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Singrauli News: सिंगरौली के उप पंजीयक पर आरोपों की बाढ़, नियम क़ानून बेअसर

Rama Posted on: 2025-06-26 17:14:00 Viewer: 67 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: सिंगरौली के उप पंजीयक पर आरोपों की बाढ़, नियम क़ानून बेअसर Singrauli News: Flood of allegations on Singrauli's Deputy Registrar, rules and laws ineffective

'जब तक हमारा प्रॉफिट नहीं मिलेगा, रजिस्ट्री भूल जाओ

Singrauli News: सिंगरौली जिले के बैढ़न पंजीयक कार्यालय में जमीन, मकान की रजिस्ट्रियां कराने वाले ज्यादातर खरीदारों को उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार से कुछ इस तरह के जवाब सुनने को मिलते हैं। जमीन किसी से भी खरीदो, जब तक हमारा प्रॉफिट नहीं निकलेगा, रजिस्ट्री भूल जाओ। जहां शिकायत करना है करो ,यह बैढ़न है, यहां ऐसा ही होता है!" परिहार बीते 8 सालों से बैढ़न में पदस्थ हैं। इनका रुतबा ऐसा कि जिले के ही नहीं, विभाग के आला अफसर भी खामोश रहना बेहतर समझते हैं।

न रजिस्ट्री, न न्याय, पीड़ित परेशान

रीवा जिले के संतोष सोनी ने सिंगरौली निवासी जानमती विश्वकर्मा से मई में जमीन खरीदी। सोनी कहते हैं, बैढ़न रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन पंजीयन की समूची प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी थी,लेकिन उप पंजीयक परिहार ने ऐन मौके पर यह कहते हुए पंजीयन को होल्ड कर दिया कि इस सौदे में उन्हें व्यक्तिगत साढ़े छह लाख रुपए का घाटा है। जब तक यह रकम नहीं दी जाती, रजिस्ट्री नहीं मिलेगी। लाखों का पंजीयन शुल्क अटक गया और डेढ़ महीने बाद भी रजिस्ट्री
नहीं हो सकी।

सोनी ने कहा-सिंगरौली जिले के बैढ़न रजिस्टार कार्यालय में सक्रिय दलाल विक्रय योग्य जमीन का पहले ही विक्रेता से एग्रीमेंट कर लेते हैं। फिर क्रेता,विक्रेता से सौदेबाजी होती है। उन्होंने जिस जमीन का सौदा किया,उसके एग्रीमेंट की मियाद फरवरी में खत्म हो चुकी है, बावजूद इसके सौदे में घाटा बताकर रजिस्ट्री रोकना यह बताता है कि यहां संगठित गिरोह की तरह काम हो रहा है। रजिस्ट्री को ऐन मौके पर होल्ड किए जाने से इस गोरखधंधे में उप पंजीयक की भूमिका भी संदिग्ध है।

लापता महिला की बिक गयी जमीन
जिले के ढोंगा गांव निवासी आदिवासी विधवा तिलरनिया, दस वर्षों से अपने गांव से लापता है। बताया जाता है कि वह इस दुनिया में ही नहीं है, लेकिन उसकी 1.45 एकड़ जमीन पर रजिस्ट्री हो गई। इसके लिए एक अन्य महिला को आधार बनवाने के बहाने रजिस्ट्रार कार्यालय लाया गया और उसके अंगूठा हस्ताक्षर लेकर जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम हो गई।

केसीसी योजना अंतर्गत पैक्स में बंधक ज़मीन की हो गई रजिस्ट्री

पिपरी गांव के आदिवासी युवक उदयपाल सिंह को साजिश के तहत गबन के एक मामले में पहले जेल भेजा गया। महज एक लाख के कर्ज के नाम पर पैक्स में ही बंधक उसकी जमीन को बेच दिया गया। इसकी रजिस्ट्री भी हो गई और कैदी के परिवार को फूटी कौड़ी नहीं मिली। पति जेल में और उसकी पत्नी व जवान बेटी अब दाने-दाने को मोहताज हैं। उनकी कहीं कोई सुनवाई भी नहीं।

बड़ा सवाल यही कि जमीन के कागजात यदि केसीसी योजना अंतर्गत पैक्स में बंधक हैं तो फिर इसका सौदा कैसे हो गया। प्रकरण में इलाके के एक भूमाफिया, सहकारिता व पंजीयक कार्यालय की सांठगांठ सामने आई। बहरहाल, जिले के एक सामाजिक संगठन की शिकायत पर आयुक्त सहकारिता ने इस प्रकरण में जांच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।

