Bihar Bridge: Bihar's biggest bridge being built on Kosi river is prone to accidents
शिकार, 40 फीट दूरी तक क्षतिग्रस्त; क्या हुआ?
Kosi Bridge: त्रिमुहान घाट के पास यह तीसरी बड़ी दुर्घटना है। पहले एक बार नदी के तेज बहाव में तैयार पिलर बह गया था और दूसरी बार पिलर धंस गया था। इसके बाद विशेषज्ञों की सलाह पर दो पिलरों का पुनर्निर्माण कराया गया था।भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत एनएच-106 के बिहपुर से फुलौत तक कोसी नदी पर निर्माणाधीन पुल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। त्रिमुहान घाट के समीप बीते शुक्रवार की देर रात वोल्वो लोडर से सिगमेंट ढोते वक्त एक बड़ी घटना हुई है। इसमें पुल का करीब 40 फीट हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। बीती रात करीब दो बजे हरिओ से फुलौत की ओर ले जाए जा रहे एक भारी सिगमेंट को वोल्वो लोडर के माध्यम से पुल पर पार कराया जा रहा था। इसी दौरान अचानक लोडर के प्रेसर पंप का पाइप फट गया।
हादसे में कुल पांच सिगमेंट क्षतिग्रस्त हुए
बताया जा रहा है कि तेज झटका लगने पर सिगमेंट को पकड़ने वाली रस्सी टूट गयी। और एक सिगमेंट पुल पर गिर गया। इस घटना में कुल 5 सिगमेंट क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि एक सीधे कोसी नदी में समा गया। गनीमत थी कि घटना के समय कोई श्रमिक मौके पर मौजूद नहीं था। जिससे बड़ी घटना हो सकती थी। इस जगह पर पूर्व में भी घटना हो चुकी है।
बिहार का सबसे लंबा पुल होगा
एनएच-106 मिसिंग लिंक (30 किमी) परियोजना के तहत यह पुल 6.94 किमी लंबा होगा। जो बिहार का अब तक का सबसे लंबा पुल होगा। इसमें दोनों ओर कुल 21.988 किमी सड़क निर्माण भी शामिल है। इस परियोजना की कुल लागत 996 करोड़ रुपये है। 2026 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखा था। इसके निर्माण होने से यह पुल उत्तरी और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाली कनेक्टिविटी की रीढ़ बनेगा। इस पुल निर्माण का जिम्मा मुंबई की एफकॉन कंपनी को सौंपा गया है। घटना के बाद कंपनी के टीम के सदस्य और इंजीनियर मौके पर पहुंचे। जांच के बाद पुनर्निर्माण का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है।