Singrauli News: "Yes Video Vision" operator accused of illegal recovery in the name of Aadhar card correction
जिले में निजी सेवा केंद्र के संचालक आधार कार्ड में सुधार को लेकर गरीबों से वसूल रहे मोटी रकम
Singrauli News: आधार कार्ड सरकार की नागरिकता और सरकारी की विभिन्न योजनाओं के लिए अनिवार्य कर दिया है लेकिन उसे बनवाने और सुधार कराने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। फ्री में सुधार होने वाले काम के आधार केंद्र संचालक हजारों रुपए वसूल रहे है। जबकि यह वसूली कलेक्ट्रेड कार्यालय के सामने, और जिले भर में जहाँ भी खुले है निजी सेवा केंद्र वहाँ हो रही अवैध वसूली। इस अवैध वसूली की रोक के लिए ई- गवर्नेस विभाग सामने नहीं आ रहा है। जिसके कारण आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सिंगरौली जिले में आधार कार्ड सुधार से जुड़े कार्यों में लगातार अनियमितताओं की खबरें आये दिन सामने आ रही हैं। अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें जिले के "यस वीडियो विजन" नामक एक निजी सेवा केंद्र के संचालक पर गरीब मजदूरों से अवैध वसूली और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों और पीड़ितों के अनुसार, आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि में संशोधन कराने के लिए शासन द्वारा ₹50 की अधिकतम निर्धारित शुल्क तय की गई है। लेकिन यस वीडियो विजन केंद्र पर ₹100 से लेकर ₹1000 तक मनमानी वसूली की जा रही है। यह अवैध वसूली खासकर उन ग्रामीण मजदूरों से की जा रही है, जो अपने कार्यस्थल या सरकारी योजनाओं के लाभ लेने हेतु आधार कार्ड में त्रुटि सुधार के लिए मजबूरन इस निजी केंद्र का रुख करते हैं।
नगर और जिले में आधार कार्ड केंद्र बनाए गए है। इन केंद्रों पर आधार कार्ड सुधार के कोई नियम और शर्ते नहीं लिखी है। जिसके कारण आधार केंद्र संचालक जीरो से 5 वर्ष तक के नवीन आधार कार्ड, जीरो से 15 वर्ष तक के आधार कार्ड अपडेट, फुल अपडेट आधार कार्ड, पता सुधार, जन्मतिथि सुधार, नाम और जाति सुधार के नाम पर सैकड़ों लोगों से हजारों रुपए वसूले जा रहे है। मामले की शिकायत के लिए कोई संंपर्क नंबर भी नहीं है। जिसके कारण आम जनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नाम और जाति सुधार पर लिए ज़्यादा रुपए
मिली जानकारी के अनुसार उपभोक्ता सतरूपा ने जन्म तिथि सुधार करवाया है। जिससे 500 रुपए लिए गए है। हेमंत ने बच्चे की डिटेल्स अपडेट कराया था। आधार केंद्र संचालक ने उससे भी ज्यादा रुपए ले लिए है। लोगों ने बताया कि नया आधार कार्ड बनाने का 200 रुपए लिए है। इसके साथ ही 100 रुपए से लेकर 2000 रुपए वसूले जा रहे है। जबकि आधार कार्ड सुधार, अपडेट के साथ मोबाइल नंबर दर्ज कराने की फीस 50 रुपए से लेकर 100 रुपए है। उसके बाद आधार केंद्र संचालक आमजनों से हजारों रुपए वसूल रहे है।
क्लोन फिंगरप्रिंट का उपयोग कर चलाते है दूसरे की आईडी
सबसे गंभीर आरोप यह है कि संचालक द्वारा लोगों के क्लोन फिंगरप्रिंट का उपयोग कर फर्जी तरीके से दूसरे की आईडी उपयोग कर अपडेट प्रक्रिया चलाई जा रही है। इससे यह संदेह भी प्रबल हो रहा है कि एक ही आई डी का उपयोग कर कई स्थानों पर अपडेटिंग की प्रक्रिया की जा रही है, जिससे डाटा की सुरक्षा और व्यक्ति की गोपनीयता पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल?
इन सभी गड़बड़ियों के बावजूद प्रशासन और संबंधित विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है। लोगों में यह चर्चा है कि या तो अधिकारियों को इसकी भनक नहीं है, या जानबूझकर आंखें मूंद ली गई हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने इस विषय में कई बार मौखिक शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में गरीब मजदूरों और ग्रामीणों में गहरा आक्रोश और निराशा व्याप्त है। यदि शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को उजागर करेगा, बल्कि बड़ा डाटा फ्रॉड या पहचान चोरी का मामला भी सामने आ सकता है, जिसकी कीमत आम नागरिकों को भुगतनी पड़ सकती है।