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Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद हादसे के बाद बीमा कंपनियों को कितना करना पड़ेगा भुगतान? क्या है नियम

Rama Posted on: 2025-06-13 15:06:00 Viewer: 143 Comments: 0 Country: India City: Ahmedabad

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद हादसे के बाद बीमा कंपनियों को कितना करना पड़ेगा भुगतान? क्या है नियम Ahmedabad Plane Crash: How much will insurance companies have to pay after the Ahmedabad accident? What are the rules, know

Air India Plane Crash: एविएशन उद्योग के जानकारों का मानना है कि एयर इंडिया का हादसे का शिकार प्लेन बोइंग ड्रीमलाइन 787-8 था। इस जेट के क्रैश से जुड़ा इंश्योरेंस क्लेम 21 करोड डॉलर से 28 करोड़ डॉलर के बीच हो सकता है। भारतीय मुद्रा में यह राशि 2,400 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास गुरुवार को हुआ एयर इंडिया विमान हादसा देश में अब तक का सबसे महंगा विमान हादसा साबित हो सकता है। ऐसी आशंका बीमा कंपनी और एयरलाइन के बीच करार को देखते हुए आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस हादसे के बाद बीमा कंपनियों को को एविएशन इंश्योरेंस क्लेम के रूप में अभूतपूर्व राशि चुकानी पड़ सकती है। अहमदाबाद विमान हादसे में विमान पर सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई और विमान पूरी तरह तबाह हो गया। हादसे की चपेट में आकर कई आम लोग भी अपनी जान गंवा बैठे।

बीमा कंपनियों को कितनी राशि का भुगतान करना पड़ सकता है?
एविएशन उद्योग के जानकारों का मानना है कि एयर इंडिया का हादसे का शिकार प्लेन बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 था। इस जेट के क्रैश से जुड़ा इंश्योरेंस क्लेम 21 करोड डॉलर से 28 करोड़ डॉलर के बीच हो सकता है। भारतीय मुद्रा में यह राशि 2,400 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।

विमानों के बीमा में क्या-क्या होता है शामिल?
विमान हादसों के मामलों में एयरलाइन कंपनियां आमतौर पर एयरक्राफ्ट हुल इंश्योरेंस, स्पेयर पार्ट्स इंश्योरेंस और कानूनी जिम्मेदारियों (लीगल लायबिलिटी) के लिए इंश्योरेंस लेती हैं। इस मामले में एयर इंडिया की ओर से लिया गया इंश्योरेंस दोनों ही हिस्सों- यानी विमान की क्षति और यात्रियों की मौत, दोनों को कवर करता है। खबरों के अनुसार एअर इंडिया ने अपने विमान का बीमा जीआईसी आरई और टाटा एआईजी से करा रखा है। ऐसे में हादसे के बाद इंश्योरेंश क्लेम की राशि इन्ही दोनों कंपनियों को चुकानी है।

कैसे तय की जाती है बीमा क्लेम की राशि?
एविएशन इंश्योरेंशन से जुड़े जानकारों के अनुसार, ऐसे मामलों में एयरक्राफ्ट का घोषित मूल्य इंश्योरेंस कंपनी को बताया जाता है और उसी के आधार पर नुकसान का मूल्यांकन होता है। इस हादसे में शामिल एयरक्राफ्ट (VT-ABN) एक 2013 मॉडल का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था। इसकी इंश्योरेंस वैल्यू वर्ष 2021 में करीब 115 मिलियन डॉलर थी। हालांकि इस क्लास के विमानों की मौजूदा वैल्यू 211 से 280 मिलियन डॉलर के बीच मानी जा रही है, जो उसकी उम्र और कॉन्फिगरेशन पर निर्भर करती है।

वॉर और आतंकी हमले के कवर का असर कैसे कवर होता है?
जानकार बताते हैं कि एयरलाइंस कंपनियां आमतौर पर एक अतिरिक्त कवर भी लेती हैं जिसे हुल वॉर रिस्क इंश्योरेंस कहा जाता है। अगर दुर्घटना आतंकवादी हमले या युद्ध जैसे हालातों की वजह से होती है, तो यह कवर भी एक्टिवेट हो सकता है। हालांकि, इस मामले में ऐसी कोई पुष्टि नहीं की गई है।

क्या इंश्योरेंस और रीइंश्योरेंस कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा?
इस दुर्घटना में सबसे बड़ा क्लेम यात्रियों और थर्ड पार्टी के नुकसान को लेकर होगा। चूंकि विमान रिहायशी इलाके में गिरा, इससे थर्ड पार्टी को भी नुकसान हुआ है। इस तरह के क्लेम अक्सर कई इंश्योरेंस और रीइंश्योरेंस कंपनियों में बांटे जाते हैं।

यात्रियों के परिवारों को मुआवजे की गणना कैसे होगी?
मृत यात्रियों के परिवारों को मिलने वाला मुआवजा Montreal Convention 1999 के तहत तय किया जाएगा, जिसमें भारत 2009 में शामिल हुआ था। इसके अनुसार, एक व्यक्ति के लिए 128,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) तक मुआवजा दिया जा सकता है। अक्तूबर 2024 तक के रेट के मुताबिक यह राशि करीब 1.33 डॉलर प्रति एसडीआर यानी भारतीय रुपयों में करीब 120 रुपये होती है। यानी इस मामले में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिजन को करीब एक करोड़ 54 लाख तक की राशि का भुगतान बीमा कंपनियों को करना पड़ सकता है

टाटा ग्रुप ने की कितनी सहायता की घोषणा की है?
चूंकि एयर इंडिया अब टाटा ग्रुप का हिस्सा है, इसलिए समूह ने इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक यात्री के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता देने की घोषणा की है। हालांकि अंतिम मुआवजा इंश्योरेंस के नियमों के तहत तय होगा।

इंश्योरेंस सेक्टर पर क्या असर पड़ सकता है?
इंश्योरेंस इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि यह हादसा भारत के एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। वर्तमान में भारत का एविएशन इंश्योरेंस मार्केट लगभग 900 करोड़ रुपये का है। हालांकि बड़े क्लेम सामान्यतः रीइंश्योर्ड होते हैं, फिर भी इस दुर्घटना के कारण भविष्य में प्रीमियम की दरों में बढ़ोतरी की आशंका है।

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