Singrauli News: Support to Congress in Haryana and Jammu and Kashmir Assembly elections and period of panic in BJP: Gyanendra Dwivedi
Singrauli News : सिंगरौली। सितंबर माह में हरियाणा और जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में अपनी सत्ता बरकरार रखने और जम्मू कश्मीर में नीतियों का समर्थन प्राप्त करने की बड़ी चुनौती है दोनों राज्यों में भाजपा को जीत के आसार कटाई नजर नहीं आ रहे हैं । इन दोनों प्रदेश हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पक्ष का माहौल है और सरकार बनना तय है जिससे घबराकर भाजपा और उसके नेताओं का अनर्गल वक्तव्य और चुनाव आयोग से तिथि बढ़ाने की मांग बौखलाहट का प्रतीक है।
विधानसभा हरियाणा और जम्मू कश्मीर का चुनाव महज दो राज्यों का चुनाव नहीं यह भाजपा के भविष्य और आगामी महीनो में होने वाले अन्य राज्यों के चुनाव नतीजे को प्रभावित करने वाला चुनाव होगा। 2024 लोकसभा चुनाव में भी हरियाणा और जम्मू कश्मीर में भाजपा का प्रदर्शन खराब ही रहा है और इस विधानसभा चुनाव में हार सुनिश्चित है जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा है कि इंडिया गठबंधन को मिल रहे जन समर्थन से घबराई भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से मतदान की तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रही है 2019 में भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 5 वर्ष के जबरदस्त सत्ता के विरोध का सामना करना पड़ा था और लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले सत्ता विरोधी लहर को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदलकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर कमजोर स्थिति को स्वीकार करना पड़ा था किंतु उससे भी जनता का मूड बदलने में भाजपा को कामयाबी नहीं मिली। भाजपा अब 10 वर्षों के सत्ता विरोधी लहर से डरी है और इंडिया गठबंधन को हराने की डगर कठिन दिख रही है ।
जिला अध्यक्ष द्विवेदी ने आगे कहा है कि जम्मू कश्मीर में भाजपा के हाल और बेहाल हैं आज इस प्रदेश में मोदी जी से अधिक राहुल गांधी की लोकप्रियता है भाजपा को यह चुनाव आसान नहीं होगा सामने खड़ी पराजय को देखकर अमित शाह जी राहुल गांधी से वह सवाल कर रहे हैं जिससे वह महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार चला कर खुद घिरे हुए हैं। आज जम्मू कश्मीर में भाजपा के साथ खड़ा होने वाला कोई नहीं है तब वहां का प्रभारी राम माधव को बनाया गया है जिससे एनकेन प्रकारेण महबूबा मुफ्ती के साथ चुनावी समझौता किया जा सके पूर्व में भी समझौते के मध्यस्थ राम माधव ही थे ऐसा करना भी भाजपा को अपना तीर अपने ही ऊपर चलना होगा और महबूबा मुफ्ती के घोषणा पत्र का समर्थन भी करना पड़ेगा इस सब के बाद भी पराजय का सामना अवश्य करना पड़ेगा । सितंबर माह में होने वाले हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत भी मिलेगा और सरकार भी बनेगी।