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World Heritage List: राम राजा की नगरी ओरछा विश्व धरोहर सूची में होगी शामिल, यूनेस्को ने डाेजियर काे

Rama Posted on: 2024-10-17 11:27:00 Viewer: 193 Comments: 0 Country: India City: Delhi

World Heritage List: राम राजा की नगरी ओरछा विश्व धरोहर सूची में होगी शामिल, यूनेस्को ने डाेजियर काे World Heritage List: Ram Raja's city Orchha will be included in the World Heritage List, UNESCO accepted the dossier

World Heritage List: यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में राम राजा की नगरी ओरछा को भी शामिल कर लिया गया है। इस ऐतिहासिक समूह को नामांकित कराने के लिये मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा तैयार कराये गए डोजियर (संकलित दस्तावेज) को केंद्र सरकार ने यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी को सौंप दिया है। वर्ष 2027-28 के लिये केंद्र द्वारा ओरछा के ऐतिहासिक समूह को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने हेतु अनुशंसा की है।

ओरक्षा काे विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए डाेजियर स्वीकार
पेरिस स्थित यूनेस्को कार्यालय में भारतीय राजदूत विशाल वी शर्मा ने यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र के निदेशक लाजारे एलौंडौ असोमो को ओरछा का डोजियर सौंपा है। यूनेस्काे ने ओरक्षा काे विश्व धराेहर सूची में शामिल करने के लिए तैयार डोजियर काे स्वीकार कर लिया है। यूनेस्को की आधिकारिक घोषणा के बाद ओरछा देश की ऐसी एकमात्र विश्व धरोहर स्थली होगी, जो राज्य संरक्षित है।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने और पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के सतत प्रयास किये जा रहे हैं। प्रमुख सचिव शुक्ला ने यूनेस्को द्वारा डोजियर को स्वीकार किए जाने पर हर्ष जताते हुए कहा कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। ओरछा अपनी अद्वितीय स्थापत्य शैली और समृद्ध ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। विश्व धरोहर सूची में नामांकित होने से ओरछा की ऐतिहासिक धरोहरों की वैश्विक पहचान को और मजबूती मिलेगी। साथ ही ओरछा अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा।

यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में प्रदेश के 14 स्थल शामिल

यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में प्रदेश के 14 स्थल शामिल है। खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं एवं सांची स्तूप यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल स्थायी सूची में शामिल हैं। यूनेस्को की टेंटेटिव सूचि में ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खुनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू में स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी शामिल है।

पिछले 5 वर्षों के सतत प्रयासों से मिली सफलता

म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा ओरछा और भेड़ाघाट को यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में शामिल कराने के लिए क्रमशः 2019 एवं 2021 में प्रस्ताव तैयार कराया गया था। जिसको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) द्वारा योग्य मानते हुए यूनेस्को के विश्व धरोहर अनुभाग को अग्रसित किया और फिर टेंटेटिव लिस्ट में सम्मिलित करने की घोषणा की गई थी। घोषणा के बाद टूरिज्म बोर्ड द्वारा विशेषज्ञ संस्थाओं के सहयोग से ओरछा, मांडू, भेड़ाघाट के डोजियर तैयार कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजा गया। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रारंभिक निरीक्षण कर ओरछा का डोजियर को अनुशंसित कर यूनेस्को के विश्व धरोहर अनुभाग को सौंपा गया।

मानवता की साझा विरासत में योगदान

भारतीय राजदूत विशाल वी शर्मा ने यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र के निदेशक लाजारे एलौंडौ असोमो, को डोजियर सौंपते हुए कहा कि विश्‍व धरोहर समिति की वर्ष 2027-2028 की बैठक में विचार के लिये मध्‍य प्रदेश में ओरछा के ऐतिहासिक समूह के लिए नामांकन डोजियर प्रस्‍तुत करना बहुत सम्‍मान की बात है। उन्होंने सांस्‍कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण, मध्‍यप्रदेश राज्‍य सरकार और उनके अधिकारियों को उनके उत्‍कृष्‍ट समन्‍वय और इस नामांकन डोजियर को समय पर प्रस्‍तुतिकरण के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ओरछा का ऐतिहासिक समूह भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक ओर स्‍थापत्‍य विरासत को प्रदर्शित करता है। ओरछा के नामांकन डोजियर को प्रस्तुत करके हम मानवता की साझा विरासत में योगदान करने और इसके अद्वितीय सांस्‍कृतिक महत्‍व की वैश्विक मान्‍यता को बढ़ावा देने की आशा करते है। उन्होंने यूनेस्‍को की सराहना करते हुए विश्‍व धरोहर समिति से ओरछा के डोजियर पर सकारात्‍मक विचार करने की आशा की है।

ओरछा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का विवरण

–बुंदेला स्थापत्य शैली: ओरछा का स्थापत्य बुंदेला शासकों द्वारा विकसित किया गया था, जो अद्वितीय स्थापत्य शैली का प्रतीक है, जिसमें महलों, मंदिरों, और किलों का समावेश है।

–जहांगीर महल: ओरछा का प्रसिद्ध जहांगीर महल, मुगल और राजपूत स्थापत्य का अनूठा संगम है। इसे मुगल सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए बनवाया गया था।

–राजा राम मंदिर: भारत में एकमात्र ऐसा मंदिर जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। यह ओरछा की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है।

–चतुर्भुज मंदिर: यह विशाल और भव्य मंदिर अनूठी वास्तुकला की उत्कृष्ट मिसाल है।

–ओरछा किला परिसर: ओरछा का किला परिसर बुंदेलखंड क्षेत्र की शक्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जिसमें महल, दरबार हॉल, और अन्य ऐतिहासिक संरचनाएं शामिल हैं।

–बेतवा नदी का किनारा: ओरछा बेतवा नदी के किनारे स्थित है, जो इसे प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है और इसे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक यात्रा के लिए आकर्षक बनाता है।

–शाही छत्रियां: बेतवा नदी के किनारे स्थित ओरछा की शाही छत्रियां बुंदेला राजाओं की स्मृति में बनवाई गईं और शाही वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण हैं।

–अमर महल और लक्ष्मी नारायण मंदिर: इन मंदिरों में की गई भित्ति चित्रकारी और वास्तुकला बुंदेला शासकों की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक योगदान को दर्शाती है।

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