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Technology News : स्टारलिंक के अनुबंध से 2025 में बिना नेटवर्क कॉल कर सकेंगे

Rama Posted on: 2024-12-11 11:23:00 Viewer: 283 Comments: 0 Country: India City: Delhi

Technology News : स्टारलिंक के अनुबंध से 2025 में बिना नेटवर्क कॉल कर सकेंगे Technology News: Starlink contract will allow you to make calls without network in 2025

भारतीय, मौजूदा फोन में भी काम करेगी तकनीक

डायरेक्ट टु सेल स्मार्टफोन को सैटेलाइट से जोड़ती है, इसे इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने तैयार किया

Starlink Technology News : कल्पना कीजिए आप किसी दूरदराज के पहाड़ी इलाके या समुद्र के बीच में हों में हों और आपको किसी से तुरंत संपर्क करना हो। आज तक ऐसी परिस्थितियों में हम नेटवर्क की कमी से जूझते रहे हैं। लेकिन जल्द ही यह समस्या समाप्त हो जाएगी। डायरेक्ट टु सेल तकनीक के आने के साथ हम बिना किसी नेटवर्क के भी अपने स्मार्टफोन से कॉल और इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे। इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने इस तकनीक को विकसित किया है।

क्या है डायरेक्ट टु सेल?

डायरेक्ट टु सेल एक ऐसी कनेक्टिविटी सेवा है जो स्मार्टफोन को सीधे सैटेलाइट से जोड़ती है। इस तकनीक के माध्यम से आप अपने स्मार्टफोन का उपयोग सैटेलाइट के माध्यम से कॉल करने और इंटरनेट ब्राउज करने के लिए कर सकेंगे। ठीक उसी तरह जैसे अभी वर्तमान में हम मोबाइल टावरों का उपयोग करते हैं। इसके उपयोग के लिए हमें कोई नया डिवाइस खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये सर्विस पहले से काम में आने वाले स्मार्टफोन मे चलेगी।

ये चार स्टेप्स में जानें कैसे काम करता है डायरेक्ट टु सेल ?

सैटेलाइट कनेक्शन :
इस तकनीक में पहली कड़ी है सैटेलाइट कनेक्शन। आपका स्मार्टफोन सीधे उन सैटेलाइट्स से कनेक्ट होता है जो पृथ्वी के चारों ओर घूम रहे हैं। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे आपका फोन मोबाइल टावर से जुड़ता है।

एलटीई तकनीक :
फोन में लॉन्ग टर्म इवॉल्यूशन (एलटीई) फीचर होता है, जो मोबाइल टावरों से इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करता है। स्टारलिंक ने अपने कम कक्षा वाले उपग्रहों में भी एलटीई को शामिल किया है। ये उपग्रह पृथ्वी की चारों ओर घूमते हुए मोबाइल टावर की तरह काम करेंगे।

ईनोडबी की भूमिकाः
स्मार्टफोन से सैटेलाइट को कनेक्ट करने के लिए एक हार्डवेयर लगता है 'ईनोडबी' जिसकी मदद से दोनों के बीच कानेक्टिविटी बन पाती है। अगर यह डिवाइस नहीं होगा तो सैटेलाइट को कुछ समझ नहीं आएगा।

नेटवर्क प्रोवाइडर भी जरूरी:
यदि भारत में तकनीक को लागू करना है तो स्टारलिंक को मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर्स के साथ अनुबंध करना होगा। तभी यह सेवा पूरी तरह से काम कर पाएगी। डायरेक्ट टु सेल के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा, जो नेटवर्क प्रदाता ही चार्ज करेगा।

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