Singrauli curfew News: Black date is recorded in the pages of Singrauli history
सिंगरौली जिले के पहले कर्फ्यू के आज 9 साल पूरे
SIngrauli Mirror News : सिंगरौली: उर्जाधानी सिंगरौली आद्योगिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है वैसे तो मध्यप्रदेश का सिंगरौली जिला अपने प्राकृतिक संसाधनों एवं उद्योगों को अपने अंदर समेटे हुए हैं आमतौर पर या जिला बेहद शांत जिला है परंतु सिंगरौली जिले के इतिहास का 12 दिसंबर 2013 की तारीख इतिहास के पन्नों पर एक बुरे सपने की तरह दर्ज हो चुकी है दरअसल यह वही तारीख है जब सिंगरौली जैसे शांत जिले में पहली दफा कर्फ्यू लगा था एवं कर्फ्यू का दाग सिंगरौली जिले के दामन पर आने के बाद 12 दिसंबर की तारीख जिला मुख्यालय के लोगों को कभी ना भूलने वाली तारीख बन गई। दरशल मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक युवक की संदिग्ध हालत में हुई मौत को लेकर हिंसा भड़क उठी थी। भीड़ ने सरकारी वाहन फूंक दिए। हालात पर काबू करने के लिए पुलिस ने गोली चलाई इसमें एक युवक की मौत हो गई।एहतियात के तौर पर सिंगरौली जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया। सिंगरौली जिले में एक युवक की संदिग्ध हालत में हुई मौत को लेकर भड़की हिंसा के बाद पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई, वही बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। तत्कालीन जिलाधिकारी एमएम सेलवेंद्रन ने हालात पर काबू पाने के लिए शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। बैढ़न थाना क्षेत्र के बिलौजी गांव के एक युवक अखिलेश शाह को पुलिस ने एक मामले में हिरासत में लिया था, मगर शुक्रवार को उसका शव एक कुएं में मिलने पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा।
भीड़ ने बैढ़न थाने का घेराव कर पथराव शुरू कर दिया। इतना ही नहीं भीड़ जिला मुख्यालय में सड़क पर उतर आई। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके बाद मौके पर पहुंचे अफसरों की गाड़ी में भीड़ ने आग लगा दी। पुलिस ने भीड़ पर गोलियां भी चलाई है। कई प्रदर्शनकारियों को गोली लगी है।
बिगड़ते हालात पर काबू पाने के आसपास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुला लिया गया था। घायलों का जिला चिकित्सालय में उपचार चला। जिले में फैली अशांति एवं उपद्रव के मामले में संबंधित घटना से प्रदेश में हलचल मच गई थी संबंधित घटना की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगते ही संबंधित मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए थे
भोपाल में पुलिस मुख्यालय में हालात पर चर्चा के लिए तत्कालीन पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। रीवा के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक आर.के. गुप्ता को सिंगरौली भेजा गया था।
लोगों के जेहन में ताज़ा है घटना
इस घटना को भले ही आज 9 साल पूरे हो चुके हैं परंतु जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में संबंधित घटनाक्रम को लेकर आज भी लोगों के जेहन में वह घटना ताजा है एवं लोगों का कहना है कि भविष्य में इस प्रकार की कोई भी अनहोनी ना हो।