Republic Day 2025: Tribute will be paid to Ratan Tata in Jharkhand's tableau on the path of duty
Republic Day 2025 : गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर इस साल झारखंड की झांकी में जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी जाएगी जिनका 86 वर्ष की उम्र में 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया था। इस बार झारखंड की झांकी में मुख्य आकर्षण जमशेदपुर होगा, वह शहर जिसके विकास में रतन टाटा का काफी योगदान रहा था। यह देश के पहले ‘स्टील सिटी’ के रूप में भी जाना जाता है। स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के संगम पर दक्षिण-पूर्वी झारखंड में स्थित जमशेदपुर देश की औद्योगिक शक्ति का प्रतीक है।
जमशेदपुर है झारखंड का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र
जमशेदजी टाटा के नाम पर, जिन्होंने 1907 में वहां एक स्टील प्लांट स्थापित किया था, जमशेदपुर झारखंड का सबसे बड़ा शहरी केंद्र और एक महत्वपूर्ण औद्योगिक तथा परिवहन केंद्र है। इस साल की झांकी में झारखंड के विकास में रतन टाटा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है। झांकी में टाटानगर के नाम से विख्यात जमशेदपुर की औद्योगिक इकाइयों का एक मनोरम दृश्य भी प्रस्तुत किया जाएगा।
झांकी में झारखंड के पारंपरिक नृत्य, हस्तशिल्प और कला को प्रदर्शित किया जाएगा
औद्योगिक उपलब्धियों के साथ-साथ, इस झांकी में झारखंड के पारंपरिक नृत्य रूपों, हस्तशिल्प और कला को भी प्रदर्शित किया जाएगा। आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई गई सोहराई और खोबर पेंटिंग मुख्य आकर्षण होंगी। झारखंड के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की उप निदेशक शालिनी वर्मा ने बताया, “इस बार हमने रतन टाटा को सम्मानित करने का फैसला किया है। इसके साथ ही हमने महिला सशक्तिकरण को भी दर्शाया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे वे काम करके रोजगार पैदा करती हैं।”
औद्योगीकरण और शिक्षा दोनों ही विकसित भारत और विकसित झारखंड के प्रतीक
उन्होंने कहा, “हमने शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया है। औद्योगीकरण और शिक्षा, दोनों ही विकसित भारत और विकसित झारखंड को दर्शाते हैं।” झांकी के मध्य भाग में पारंपरिक हस्तशिल्प बनाने में लगी ग्रामीण महिलाओं को दिखाया जाएगा, जो विरासत और विकास के एकीकरण का प्रतीक है। यह तत्व दर्शाता है कि झारखंड की परंपराएं और संसाधन किस तरह से राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे रहे हैं, जो “विरासत और विकास” की थीम को दर्शाता है। सरायकेला का यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल छऊ नृत्य को भी झांकी के मुख्य तत्व के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। पौराणिक विषयों पर आधारित यह पारंपरिक नृत्य राज्य की गतिशील सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगा।
इस साल कर्तव्य पथ पर 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी
इस साल कर्तव्य पथ पर 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां होंगी। इसके अलावा केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग भी इन झांकियों में अपनी उपलब्धियों को दिखाएंगे। झारखंड की झांकी में पिछले कई मौकों पर ‘तसर सिल्क’ और बाबा बैद्यनाथ मंदिर को दर्शाया जा चुका है। यह झांकी पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा के परिवर्तनकारी विजन के प्रति एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने झारखंड की पहचान और भविष्य को आकार देने में मदद की।