Singrauli News: Singrauli has become a safe zone for coal adulteration, no action is taken
पूर्व में पदस्थ रहे कई पुलिस अधीक्षको ने चारकोल की गाड़ियों को मोरवा में प्रवेश पर लगाया था रोक
Singrauli News: सिंगरौली। देश में कोयले की बढ़ी मांग को देखते हुए कोल माफिया ऊर्जांचल में काफी सक्रिय है। लोहा फैक्ट्री का चूर्ण-कचरा (चारकोल) को भारी मात्रा में बाहर से लाकर कोयले में मिलावट कर दूर-दराज के तापीय परियोजनाओं में रेल मार्ग से भेजा जा रहा है। सिंगरौली जिले के अंतर्गत बरगवां व मोरवा रेलवे साइडिग पर हजारों टन चारकोल आ रहा है। जिसे कोयला में मिलाकर रेलवे रैक में लोड कर प्रेषण किया जा रहा है। ट्रांसपोर्टर उत्तम कोयला छांटकर मंडी में बिक्री के लिए भेज देते हैं। उसकी जगह पर चारकोल मिलाकर उद्योगों को प्रेषित कर रहे हैं। इस अवैध कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कोई विभाग पहल नहीं कर रहा है। सूत्र बताते है कि सिंगरौली जिले में डब्लूसीआर के गोदवादी व बरगवां रेलवे साइडिंग पर ट्रेडरों द्वारा फ़र्ज़ी पेपर व्यवस्था कर उत्तम क्वालिटी का कोयला छांटकर ट्रांसपोर्टरों द्वारा बचाया गया होता है उसे मार्केट में रेलवे द्वारा परिवहन कर बिक्री की जाती है इसलिए रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियो से साथ गाठ कर दस्तावेजों में हेरफेर कर बाहर बेचने के लिए भेज दिया जा रहा है। अगर अच्छे तरीके से इनके दस्तावेजों को जाँच हुई तो रेलवे के भी कई अधिकारियो के भी मिले होने के प्रामण मिल जायँगे। यानि की रेलवे के अधिकारियो की संलिप्तता को भी नकारा नहीं जा सकता।
गोदावरी के लिए सेफ जोन बना सिंगरौली
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि पूर्व में कृष्णशीला स्टेशन यार्ड में भी गोदावरी के द्वारा कार्य किया जा रहा था जॉच के बाद कार्य बंद हो गया था क्योंकि अवैध कार्य वहाँ भी जारी था। कृष्णशीला से बंद होने के बाद नया ठिकाना सलाई बनवा रेलवे स्टेशन यार्ड बनाया था जांच पड़ताल के बाद यहां से भी अवैध कारोबार बन्द हो गया था। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के रेलवे स्टेशन यार्ड से कार्य बंद होने पर नया तीसरा ठिकाना सिंगरौली स्टेशन यार्ड बन गया हैं और चौथा ठिकाना बरगवां स्टेशन यार्ड बन गया हैं जहां से चारकोल को कोयला में मिक्स कर रेलवे बोगी में भेजा जाता हैं इस खेल में स्थानीय पुलिस और रेलवे विभाग के अधिकारियों के मौन धारण से चल रहा हैं अवैध कारोबार। सिंगरौली के सिंह की पकड़ चोपन रेलवे विभाग के सिंह से होने से यार्ड में अवैध कारोबार का खेल जारी है। चारकोल का कारोबारी सिंगरौली का भाजपा नेता है इसलिए अवैध कोयले में मिलावट को लेकर प्रशासन निष्क्रिय होने से नाक के नीचे हो रहा है अवैध कारोबार। चारकोल जहां से खरीददारी की जाती हैं वहा से सिंगरौली में जो पेपर बने हैं न तो उत्तर प्रदेश पुलिस चेकिंग करने कभी गई है और न ही मध्य प्रदेश में गाड़ियों के प्रवेश पर पाबंदी ही लगाई है।
पूर्व एसपी ने नहीं आने दिया था चारकोल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक यदि चाह ले तो मिलावटी का खेल बंद हो सकता हैं जैसे पूर्व में सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक रहे अनुराग, जयदेवन, वीरेंद्र कुमार सिंह ने अपने कार्यकाल में चारकोल कोयला में मिलावटी के खेल को पनपने नहीं दिया। सिंगरौली पुलिस अधीक्षक की कुर्सी पर बैठे वीरेंद्र कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान एक व्यक्ति की शिकायत पर तुरन्त एक्शन लिया और चारकोल की गाड़ियों को मध्य प्रदेश की सीमा मोरवा में प्रवेश पर रोक दिया था आज जिले के एसपी की कौन सी मजबूरी है कि चारकोल के खेल को रोकने में विफल है।
निजी लाभ के कारण मूकदर्शक बने हैं कई राज्यों के जिम्मेदार अधिकारी
सूत्रों की मानें तो रामगढ़ झारखंड से गाड़ियां चलती हैं झारखंड पुलिस देखकर अनदेखी कर रही है। इस अनदेखी के पीछे निजी लाभ के चलते कार्यवाही करने के बजाय अनदेखी कर रही हैं। इतना ही नहीं जैसे ही उत्तर प्रदेश के जिला सोनभद्र में दाखिल होती है वैसे ही थाना विंधमगंज, दुद्धी, पिपरी और अनपरा आता है इस थाना क्षेत्र में सिंगरौली रोड जगदीश मौर्या के घर के सामने और आस पास में ही गाड़िया खड़ी रहती हैं गाड़ियों की दिशा सिंगरौली की ओर न कर औडीमोड़ की ओर खड़ी कर लगा देते है इतना ही नहीं पुलिया के पास भारत बेंज के सामने भी कई गाड़ियां खड़ी रहती है इतना ही नहीं आरपीएल पेट्रोल पंप के सामने भी सड़क मार्ग के किनारे खड़ी रहती हैं सिंगरौली से जब दुलापाथर वापस लौटते समय प्रायः देखने को मिल सकती हैं। सुभाष बालिका इण्टर कॉलेज के सामने स्थित पेट्रोल पंप के सामने भी चारलोक की गाड़ियां खड़ी रहती है। स्थानीय अनपरा पुलिस भी यह जानने की कोशिश नहीं करती है कि यह गाड़ियां यहाँ क्यों खड़ी रहती है और चारकोल लेकर जाती कहा है। अनपरा पुलिस यदि चाह ले तो चल रहे मोरवा सिंगरौली कोल यार्ड से बड़ा फर्दाफाश कर सकती हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस को चाहिए कि वह इस अवैध खेल कारोबार को बंद कर सकती हैं। चारकोल के सिंडिकेट का सरगना भाजपा नेता है इसलिए पुलिस मौन रहती हैं।
गोदावरी और प्रापक कोल कंपनी (डीएस ) पर आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोदावरी और प्रापक कोल कंपनियों पर विशेष रूप से कोयले में मिलावट का आरोप लगाया जा रहा है। इन कंपनियों पर बरगवां, और मोरवा रेलवे साइडिंग पर मिलावटी कोयला मालगाड़ियों में लोडिंग कराने का आरोप है। आरोप है कि झारखड के रामगढ़ से चारकोल व क्रेशर प्लांटों से स्टोन डस्ट लाकर कोयले में मिलाया जा रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। काफी अर्से से चल रहा यह मिलावट का खेल जारी है।