एक अन्य प्रकरण में जिले के सिद्धिकला गांव में ही एक फर्जी मुख्यतारनामा के आधार पर एक आदिवासी की जमीन की रजिस्ट्री हो गई। आदिवासी ने इसकी शिकायत की तो उसे जान से मारने की धमकियां मिलने लगी। इसकी शिकायत भी बैढ़न थाने में हुई, लेकिन पुलिस जांच आगे नहीं बढ़ सकी।

सरकारी आदेश ठुकराया, प्रतिबंधित जमीन की रजिस्ट्री

सिंगरौली में सक्रिय भू-माफिया के हौंसले इस हद तक बुलंद है,वे सरकार के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं। ऐसा ही एक मामला संजय नेशनल पार्क से जुड़ा है। इसके बगदरा वन्य प्राणी अभ्यारण्य की जमीन की खरीद-फरोख्त पर सरकार ने साल 2022 में रोक लगा दी। सरकारी आदेश में संज्ञान में होने के बावजूद बैढ़न उप पंजीयक परिहार ने अभ्यारण्य की 30 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर डाली। जबकि जिले के चितरंगी पंजीयक कार्यालय ने इससे इंकार कर दिया था।मामला तूल पकड़ा तो पुलिस ने पहले पटवारी और करीब एक साल बाद उप पंजीयक परिहार के खिलाफ आपराधिक मामला तो दर्ज किया,लेकिन दो साल बाद भी वह मामले की जांच ही कर रही है। जमीन बेचने वाले फरार हैं और खरीदने वाले अपने लाखों रुपए अटकने पर आज भी पश्चाताप कर रहे हैं।

सरकार को लगाई 1 करोड़ की चपत, 2 माह में बहाल

बैढ़न पंजीयन कार्यालय ने एक बहुमंजिला भवन को दुकान दर्शाकर इसकी रजिस्ट्री कर दी। इससे सरकार को करीब एक करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ। इस प्रकरण में उप पंजीयक परिहार को अगस्त 2023 में निलंबित किया गया,लेकिन दो माह ही उन्हें बहाल कर बैढ़न में ही पदस्थ कर दिया गया।

संगठित गिरोह की तरह चलता दलाली का खेल

सूत्रों के अनुसार, बैढ़न पंजीयन कार्यालय में दलाल गिरोह सक्रिय है। इनमें कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी के निकट संबंधी भी हैं। गिरोह पहले सीधे-सादे आदिवासियों की विक्रय योग्य जमीन का उनसे एग्रीमेट करता है। इसके बाद शुरु होती है सौदेबाजी। सौदा तय नहीं हुआ तो रजिस्ट्री में अड़चन।

नेता भी लाचार, अब 'ऊपर' दस्तक की तैयारी

अभ्यारण्य की प्रतिबंधित जमीन के पंजीयन मामले में उप पंजीयक की गिरफ्तारी नहीं होने पर क्षेत्रीय भाजपा विधायक राम निवास शाह ने हाल ही में पंजीयक आईजी तोमर से मुलाकात की। दरअसल, सिंगरौली पुलिस परिहार की गिरफ्तारी से पहले विभाग की अनुमति चाहती है और इसी के चलते वह दो साल में जांच पूरी नहीं कर सकी। शाह ने कहा कि अव्वल तो इस मामले में विभागीय अनुमति की जरुरत ही नहीं। पुलिस अधिकारी सिर्फ बहाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह उच्चस्तर पर मामले को उठाएंगे।

जिम्मेदार चुप-कानून बेअसर, तबादला विचाराधीन!

जिले के उप पंजीयक साल 2018 से सिंगरौली में पदस्थ हैं। उनकी भर्ती में सहायक बने उनके दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी सवालों के दायरे में हैं। शासकीय सेवा के दौरान तीसरी संतान का पिता बनने को लेकर भी सवाल उठे, लेकिन परिहार को बैढ़न से कोई हिला नहीं सका। सीधी जिला पंजीयक के पास सिंगरौली का भी प्रभार है, लेकिन उप पंजीयक के दबदबे के चलते वह प्रभार वाले जिले का रुख भी नहीं करते। यहां तक कि जिले के आला अफसर भी उनके रुतबे के आगे बौने साबित हो रहे हैं।

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