Sidhi News: Advice to avoid diseases during rainy season
Sidhi News: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने वर्षा ऋतु में मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग से होने वाली बीमारियों से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि जिले में मानसून वर्षा शुरू हो गई है। वर्षाकाल में दूषित जल के सेवन से टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, पेचिस एवं हैजा जैसी बीमारियां फैलती हैं। अतः भोजन बनाने एवं पेयजल के उपयोग में शुद्ध उबला हुआ जल का उपयोग करें। कुछ भी खाने के पहले व शौच के पश्चात साबुन से अवश्य हाथ धोयें। शुद्ध पेयजल की कमी के कारण देश में जलजनित रोगों से सबसे अधिक यानि लगभग 80 प्रतिशत मौतें होती हैं। पानी और अस्वच्छ आदतों से फैलने वाली बीमारियों में मोटे तौर पर दस्त, कृमि संक्रमण, त्वचा और आंखों के रोग, मच्छरों एवं मक्खियों से फैलने वाले रोग सम्मिलित हैं। बच्चों में दूषित पानी और खाद्य पदार्थों के कारण उल्टी-दस्त का प्रकोप अधिक गंभीर रूप धारण कर सकता है। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थाे का उपयोग न करें। खुले में शौच न करें एवं शौचालय का उपयोग करें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, दस्त लग जाने पर ओ.आर.एस. एवं जिंक सल्फेट गोली का उपयोग चिकित्सक की सलाह अनुसार करें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढंककर रखें, मक्खियों से बचाव करें। हरी सब्जी एवं फलों को साफ पानी से धोकर ही उपयोग करें। मानसून के दौरान बहुत से लोगों को आंखो के रोग हो जाते हैं। इस रोग को आई-फ्लू, कंजक्टिवाईटिस या आखें आना के रूप में जाना जाता है। इस रोग से बचाव के लिए बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को ठंडे पानी से धोयें, परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग तौलिये एवं रूमाल का उपयोग करें, स्वच्छ पानी का उपयोग करें, बार-बार आंखों को हाथ न लगायें, धूप के चश्मे का प्रयोग करें, चिकित्सक को दिखायें।
बरसात में मलेरिया और डेगू रोग भी फैलता है जिसमें मरीज को ठण्ड लगकर बुखार आता है। प्रायः खेत, तालाब, गड्डे, खाई, घर के आसपास रखे हुए टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, पशु के पानी पीने का नाद इत्यादि में बरसात के दिनो में जल जमा हो जाता है। जिसमें मच्छर के लार्वा पैदा होते हैं जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते हैं। मलेरिया से बचाव हेतु घर के आसपास जल जमा न होने दें, रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ ऑईल डालें। कूलर, फूलदान, फ्रिज ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। कीटनाशक का छिडकाव करवायें, मलेरिया रोग हो जाने पर खून की जांच अवश्य करायें एवं चिकित्सक की सलाह से पूर्ण उपचार लें।