Singrauli News: The victim demanded the removal of Sarai police station in-charge from the DGP
कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने से आहत पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप
Singrauli News: सिंगरौली। जिले के सरई थाना क्षेत्र से एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है, जहाँ एक पीड़िता महिला ने सरई थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। पीड़िता दुर्गावती जायसवाल निवासी ग्राम भरसेड़ा, तहसील सरई की रहने वाली महिला ने बताया कि उसकी मां सुशीला देवी जायसवाल की हत्या दिनांक 20 मई 2025 को दोपहर लगभग 12:30 बजे उनके ही परिजन कमलभान जायसवाल, चन्द्रमालाल जायसवाल, धर्मेन्द्र जायसवाल उर्फ जुगनू और नोहरलाल जायसवाल द्वारा कर दी गई। महिला ने घटना के तत्काल बाद सरई थाना में सूचना दी, लेकिन थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब यह मामला सीएम हेल्पलाइन (शिकायत संख्या 32426135) और पुलिस अधीक्षक सिंगरौली के संज्ञान में आया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई। लेकिन इसके बावजूद दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
महिला का आरोप है कि सरई थाना प्रभारी राजनीतिक दबाव में गांजे के अवैध कारोबारियों के संरक्षण में कार्य कर रहे हैं। हत्या जैसे गंभीर मामले में भी पुलिस ने लापरवाही की हद पार कर दी। आरोपियों की गिरफ्तारी तो दूर, FIR तक दर्ज नहीं की गई। महिला का कहना है कि शव को 21 मई की दोपहर 12 बजे मर्चुरी से सौंपते हुए थाना प्रभारी ने कहा कि पहले अंतिम संस्कार कर लो, उसके बाद FIR दर्ज करेंगे और आरोपियों को पकड़ेंगे। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। पीड़िता का दर्द यहीं नहीं रुका जब वह महिला थाना प्रभारी से न्याय की आस लेकर मिली, तो उसे डांट-फटकार कर भगा दिया गया। हताश होकर महिला ने भोपाल तक दौड़ लगाई और डीजीपी कार्यालय तक आवेदन सौपा, वही पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाते हुए सरई थाना प्रभारी और सरई थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सूरज सिंह को सरई थाने से हटाएं जाने की मांग की है।
महिला ने बताया कि "मैं अपनी मां की इकलौती संतान हूं," दुर्गावती ने रोते हुए कहा, "लेकिन आरोपियों की धमकियों की वजह से आज तक मैं अपनी मां का कियाकर्म (तेरहवीं) भी नहीं कर पाई।" इस पूरे मामले ने जिला पुलिस प्रशासन की कार्यशैली और निष्पक्षता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। जिला पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को कई बार आवेदन दिए जाने के बावजूद कार्रवाई ना होना इस ओर इशारा करता है कि या तो मामला राजनीतिक रूप से दबाया जा रहा है, या फिर थाना स्तर पर संगठित भ्रष्टाचार सक्रिय है। अब देखना यह होगा कि प्रदेश के उच्च पुलिस अधिकारी और सरकार इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप कर पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाते हैं या यह मामला भी प्रशासनिक बेरुखी की भेंट चढ़ जाएगा।
इनका कहना है।
जब इस सम्बन्ध में सरई एसडीओपी राहुल सयाम से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जाँच हमारे पास ही है मामले पर मर्ग कायम लिया गया है। हमने संबंधित लोगों से पूछताछ कर बयान दर्ज कर लिया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में महिला की मृत्यु हार्ट अटैक से होना बताया गया है। हमने फरियादी को कई बार बयान के लिए बुलाया लेकिन वो नहीं आ रही है। पुलिस हर एंगल से अपना जाँच कर रही है।