से रिकवरी करने का आदेश जारी किया है। वही कार्यपालन यंत्री सहित 7 कर्मचारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा। चर्चा है कि ठेकेदार से मिली भगत कर अधिकारियों ने पैसों का बंदर बांट कर लिया लेकिन ठेकेदार और अधिकारियों के मंसूबों पर पार्षदों ने पानी फेर दिया।
गौरतलब है कि नगर निगम के वार्ड क्रमांक 32 के शिवाजी परिसर में पाइपलाइन बिछाने का काम शिव कंस्ट्रक्शन कंपनी को करना था। लेकिन ठेकेदार ने अधिकारियों से सांठगांठ कर महज 7 लाख का काम कर 31 लाख का भुगतान ले लिया। जब इस घोटाले की शिकायत नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे ने किया तो एक टीम गठित कर काम की जांच कराई तो अधिकारियों का घोटाला सामने आ गया। जांच टीम पाया कि नगर निगम के ईई सहित अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने ठेकेदार के काम का सत्यापन और मूल्यांकन किए बिना उसे 31 लाख का भुगतान कर दिया।
पांच सदस्यीय जांच टीम ने पाया कि शहर में शिवाजी कांप्लेक्स पाइपलाइन बिछाई नहीं गई, लेकिन उनके नाम पर फर्जी बिल वी फाइल तैयार कर ली गई और भुगतान के लिए अधिकारियों ने निगम के लेखा विभाग को भेज दी। हैरानी इस बात की है कि ऑडिट विभाग और अकाउंट विभाग से बिल पास भी हो गया। हालांकि इस पाइपलाइन के 31 लाख के घोटाले में और अधिक घोटाले की आशंका है।
नगर निगम कमिश्नर ने बताया की के ईई व्हीपी उपाध्याय, एसडीओ पीके सिंह, उप यंत्री अनुज सिंह सहित अन्य 4 कर्मचारियों ने ठेकेदार के काम का सत्यापन और मूल्यांकन किए बिना 31 लाख का भुगतान कर दिया। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद ईई सहित सात कर्मचारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है और विभागीय जांच करने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा ठेकेदार से उस राशि की रिकवरी करने का भी आदेश जारी किया है जो नगर निगम के अधिकारियों ने ठेकेदार को पेमेंट कर दी थी।