India News: India has become the third largest domestic aviation market in the world: PM Modi
India News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की 81वीं वार्षिक आम बैठक और वर्ल्ड एयर ट्रांसपोर्ट समिट के पूर्ण सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है। आईएटीए की 81वीं वार्षिक आम बैठक और वर्ल्ड एयर ट्रांसपोर्ट समिट डब्ल्यूएटीएस 1 से 3 जून तक आयोजित किया जा रहा है। भारत में पिछली वार्षिक आम बैठक 42 साल पहले 1983 में आयोजित की गई थी। इसमें शीर्ष वैश्विक विमानन उद्योग के दिग्गजों, सरकारी अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों सहित 1,600 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं।
उड़ान योजना भारतीय नागरिक उड्डयन इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय
अपने संबोधन में उड़ान योजना की सफलता पर जोर देते हुए, पीएम मोदी ने इसे भारतीय नागरिक उड्डयन इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताया और कहा कि इस पहल के तहत, 15 मिलियन से अधिक यात्रियों को सस्ती हवाई यात्रा का लाभ मिला है, जिससे कई नागरिक पहली बार उड़ान भरने में सक्षम हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की एयरलाइन लगातार दोहरे अंकों की वृद्धि हासिल कर रही हैं, जिसमें 240 मिलियन यात्री सालाना उड़ान भर रहे हैं। यह दुनिया भर के अधिकांश देशों की कुल आबादी से अधिक है। उन्होंने अनुमान लगाया कि 2030 तक यह संख्या 500 मिलियन यात्रियों तक पहुंचने की उम्मीद है।
पीएम मोदी बताया कि भारत में सालाना 3.5 मिलियन मीट्रिक टन माल हवाई मार्ग से ले जाया जाता है और इस दशक के अंत तक यह मात्रा बढ़कर 10 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कि ये आंकड़े सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि भारत की अपार संभावनाओं का प्रतिबिंब हैं, इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत इस क्षमता को अधिकतम करने के लिए भविष्य के कार्यक्रम पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने विश्व स्तरीय हवाई अड्डे के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारत के निवेश पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में देश में 74 परिचालन हवाई अड्डे थे, जो अब बढ़कर 162 हो गए हैं।
भारत का विमानन उद्योग एक महत्वपूर्ण टेकऑफ़ बिंदु पर खड़ा है
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों ने 2,000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए हैं, जो इस क्षेत्र में तीव्र विकास का संकेत है। इस बात पर जोर देते हुए कि यह सिर्फ शुरुआत है, क्योंकि भारत का विमानन उद्योग एक महत्वपूर्ण टेकऑफ़ बिंदु पर खड़ा है, जो अभूतपूर्व ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए तैयार है, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह परिवर्तन न केवल भौगोलिक सीमाओं को पार करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्थिरता, हरित आवागमन और समान पहुंच को भी बढ़ावा देगा।
भारत के हवाई अड्डों की वार्षिक हैंडलिंग क्षमता अब 500 मिलियन यात्रियों की
उन्होंने आगे कहा, “भारत के हवाई अड्डों की वार्षिक हैंडलिंग क्षमता अब 500 मिलियन यात्रियों की है और यह उन कुछ देशों में से है जो प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपयोगकर्ता अनुभव में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।” पीएम ने कहा कि सुरक्षा, दक्षता और स्थिरता को समान प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने टिकाऊ विमानन ईंधन, हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के प्रयासों की ओर भारत के बदलाव के बारे में भी बताया।
डिजी यात्रा ऐप से परिचित होने का आग्रह किया
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मेहमानों से डिजी यात्रा ऐप से परिचित होने का आग्रह करते हुए इसे डिजिटल एविएशन का एक अग्रणी उदाहरण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजी यात्रा फेशियल वेरिफिकेशन तकनीक का उपयोग करके एक पूर्ण, यात्रा संबंधी निर्बाध समाधान प्रदान करती है, जिससे यात्रियों को बिना किसी कागजी दस्तावेज या पहचान पत्र के एयरपोर्ट में प्रवेश करने से लेकर बोर्डिंग गेट तक जाने में सुविधा होती है।
पीएम मोदी ने कहा कि बड़ी आबादी की सेवा करने में भारत के नवाचार और अनुभव कई देशों को लाभान्वित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “डिजी यात्रा एक सुरक्षित और स्मार्ट समाधान के रूप में सामने आई है, जो वैश्विक दक्षिण के लिए प्रेरणा का एक मॉडल है।”
उन्होंने कहा, “नया भारतीय विमान अधिनियम विमानन कानूनों को वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रणालियों के साथ जोड़ता है, एक सुव्यवस्थित विनियामक ढांचा, अनुपालन में आसानी और एक सरलीकृत कर संरचना सुनिश्चित करता है जो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश का अवसर प्रस्तुत करता है।”
विमानन क्षेत्र में वृद्धि नई उड़ानों, नये रोजगारों और नई संभावनाओं में तब्दील
पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विमानन क्षेत्र में वृद्धि नई उड़ानों, नये रोजगारों और नई संभावनाओं में तब्दील होती है, उन्होंने कहा कि उद्योग पायलटों, चालक दल के सदस्यों, इंजीनियरों और ग्राउंड स्टाफ के लिए अवसरों का विस्तार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) के एक उभरते क्षेत्र के रूप में उभरने की ओर भी इशारा किया, इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत विमान रखरखाव के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के प्रयासों में तेजी ला रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में, भारत में 96 एमआरओ सुविधाएं थीं, जो अब बढ़कर 154 हो गई हैं जबकि स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई, जीएसटी में कमी और कर युक्तिकरण उपायों ने भारत के एमआरओ क्षेत्र को नई गति दी है। उन्होंने 2030 तक 4 बिलियन डॉलर का एमआरओ हब स्थापित करने के भारत के लक्ष्य से अवगत कराया, जो देश की विमानन विकास रणनीति को मजबूत करता है।
भारत में 15 प्रतिशत से अधिक पायलट महिलाएं
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का विमानन क्षेत्र अपने समावेशी मॉडल से मजबूत हुआ है, भारत में 15 प्रतिशत से अधिक पायलट महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केबिन क्रू में महिलाओं का वैश्विक औसत लगभग 70 प्रतिशत है, जबकि भारत का आंकड़ा 86 प्रतिशत है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत के एमआरओ क्षेत्र में महिला इंजीनियरों की संख्या वैश्विक औसत से अधिक है, जो इस उद्योग में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
ड्रोन प्रौद्योगिकी विमानन के भविष्य का एक महत्वपूर्ण घटक
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ड्रोन प्रौद्योगिकी विमानन के भविष्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, तथा भारत तकनीकी प्रगति के साथ-साथ वित्तीय और सामाजिक समावेशन के लिए इसका लाभ उठा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ड्रोन का उपयोग महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने तथा कृषि, वितरण सेवाओं और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।