Singrauli News: Rehabilitation including compensation should not be measured without information: Singrauli Rehabilitation Forum
Singrauli News: जयंत एवं दूधिचुआ खदान के विस्तार हेतु मोरवा के विस्थापन में धारा 9 लागू कर दी गई। इसके बाद से ही स्थानीय लोग सत्ते में हैं और आए दिन विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से पुनर्वास व मुआवजे की राशि एवं अन्य मुद्दों पर रणनीति बनाई जाती है। पूर्व में भलुगड एवं ख़िरवा, पड़ताली जैसे पुनर्वास स्थल का मुद्दा प्रमुख था। परंतु लगभग सभी संगठनों द्वारा एक एक सूर से मुख्यालय के नए स्थल के साथ पुनर्वास स्थल को जोड़ने की बात के बाद यह मुद्दा आम होता नजर आ रहा है। पर अभी भी मुआवजे की राशि और विस्थापन को लेकर पेंच बरकरार है। बीती शाम मोरवा में सिंगरौली पुनर्वास मंच की बैठक आहूत हुई, जहां करीब एक सैकड़ा लोग उपस्थित रहे। जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि एनसीएल प्रबंधन द्वारा गणना पत्रक की विवेचना के पूर्व कंपनी द्वारा कराए जाने वाला सर्वे का कार्य ना हो। उन्होंने अपनी मंशा स्पष्ट की की एनसीएल प्रबंधन विस्थापन को लेकर अपना मैप स्पष्ट करें। इसके अलावा तीव्र ब्लास्टिंग एवं एवं परिसंपत्तियों का मूल्यांकन का विषय भी यहाँ प्रखर रहा। इसके साथ ही नगर निगम क्षेत्र में आवंटित दुकान एवं आवासी परिसरों के मुआवजे की बात भी प्रमुख रूप से यहाँ छाए रहे। यहां मौजूद लोगों का कहना था कि लीस पर ली गई निगम की जमीन और उसपर किया गया निर्माण का भुगतान लोगों द्वारा नगर निगम को करवाया किया गया है। इसके साथ ही संपत्ति कर, भू भाटक, जलकर आदि करों का भुगतान समय-समय पर लोगों द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद मिलने वाले मुआवजे का पूर्ण भुगतान यहां के रह वासियों को होना चाहिए।