Shaktinagar News: Electricity supply not restored in Shaktinagar area even after 15 hours,
उमसभरी गर्मी में बिलबिलाए लोग
लापरवाह बिजली कर्मचारियों पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, देर रात सबस्टेशन पहुंचे गांव वाले
Shaktinager News: शक्तिनगर, सोनभद्र। कोटा खड़िया सबस्टेशन अंतर्गत क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। बीते सोमवार की रात से बाधित हुई विद्युत आपूर्ति 15 घंटे बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं हो सकी, जिससे आमजनता उमसभरी गर्मी में परेशान होती रही। स्थानीय लोग लगातार अवर अभियंता (जेई) को फोन करते रहे, परंतु उन्होंने फोन उठाने की ज़रूरत तक नहीं समझी। सबस्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों ने हर घंटे यही कहकर जनता को टरकाया कि “फॉल्ट मिल गया है, एक घंटे में बिजली आ जाएगी।” लेकिन वास्तविकता यह थी कि न तो फॉल्ट का सही पता था और न ही कोई कर्मचारी मौके पर पहुंचा।
देर रात सबस्टेशन पर ग्रामीणों का हंगामा
गर्मी और बिजली की कटौती से त्रस्त ग्रामीण देर रात लगभग एक बजे कोटा सबस्टेशन पहुंचे और जमकर नाराजगी जाहिर की। ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने अवर अभियंता से बात कराने की मांग की तो सबस्टेशन कर्मचारी ने गेट से ही कह दिया कि “हमें जो जानकारी लाइनमैन देता है, हम वही आगे बताते हैं।” यह सुन ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क उठा।
मुख्यमंत्री से ट्विटर पर शिकायत, तब हरकत में आया विभाग
रात में ही अंबेडकर नगर निवासी रंजीत राय ने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों को शिकायत भेजी। शिकायत में बिजली कर्मचारियों की लापरवाही और आपूर्ति ठप रहने की जानकारी दी गई। इस ट्वीट के बाद ही पूर्वांचल विद्युत निगम के ट्विटर हैंडल से सोनभद्र के अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी हुए।
फॉल्ट पॉइंट पर नहीं मिला कोई कर्मचारी
स्थानीय निवासी प्रदीप गुप्ता और विमल त्रिपाठी ने बताया कि जब सब तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होती दिखी तो वे खुद विद्युत फॉल्ट प्वाइंट पर रात में पहुंचे, लेकिन वहां कोई भी बिजली कर्मचारी मौजूद नहीं था।
अवर अभियंता क्षेत्र में निवास नहीं करते, बनती है बड़ी समस्या
स्थानीय अवर अभियंता का क्षेत्र में निवास न होना एक बड़ी समस्या बन चुका है। रात में जब बिजली की आपूर्ति ठप होती है तो जेई न तो फोन उठाते हैं, न ही मौके पर पहुंचते हैं। स्थानीय कर्मचारी भी इसी बहाने से जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हैं। यह स्थिति आए दिन ग्रामीणों को झेलनी पड़ती है।
सबस्टेशन से नहीं मिलती पुख्ता जानकारी
बिजली बंद होने के बाद जब ग्रामीण सबस्टेशन हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं तो हर बार उन्हें यही कहा जाता है कि “कुछ ही देर में बिजली आ जाएगी।” न फॉल्ट की जानकारी दी जाती है और न ही समाधान की कोई समयसीमा। इससे ग्रामीणों में भारी असंतोष व्याप्त है।
बिजली कर्मचारियों की कमी, बनी बड़ी चुनौती
क्षेत्र में बिजली कर्मचारियों की संख्या आवश्यकता से बहुत कम है। संविदा कर्मियों पर ही पूरा बोझ डाल दिया गया है। नतीजतन, मीटर रीडिंग से लेकर फॉल्ट सुधार तक सभी कामों में देरी हो रही है। थके-हारे कर्मचारी भी बार-बार ओवरटाइम करने से असमर्थ हो जाते हैं।
बकाया बिल वसूली में फुर्ती, सेवा देने में फेल
जब बात बकाया बिजली बिल वसूली की आती है तो बिजली विभाग के अधिकारी फुर्ती से घर-घर पहुंचते हैं। लेकिन जब बात बिजली बहाल करने की होती है तो यही अधिकारी लापता हो जाते हैं। फोन नहीं उठाना और जिम्मेदारी से बचना आम बात बन चुकी है।
जनता की मांग: हो जांच और हो ठोस कार्रवाई
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच हो और ऐसे जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से जनता को दो-चार न होना पड़े।