Without standard helmet: The government has taken strict action against those selling non-standard helmets
Without standard helmet: केंद्र सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ाने और उपभोक्ताओं को खराब किस्म की हेलमेट से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने और उपभोक्ताओं को गैर-मानक हेलमेट से बचाने के लिए देशभर के जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का आह्वान किया है।
दरअसल सरकार ने दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है लेकिन देखा जा रहा है कि बाजार में बिना मानक वाले हेलमेट बेचे जा रहे हैं। ऐसे हेलमेट सुरक्षा के मानक पर खरे नहीं होते हैं। इसके कारण देश में सड़क हादसे में हर वर्ष लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ती है। इनमें दो पहिया वाहन चालकों की संख्या सबसे ज्यादा है। ये कदम बाजार में उपलब्ध हेलमेट की गुणवत्ता और सड़क पर जीवन की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया जा रहा है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि इस अभियान के तहत दोपहिया चालकों के लिए बिना मानक वाले हेलमेट बेचने वाले निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं पर कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में इस बात का जिक्र है कि सड़क किनारे बिना मानक हेलमेट जिनके पास भारतीय मानक ब्यूरो का प्रमाणन नहीं है, उनको भी बेचा जा रहा है। यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और इससे सड़क हादसे में कई मौतें होती हैं। ऐसे में इस मुद्दे से निपटने की तत्काल कदम उठाना जरूरी है।
सरकार ने भारतीय मानक ब्यूरो से प्राप्त लाइसेंस के बिना काम करने वाले या नकली आईएसआई मार्क का उपयोग करने वाले निर्माताओं के साथ-साथ बिना मानक उत्पादों को उपभोक्ताओं को बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि आम लोगों के बीच हेलमेट को लेकर व्यापक जागरुकता फैलाना जरूरी है। हेलमेट जीवन बचाते हैं लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों। यह अभियान बाजार से बिना मानक वाले हेलमेट को हटाने और उपभोक्ताओं को बीआईएस-प्रमाणित उत्पादों के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए जरूरी है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने कहा कि हम सभी हितधारकों से हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करते हैं। खरे ने बताया कि आज तक हेलमेट निर्माताओं के 162 लाइसेंस रद्द या समाप्त हो चुके हैं। इसके अलावा 4151:2015 के संबंध में बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग या QCO के उल्लंघन पर कुल 27 तलाशी और जब्ती की गई है और विभिन्न अदालतों में मामले दर्ज किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक जून, 2021 को देश में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया है। इसमें अनिवार्य किया गया कि सभी हेलमेट के निर्माताओं और विक्रेताओं को बीआईएस मानक आईएस 4151: 2015 का पालन करना आवश्यक है।