Singrauli News: Animal traders' pockets robbed in Khutar Panchayat, public representatives and
अधिकारियों की सह पर अवैध वसूली!
पंचायती क्षेत्र में नगर निगम की पर्ची से हो रही अवैध वसूली
Singrauli News: सिंगरौली। जिले की खुटार पंचायत स्थित साप्ताहिक बाजार इन दिनों अवैध वसूली और प्रशासनिक लापरवाही का अड्डा बन चुका है। जहां एक ओर दूर-दराज से किसान व पशुपालक अपने उपयोग हेतु बैल, गाय, बकरी जैसे पशुओं की खरीदी-बिक्री करने यहां आते हैं, वहीं दूसरी ओर इस मासूम जरूरत को मुनाफाखोरी और भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में नगर निगम की अवैध दखलअंदाजी!
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बाजार क्षेत्र ग्राम पंचायत खुटार के अंतर्गत आता है, लेकिन यहां अवैध रूप से नगर पालिक निगम सिंगरौली की पर्चियां चल रही हैं। उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र नगर निगम की सीमा में आता ही नहीं है, फिर भी नगर निगम के अधिकारी के संरक्षण में यहां अवैध रूप से शुल्क वसूला जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि यह नगर निगम क्षेत्र नहीं है, तो उन्हें राहत की उम्मीद जगी थी, लेकिन हकीकत इसके उलट निकली। यहां प्रति पशु ₹20 का वैध पंचायत टैक्स होना चाहिए, लेकिन नगर निगम के नाम पर ₹500 से ₹800 तक की भारी भरकम अवैध वसूली की जा रही है।
पुलिस और ठेकेदार की मिलीभगत, खुलेआम उगाही
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां ठेकेदारों द्वारा पुलिस के नाम पर भी मोटी रकम की वसूली की जाती है। पशुओं के व्यापार में लगे किसानों और मजदूरों से खुलेआम यह धनराशि उगाही जाती है। पुलिस, पंचायत, और नगर निगम के जिम्मेदार अफसर इस गोरखधंधे पर आंखें मूंदे बैठे हैं, जिससे यह संदेह और गहराता जा रहा है कि इन सबमें मिलीभगत है।
पशु तस्करी का भी आरोप, जिम्मेदार बेखबर!
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि खुटार बाजार में पशु तस्करी का गोरखधंधा भी जोरों पर है। पशुओं को ले जाने वाले कई वाहन संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त देखे गए हैं। इनका न तो कोई पंजीयन होता है, न ही निगरानी। यह भी आशंका जताई जा रही है कि इन अवैध गतिविधियों को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है।
ग्राहकों में नाराजगी, उठी जांच की मांग
बाजार में खरीददारी करने आए कई लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह किसानों और पशुपालकों की जेब पर डाका डालने जैसा है। पंचायत टैक्स के नाम पर एक लिमिट तय होती है, लेकिन यहां तो मनमर्जी से वसूली हो रही है। लोगों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाए।
प्रशासनिक चुप्पी बनी सवालों के घेरे में
जिला प्रशासन की चुप्पी और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही ने इस पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। एक ओर सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत में जिम्मेदारों की मिलीभगत से ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला कलेक्टर व वरिष्ठ अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या इस अवैध वसूली के नेटवर्क को उजागर कर दोषियों पर कार्रवाई की जाती है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबकर रह जाएगा।
इनका कहना है।
जब इस सम्बन्ध में नगर निगम आयुक्त दया किशन शर्मा से बात कि गयी तो उन्होंने बताया कि हमारी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है वैसे भी खुटार नगर निगम क्षेत्र में नहीं आता है मै मामले की जाँच करवाता हूँ।