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Singrauli News: बलिया नाला में बह रहा कोयला युक्त काला ज़हर, रिहंद डैम हो रहा लगातार प्रदूषित

Rama Posted on: 2025-01-31 11:15:00 Viewer: 89 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: बलिया नाला में बह रहा कोयला युक्त काला ज़हर, रिहंद डैम हो रहा लगातार प्रदूषित Singrauli News: Black poison containing coal flowing in Ballia drain, Rihand Dam is continuously getting polluted

दुद्धीचुआ परियोजना ने निकल रहा कोयलायुक्त पानी पहुंच रहा रिहन्द जलाशय

Singrauli News: सिंगरौली। जिले में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड सिंगरौली से संचालित कोल वाशरी प्लांट में कोयला धुलाई लोगों के परेशान का सबब बन रहा है। दरअसल इसके बाद यहां से निकलने वाला पानी जिले की जीवनदायिनी नदियों में मिल रहा है जो नदी के पानी को प्रदूषित कर काला कर रहा है। इसके बाद नदियों का यह काला पानी रिहन्द डैम में समाहित हो रहा है। बता दें कि इस पानी से लाखों लोगों की प्यास बुझ रही है। मध्य प्रदेश का सिंगरौली यूपी का सोनभद्र जिले के लोगों के पेयजल का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक इस बात को स्वीकार किया है कि बलिया सहित अन्य नदियों से काला पानी समाहित हो रहा है, यह पूरी तरह से प्रदूषित हो गई। कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय बोर्ड के अधिकारियों ने कई सुझाव दिए उन्होंने बताया कि नदियों के जरिए नदियों से होते हुए नदियों के आसपास के लोग भी प्रदूषित पानी पीने को विवश है। लोगों का कहना है कि यह पानी नहीं बल्कि जहर है जिसे हम पी रहे हैं। इस पानी को पीकर कई बीमारियों से ग्रसित है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रामप्रसाद हो या मान प्रसाद सबकी एक ही जैसी कहानी है। प्रदूषित जल पीने से हर कोई बीमार से बीमारी से ग्रसित है। जानकर बताते है कि नगर निगम रिहंद जलाशय शहरी क्षेत्र में 14000 से अधिक घरों में पेयजल की आपूर्ति कर रहा है। इसके अलावा सोनभद्र जिले की करीब 3 लाख आबादी को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। पंचायत के ग्रामों को 637.27 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है जहां से 283 गांव को 344400 आबादी को पेयजल आपूर्ति की योजना को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद जला से को प्रदूषण से सुरक्षित करने को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है।

बलिया नाला का पानी जबरदस्त तरीके से प्रदूषित हो चुका है। पानी में खतरनाक रसायन मौजूद हैं। यह कहने के लिए किसी जांच की आवश्यकता नहीं है। महज पानी का रंग ही सारी कहानी बयां करने के लिए पर्याप्त है। पेयजल के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे इस जलाशय का यह हाल केवल और केवल विद्युत उत्पादक कंपनियों की उदासीनता का नतीजा है। कंपनियों की उदासीनता का ही नतीजा है कि जलाशय के प्रदूषित होने का सिलसिला अनवरत जारी है। विभिन्न माध्यमों से कंपनियों के कोयला युक्त पानी जलाशय में पहुंच रहा है।

बलिया नाला से जाता है काला पानी

रिहंद जलाशय को प्रदूषित करने वाले नालों की वैसे तो संख्या आधा दर्जन है, लेकिन इनमें से अधिक ज्यादा प्रदूषण का नदी बलिया नाला से हो रहा है। युवा एमपी की सीमा पर स्थित यह नाला जिले की सीमा में आता है। इस नाला के जरिए एनसीएल की जयंत दुद्धीचुआ व निगाही कोल खदानों से निकलने वाला कोयला युक्त पानी बिना शुद्ध किए सीधे नाले में डाला जा रहा है और नाला के जरिए में जा रहा है इतना ही नहीं नाले में परियोजनाओं के कॉलोनी के सीवरेज का गंदा पानी भी बलिया नाले के जरिए सीधे पहुंच रहा है।

बलिया नाला में अब भी बह रहा कोयलायुक्त पानी
पूर्व कलेक्टर की ओर से दुद्धीचुआ में स्थित बलिया नाला में खदानों और कालोनियों का प्रदूषित पानी नहीं छोडऩे का सख्त निर्देश दिया गया था। ताकि नाला का पानी निर्मल हो। इसके लिए पानी शुद्ध करने की व्यवस्था बनाने को कहा गया था। लेकिन एक एक दिन से अधिक की समयावधि बीतने के बाद भी बलिया नाला की स्थिति पहले जैसी है। अब भी उसमें कोयला खदानों का काला पानी बह कर रिहंद जलाशय में जा रहा है। लेकिन जिम्मेदारों के कानों में जू तक नहीं रेंग रहा है। और स्थित पहले से भी भयावह होती जा रही है।

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