Sidhi News: Soil health card tells about the nutrients and properties of the soil
Sidhi News: भारत सरकार द्वारा स्वाइल हेल्थ कार्ड यानी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत किसान सिंचित क्षेत्र में 2.5 एकड़ तथा अंसिचित क्षेत्र में 10 एकड़ क्षेत्र से मिट्टी का नमूना लेकर उसकी जाँच कराते हैं। यह जाँच कृषि विभाग द्वारा की जाती है। कृषि विभाग द्वारा मिट्टी के नमूने लिए जाने पर इसकी जाँच पूरी तरह से नि:शुल्क रहती है। यदि किसान स्वयं सेंपल लेकर जाता है तो मिट्टी के नमूने की जाँच के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के किसान को तीन रुपए तथा सामान्य वर्ग के किसान को पाँच रुपए प्रति नमूना शुल्क देना होता है। मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रेंट की जाँच कराने के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 30 रुपए तथा सामान्य वर्ग के किसानों को 40 रुपए शुल्क देना होता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसान को उसके खेती की मिट्टी के गुणों तथा पोषक तत्वों की जानकारी मिलती है। इस संबंध में उप संचालक कृषि ने बताया कि मिट्टी के पोषक तत्व के आधार पर किसान को उचित फसल की सलाह दी जाती है। मिट्टी में यदि पोषक तत्व की कमी है तो उसके अनुरूप उर्वरक के उपयोग का सुझाव दिया जाता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसान के खेत की मिट्टी का रिपोर्ट कार्ड है। इस कार्ड में किसान का नाम, सर्वे नम्बर, खेत का रकबा आदि लिखा रहता है। प्रत्येक तीन साल में मिट्टी की जाँच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दर्ज कराना आवश्यक है। हर किसान अपने प्रत्येक खेत की मिट्टी की जाँच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड अवश्य बनवाएं। इससे सही फसल के चयन, खाद के संतुलित उपयोग और जल प्रदूषण से बचाव में सहायता मिलती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रत्येक किसान के लिए बहुत उपयोगी है।