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BSF Constable Returns: 21 दिन बाद भारत लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बैकफुट पर पा

Rama Posted on: 2025-05-14 16:10:00 Viewer: 117 Comments: 0 Country: Pakistan City: Bela

BSF Constable Returns: 21 दिन बाद भारत लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बैकफुट पर पा BSF Constable Returns: BSF jawan Purnam Shaw returned to India after 21 days, Pakistan on backfoot after Operation Sindoor

BSF Constable Returns: पाकिस्तान ने बुधवार को पंजाब में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते 23 अप्रैल को पकड़े गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया। कॉन्स्टेबल को पाकिस्तान रेंजर्स ने सुबह 10:30 बजे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार की गई।

दरअसल, पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को पकड़ लिया था। मामला 23 अप्रैल का है। जवान की पहचान 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ के रूप में हुई थी। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे। नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।

पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं पूर्णम
पूर्णम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले सैनिक की पत्नी रजनी ने पति की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।

ऐसे गलती से सीमा पार गए थे शॉ
यह घटना तब हुई, जब बीएसएफ जवान पीके शॉ 182वीं बटालियन, बॉर्डर के गेट संख्या 208/1 पर तैनात थे। वे फसल कटाई के दौरान भारतीय किसानों पर नजर रख रहे थे। बीएसएफ, किसानों की सुरक्षा भी करती है। लिहाजा तेज गर्मी के मौसम में जवान ने जब पेड़ की छांव में खड़े होने का प्रयास किया तो पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में ले लिया। उनकी सर्विस राइफल भी जब्त कर ली गई। वे कुछ समय पहले ही इस क्षेत्र में तैनात हुए थे।

कई बार फ्लैग मीटिंग कॉल के बाद भी नहीं मान रहा था पाकिस्तान
गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करने वाले बीएसएफ जवान की रिहाई के लिए कई बार फ्लैग मीटिंग कॉल की गई, मगर पाकिस्तानी रेंजर्स की तरफ से कोई ठोस रिस्पांस नहीं मिल रहा था। पाकिस्तान जानबूझकर कर फ्लैग मीटिंग को तव्वजो नहीं दे रहा था। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद बीएसएफ के जवान की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए डिप्लोमेटिक चैनल की मदद ली गई।

रिहाई ने पाकिस्तान क्यों कर रहा था आनाकानी?
बीएसएफ के पूर्व अफसरों का कहना था कि गलती से एक दूसरे देश की सीमा में चले जाना कोई बड़ा अपराध नहीं है। पहले भी दोनों पक्षों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। कई बार तो कुछ घंटे बाद ही और वो भी एक ही फ्लैग मीटिंग में मामला निपटा लिया जाता रहा है। इस बार पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति जो सख्त रवैया अपनाया है, उसके चलते बीएसएफ जवान की वापसी में देरी हो रही थी। हालांकि, यह बात तो साफ थी कि पाकिस्तान को देर सवेर बीएसएफ जवान की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करनी पड़ेगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई, उससे पाकिस्तान को बीएसएफ जवान को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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