ECI News: Election Commission of India created history in by-elections, launched these special facilities for the first time
ECI News: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उपचुनावों में कई उपलब्धियां पहली बार हासिल कीं। जैसे- मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा, उन्नत वीटीआर साझाकरण प्रक्रिया और मतदान केंद्रों की 100% वेबकास्टिंग। कल गुरुवार को देश के चार राज्यों-गुजरात में 24-कदी (अ.जा.) और 87-विसावदर, केरल में 35-नीलांबुर, पंजाब में 64-लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल में 80-कालीगंज के विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में उपचुनाव हुए। इन उपचुनावों के दौरान, 5 विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में 1354 मतदान केंद्रों (पीएस) पर मतदान हुआ। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पांच विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों (एसी) के लिए आयोजित उपचुनावों में पिछले चार महीनों में आयोग द्वारा शुरू की गई अनेक प्रमुख नई पहलों का सफल कार्यान्वयन देखा गया, जिनकी परिकल्पना मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी के साथ मिलकर की थी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, नई पहलों में, सभी मतदान केंद्रों पर निर्वाचकों के लिए मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा का प्रावधान शामिल है तथा वोटर टर्नआउट साझा करने की उन्नत प्रक्रिया भी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप मतदान के अनुमानित रुझानों तेज़ी से अपडेट कर दिए जाते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मतदान केंद्र छोड़ने से पहले पीठासीन अधिकारी मतदान समाप्ति पर वीटीआर डेटा को अपडेट कर सकें, 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग हो जिससे पूरी मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी सुनिश्चित हो सके और साथ ही, सभी पीठासीन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से मॉक पोल का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही, लगभग दो दशकों में पहली बार उपचुनावों से पहले निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) किया गया।
वहीं, उपचुनावों में इन उपायों के सफल कार्यान्वयन ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में इन सभी उपायों को पूरी तरह से लागू करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
पहली बार, मतदाता सभी मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर आयोग द्वारा प्रदान की गई मोबाइल जमा करने की सुविधा का लाभ उठा पाए। यह उपाय शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन की सर्वव्यापकता और मतदाताओं, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं के सामने आने वाली इन चुनौतियों को देखते हुए किया गया है कि मतदान केंद्र में प्रवेश करने से पहले वे अपने मोबाइल फोन कहां रखें। मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर साधारण छोटे (पिजनहोल) बॉक्स या जूट बैग उपलब्ध कराए गए थे, जहां मतदाताओं ने अपने मोबाइल फोन जमा कराए। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए मतदान केंद्रों पर स्वयंसेवकों को तैनात किया गया था।
वहीं, उन्नत वोटर टर्नआउट प्रतिशत (वीटीआर) साझाकरण प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक लागू किया गया, जहां प्रत्येक मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी मतदान के दिन हर दो घंटे में नए ईसीआई-नेट ऐप पर सीधे वोटर टर्नआउट दर्ज करने में सक्षम थे, ताकि अनुमानित मतदान रुझानों को अपडेट करने में लगने वाले समय अंतराल को कम किया जा सके। इसकी गणना (aggregate) निर्वाचन-क्षेत्र स्तर पर स्वचालित रूप से की गई थी। अनुमानित मतदान प्रतिशत के रुझान पहले की ही तरह प्रत्येक दो घंटे में प्रकाशित किए गए थे।
इसके अलावा, आयोग ने पांच उपचुनाव वाले विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में से एक को छोड़कर सभी मतदान केंद्रों पर मतदान दिवस की गतिविधियों की 100% वेबकास्टिंग सुनिश्चित की है। यह सुनिश्चित करने के लिए वेबकास्टिंग की निगरानी की गई कि महत्वपूर्ण गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं या नहीं और मतदान प्रक्रिया का कोई उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। आरओ, डीईओ और सीईओ स्तर पर समर्पित निगरानी टीमों ने चुनाव कार्यवाही पर कड़ी निगरानी रखी।