Students taking interest in getting professional education in government schools of Sidhi district
एपीसी रमसा डॉ सुजीत कुमार मिश्रा ने जानकारी देकर बताया कि सीधी जिले के पांचों विकास खण्ड में 32 विद्यालयों में कुल 10 ट्रेड संचालित है। कृषि में 994, ब्यूटी एण्ड वेलनेस में 1149, इलेक्ट्रानिक एवं हार्डवेयर में 165, हेल्थ केयर में 267, आई.टी. में 1720, फिजिकल ऐजुकेशन में 80 एवं सिक्योरिटी में 87, सीविंग मशीन(अपेरल) में 185, पम्बिंग में 82, जिसमे 2190 बालक एवं 2626 बालिकाएं कुल 4816 विद्यार्थी लाभ उठा रहे हैं।
इस प्रकार सीधी जिले के 32 विद्यालयों में 4 हजार 816 विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अकेले आई.टी. के क्षेत्र में 1720 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बालिकायें किसी से पीछे नहीं हैं। ब्यूटी एण्ड वेलनेश में 1149 छात्राएं कोर्स सीख रही हैं। इसके अतिरिक्त हेल्थ केयर फिजिकल एजुकेशन और इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर में व्यावसायिक शिक्षा ले रही है।
वोकेशनल वाले विद्यालयों में कुल 47 अतिथि शिक्षक आमंत्रित किये गये हैं जो सैद्धांतिक कोर्स के अतिरिक्त प्रैक्टिकल, इंडस्ट्री विजिट, गेस्ट लेक्चर, भविष्य के लिये जांबरोल इत्यादि कार्य में लगे हुये हैं। उन शिक्षकों का जिला स्तर पर उन्मुखीकरण किया गया एवं जाबरोल, प्रैक्टिकल इत्यादि कार्य हेतु ए.पी.सी. सुजीत कुमार मिश्र द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
एपीसी डॉ मिश्रा ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा वह शिक्षा है जो लोगों को विभिन्न नौकरियों जैसे कि व्यापार और शिल्प में काम करने के लिए प्रशिक्षित करती है। यह कैरियर और तकनीकी शिक्षा को संदर्भित करता है जो छात्रों को विशिष्ट कैरियर के लिए तैयार होने में सहायता करता है। व्यावसायिक कार्यक्रम छात्रों को निर्देश और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं जो उन्हें प्रमाणन या डिप्लोमा की ओर ले जाते हैं। व्यावसायिक स्कूल माध्यमिक स्तर, उच्च शिक्षा स्तर और आगे की शिक्षा पर व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
उन्होंने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में जबरदस्त अवसर प्रदान करेगी। यह कुशल और शिक्षित कार्यबल का निर्माण करने में मदद करेगा जो समय की आवश्यकता है। आज की तेजी से भागती जिंदगी और प्रतिस्पर्धी दुनिया में एक अच्छी नौकरी की तलाश करना वाकई मुश्किल है। व्यावसायिक शिक्षा एक लाभ है क्योंकि वीईटी कार्यक्रम व्यावहारिक कौशल और प्रशिक्षण पर हाथ प्रदान करते हैं जो छात्रों को विशिष्ट नौकरियों के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
वोकेशनल शिक्षा अंतर्गत कक्षा 9 से 12वीं का उपयोग न सिर्फ छात्रों को विभिन्न व्यवसायों के बारे में एक्सपोजर या जानकारी देने के लिये किया जाता है, बल्कि उनके चुने हुये व्यवसाय में उत्तरोत्तर एक स्तर की विशेषज्ञता विकसित करने के लिये भी किया जायेगा। व्यवसाय का चुनाव एवं किस स्तर की विशेषज्ञता अर्थात कोर्स की संख्या को छात्र हासिल करना चाहता है यह पूरी तरह उस पर निर्भर करेगा। छात्रों को इस बात में सक्षम बनाया जाता है कि जिस दौरान वे स्कूल में पढ़ रहे है इन सुविधाओं की मदद से अपना कुछ समय व्यवहारिक अनुभव लेने में बितायें।
जैसे-जैसे दुनिया बढ़ रही है ठीक वैसे ही पढ़ाई करने के तरीके भी बदल रहे हैं। पहले मां-बाप अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर ही बनना पसंद करते थे क्योंकि केवल इसी क्षेत्र में रोजगार के अवसर हुआ करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। प्रशिक्षण और कुशलता हमारे कैरियर रूपी ट्रेन का इंजन है, जिसके बिना हमारी जिंदगी की गाड़ी चल ही नहीं सकती इसलिए यदि जीवन में आगे बढ़ाना है, सफल होना है, तो हमारे अंदर स्किल का होना बहुत जरूरी है यही व्यावसायिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है।