National Sports: The central government made a record allocation of Rs 3794 crore to promote sports in the country
National Sports : भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय को 3794 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड आवंटन किया है। यह पिछले वर्ष के संशोधित बजट 3,232.85 करोड़ रुपए से बहुत ज़्यादा है। इसका एक बड़ा हिस्सा यानी 2,191.01 करोड़ रुपए केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को आवंटित किया गया है, जिसमें खेलो इंडिया कार्यक्रम को 1,000 करोड़ रुपए (वित्त वर्ष 2024-25 में आवंटित 800 करोड़ रुपए से अधिक) प्राप्त हुए हैं। राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए निधि भी बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए कर दी गई है, जबकि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को एथलीट प्रशिक्षण और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 830 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
पिछला दशक भारतीय खेल इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय रहा है, जिसमें रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियाँ और बढ़ती वैश्विक पहचान शामिल हैं। ऐतिहासिक ओलंपिक और पैरालिंपिक पदकों से लेकर एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कुश्ती और मुक्केबाजी में विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन तक, भारतीय एथलीटों ने लगातार सीमाओं को पार किया है। सरकारी योजनाएं एथलीटों को उनके करियर के हर दौर में सहायता प्रदान करती हैं।
एथलीटों के लिए केंद्र सरकार का समर्थन अब पहले से कहीं अधिक है
दरअसल,एथलीटों के लिए केंद्र सरकार का समर्थन अब पहले से कहीं ज़्यादा है। यह दृष्टिकोण समग्र है जो एथलीट की यात्रा के हर चरण को कवर करता है। गांवों में प्रतिभाओं को खोजने से लेकर ओलंपिक पदक विजेताओं का समर्थन करने तक, सरकार ने बड़े पैमाने पर कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं और पहलों के माध्यम से एथलीटों को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना, खिलाड़ियों को उनके सक्रिय करियर के दौरान और उसके बाद समर्थन देना और खेल उत्कृष्टता के लिए एक स्थायी तंत्र बनाना है।
आइये आपको, देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में बताते हैं –
खेलो इंडिया भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहा है
खेलो इंडिया-खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करना और भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति में बदलना है। युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा 2016-17 में शुरू किए गए खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे देश में खेले जाने वाले सभी खेलों के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करके जमीनी स्तर पर भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करना और भारत को एक महान खेल राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है।
पूर्व (सेवानिवृत्त) खिलाड़ी सशक्तिकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम
2024 में शुरू किया गया पूर्व (सेवानिवृत्त) खिलाड़ी सशक्तिकरण प्रशिक्षण (आरईएसईटी) कार्यक्रम ऐसे खिलाड़ियों को खुद को फिर से तलाशने का अधिकार देता है। यह पहल इन खिलाड़ियों को उनके अनुसार शिक्षा, इंटर्नशिप और कौशल निर्माण के अवसर प्रदान करती है।
खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष
आपको बता दें, खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष में 5 लाख रुपए तक की एकमुश्त अनुग्रह सहायता, 5,000 रुपए की मासिक पेंशन, 10 लाख रुपए तक की चिकित्सा सहायता और प्रशिक्षण या प्रतियोगिताओं के दौरान लगी चोटों के लिए 10 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाती है। मृतक खिलाड़ियों के परिवार और कोच, रेफरी और फिजियोथेरेपिस्ट जैसे सहायक कर्मियों को भी क्रमशः अधिकतम 5 लाख रुपए और 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिल सकती है।
खेलों में मानव संसाधन विकास योजना
खेलों में मानव संसाधन विकास (एचआरडीएस) योजना कौशल उन्नयन, शोध को प्रोत्साहित करने और खेल विज्ञान, चिकित्सा एवं कोचिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ज्ञान को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह योजना फेलोशिप, प्रशिक्षण और खेलों में वैश्विक प्रदर्शन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके साथ ही अनुसंधान, विशेषज्ञ यात्राओं और गुणवत्तापूर्ण खेल लेखन और ई-संसाधनों के विकास के लिए सहायता भी प्रदान करती है।
