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सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के वालों के ऊपर एफआईआर क्यों नही: मजौना उप सरपंच

Rama Posted on: 2023-07-27 14:52:00 Viewer: 294 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के वालों के ऊपर एफआईआर क्यों नही: मजौना उप सरपंच Why is there no FIR against those who obstruct government work: Deputy Sarpanch Majauna

भ्रष्टाचार करने वालों की रसूख के आगे हुए नतमस्तक या मिलीभगत ?

जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत मजौंना की शिकायत पर जांच के प्रति सीईओ जनपद पंचायत देवसर अनुराग मोदी की उदासीन कार्यप्रणाली से संदेह उत्पन्न हो रहा है दरअसल पिछले दिनों जांच टीम पंचायत में पहुंची थी जहां गांव के कुछ लोग शिकायकर्ताओं से हाथापाई करने लगे थे इतने में जांच टीम वापस आ गई अब फिर से जांच करने के प्रति कोई गंभीर कदम नहीं उठाया जा रहा है जबकि ग्राम वासियों के अनुसार पंचायत में विभिन्न निर्माण कार्यों में लाखों का घोटाला हुआ है अब निष्पक्ष जांच कर उचित कार्यवाही करने के प्रति जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीन कार्यप्रणाली से एक ओर ग्राम वासियों में आक्रोश व्याप्त है वहीं दूसरी ओर इन जिम्मेदारों पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं ग्राम वासियों में चर्चा है कि या तो फिर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी जांच ना करा कर दबंगों की रसूख के आगे नतमस्तक हैं या तो फिर इन जिम्मेदारों की मिलीभगत से पंचायत में पूरा खेल हो रहा है वजह चाहे जो भी हो लेकिन जिस तरह से जांच तथा कार्यवाही के प्रति उदासीन कार्य प्रणाली अपनाई जा रही है ऐसे में तरह-तरह के सवाल खड़ा होना लाजमी है।

जांच प्रतिवेदन में हाथापाई का जिक्र
पिछले दिनों मजौना पंचायत में जांच करने पहुंची टीम के सामने शिकायत कर्ताओं से भ्रष्टाचार करने वाले दबंगों ने हाथापाई की थी जिसका जिक्र एसडीओ धर्मेंद्र सरेआम ने जांच प्रतिवेदन में किया है लेकिन हाथापाई करने वाले दबंगों का नाम जांच प्रतिवेदन में लिखने में उनके पसीने छूट रहे हैं हालांकि उन्होंने मोबाइल फोन के जरिए विवाद करने वाले दबंगों का नाम बताया है उन्होंने बताया है कि कोई भूतपूर्व सरपंच पति और उनके लड़के ने शिकायत कर्ताओं से हाथापाई किया था लेकिन जांच प्रतिवेदन में दबंगों का नाम जिक्र नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में अब चर्चा है कि या तो फिर इन दबंगों का नाम लिखने में एसडीओ धर्मेंद्र सरेआम के हाथ कांप रहे हैं या फिर जानबूझ कर दबंगों को बचाने की कोशिश की जा रही है वजह चाहे जो भी हो लेकिन जब पूरा विवाद इन अधिकारियों के सामने हुआ ऐसे में निश्चित रूप से निष्पक्ष जांच रिपोर्ट तैयार करना चाहिए ऐसी स्थिति में ग्राम वासियों प्रमुख रूप से शिकायत कर्ताओं में असंतोष व्याप्त होना स्वाभाविक है।

सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में एफआईआर क्यों नही ?
जांच करने गई टीम ने जो प्रतिवेदन तैयार किया है उसमें साफ तौर पर जिक्र किया गया है कि गांव के कुछ लोगों द्वारा हाथापाई की गई है इसी वजह से जांच प्रभावित हो गई और बिना जांच किए ही टीम वापस आ गई यह पूरी घटना अपने आप यह बता रही है कि निश्चित रूप से सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया गया है क्योंकि जांच करने गई टीम सरकारी खर्चे से गई रही होगी 1 दिन का समय व्यतीत हुआ और जांच भी नहीं हो पाई ऐसी स्थिति में ग्राम वासियों के साथ तो घोर अन्याय हुआ ही साथ ही सरकार का भी नुकसान हुआ,ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराना चाहिए ताकि फिर से संबंधित विवाद करने वाले लोग घटना की पुनरावृति न कर सके लेकिन जांच अधिकारियों ने इन विवाद करने वालों को अभय दान दे दिया, ऐसे में भ्रष्टाचार करने वाले दबंगों के हौसले बुलंद हैं तथा आगे से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से जांच हो पाती है या नहीं इसकी भी कोई गारंटी नहीं है।

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