Singrauli News: If demands are not met, NCL mines will be closed on June 5
सिंगरौली विस्थापित संघर्ष समिति का एनसीएल को अल्टीमेटम
Singrauli News: बीते 18 मई को सिंगरौली विस्थापन संघर्ष समिति ने एक जनसभा आयोजित कर लोगों को अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया था। सिंगरौली के पूर्व विधायक रामलल्लू वैश्य के नेतृत्व में हुई इस सभा के दौरान जहां रामलल्लू वैश्य ने स्थानीय लोगों से नोटिस न लेने की अपील की थी तो वही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी समेत अन्य वक्ताओं ने भी मंच से चेताया था कि यदि 10 दिनों के भीतर सार्थक पहल होती नहीं दिखती है तो वह एनसीएल के उत्पादन एवं प्रेषण रोकने को मजबूर होंगे। इसी के तहत सोमवार को सिंगरौली विस्थापित संघर्ष समिति के अध्यक्ष रंजीत शर्मा समेत सुशीला सिंह व अन्य लोगों ने एनसीएल मुख्यालय को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराते हुए अल्टीमेटम दिया कि यदि उनकी मांगों पर 31 मई तक विचार कर पूरा नहीं किया गया तो वह आगामी 5 जून को उत्पादन रोको अभियान के तहत जयंत एवं दूधिचुआ खदान का प्रोडक्शन बाधित करेंगे। उनका मानना है कि शासकीय भूमि, वन भूमि अथवा अनुबंध के अंतर्गत आने वाली भूमि पर लंबे समय से अपने आशियाने बनाकर जीवन यापन कर रहे लोग एनसीएल की इस विस्थापन की प्रक्रिया से व्यथित हैं। एनसीएल प्रबंधन ऐसी स्थिति में उनके साथ दोहरे मापदंड अपना रहा है।
इसी बात से छुब्ध लोगों ने अमित तिवारी के मार्गदर्शन में समिति बनाकर कुल 10 सूत्री मांग को लेकर यह आह्वान छेड़ा है। जिसमे शासकीय भूमि पर बसे लोगों को भी विस्थापित मानते हुए, पट्टेदारों के समान ही सभी प्रकार के लाभ प्रदान करने समेत शासकीय भूमि, वन भूमि एवं अनुबंधित भूमि पर निर्मित सभी आवासों के स्वामियों को 15 लाख की सम्मानजनक राशि प्रदान करने, उनके प्रत्येक परिवार के सभी पात्र सदस्यों को 15-15 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने, आवासों के संपूर्ण क्षेत्रफल का उचित सोलेशियम प्रदान करने, एकमुश्त विस्थापन भते की राशि को वर्तमान 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किये जाने, पुनर्वास स्थल पूर्ण विकसित कर तब उन्हें प्लॉट आवंटित करने समेत कुल 10 मांगे शामिल है।