सरकार ने दिव्यांगों के लिए खेलकूद (स्पोर्टस एंड गेम्स) योजना शुरू की
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी प्रतिभा पीछे न छूट जाए, भारत सरकार ने दिव्यांगों के लिए खेलकूद (स्पोर्टस एंड गेम्स) योजना शुरू की। इस केंद्रीय योजना का उद्देश्य जमीनी स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों के बीच समावेशी और सहभागी खेलों को बढ़ावा देना है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले पैरा-एथलीटों को राष्ट्रीय खेल महासंघों की सहायता योजना के माध्यम से अलग से सहायता मिलती है, यह पहल स्कूलों, समुदायों और जिलों में व्यापक आधार वाली खेल भागीदारी पर केंद्रित है।
पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान
पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पीवाईकेकेए), जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। यह कार्यक्रम गांव और ब्लॉक स्तर पर खेल के बुनियादी ढांचे के विकास और उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
राष्ट्रीय खेल महासंघों को सहायता
राष्ट्रीय खेल महासंघों (एएनएसएफ) को सहायता योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को एथलीटों के प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें प्रशिक्षण, अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी, राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन, भारत में अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों का आयोजन, विदेशी प्रशिक्षकों/सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति, वैज्ञानिक और चिकित्सा सहायता आदि के लिए सभी अपेक्षित सहायता शामिल है।
राष्ट्रीय खेल विकास कोष सरकार द्वारा की गई एक प्रमुख
वहीं, राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई एक प्रमुख पहल है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के खराब प्रदर्शन को देखते हुए बनाए गए एनएसडीएफ का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण और एथलीट समर्थन में महत्वपूर्ण अंतर को पाटने के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों से संसाधन जुटाना है। यह विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के तहत प्रशिक्षण, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रवेश और खेल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उत्कृष्ट एथलीटों और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पेंशन
दरअसल, एथलीट अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वर्ष उत्कृष्टता की खोज में लगाते हैं और इस दौरान अक्सर शिक्षा, करियर की स्थिरता और पारिवारिक जीवन का त्याग करते हैं। ऐसे उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पेंशन के लिए खेल निधि उन लोगों को जीवन भर सुरक्षा प्रदान करती है जिन्होंने देश को गौरव दिलाया है।
उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रदान करने वाली पेंशन की संरचना:
ओलंपिक/पैरा-ओलंपिक/डेफलिंपिक पदक विजेताओं के लिए 20,000 रुपए माह
विश्व कप/चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेताओं को 16,000 रुपए माह
विश्व स्पर्धाओं में रजत/कांस्य तथा एशियाई/राष्ट्रमंडल में स्वर्ण के लिए 14,000 रुपए माह
एशियाई/राष्ट्रमंडल खेलों में रजत/कांस्य पदक के लिए 12,000 रुपए माह
पुरस्कार और मान्यता
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार भारत में सर्वोच्च खेल सम्मान है, जो उन एथलीटों की असाधारण उपलब्धियों को सराहता है जिन्होंने भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर स्थान दिलाया है। हर साल दिए जाने वाले ये प्रतिष्ठित पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देते हैं और इसके साथ ही सीमाओं से परे खेल भावना को बढ़ावा देते हैं।
गौरतलब हो, भारत सरकार ने एथलीटों के लिए उनके करियर के हर चरण में प्रोत्साहन एवं सहारा देने संबंधी एक व्यापक ढांचा तैयार कर खेलों को बढ़ावा देने के लिए जो मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई, उसकी वजह से पिछला दशक भारतीय खेलों के लिए एक स्वर्णिम युग रहा है, जिसमें ओलंपिक, पैरालिंपिक और एशियाई खेलों जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन हुए हैं।