भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है. 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद नई सरकार का गठन होगा. लेकिन इससे पहले राज्य सरकार पर कर्ज को लेकर चिंता बढ़ गई है. ऐसे में नई सराकर को विरासत में 3.85 करोड़ रूपए का कर्ज मिलेगा. 3.85 करोड़ का यह मतलब है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर 47 हजार रूपए का कर्ज है.
मौजूदा बजट के मुताबिक राज्य सरकार की आमदनी 2.25 लाख करोड़ है और खर्च इससे 54 हजार करोड़ अधिक है. यानि की आमदनी से ज्यादा खर्चे हैं. ऐसे में नई सरकार चलाने के लिए वर्तमान बजट से अधिक राशि की आवश्यकता होगी. इतना ही नहीं सरकार हर साल 20 हजार करोड़ से अधिक ब्याज भी भर रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश का 2023-24 का बजट 3.14 लाख करोड रुपए का है. इसका करीब 26.2 प्रतिशत हिस्सा वेतन भत्ते और ब्याज की आदायगी में ही चला जाता है. अगर वेतन भत्ते को ही देखें तो वित्तीय वर्ष खत्म होने तक 56314 हजार करोड रुपए से अधिक खर्च इस पर होंगे. यह बजट का 18.64% होता है. वहीं पेंशन पर बजट का 6.17% और ब्याज पर 7.56% ब्याज भुगतान पर 13.73% खर्च होगा।