Singrauli News: Transportation of overloaded dust on the city roads is not stopping
डस्ट से सड़कों में फैल रहे प्रदूषण से लोग हो रहे परेशान
Singrauli News : सिंगरौली जिले में इन दिनों फिर से प्रदूषण का प्रकोप बढ़ने लगा है। पहले एनसीएल से निकले कोयले के गुबार और वहीं रही सही कसर सड़क पर चल रहे हाइवे ने लोगों की दिक्कतों को बढ़ा दिया है और हर जगह सड़क पर आपको कोयले की डस्ट या ऐश डाइक की डस्ट सड़को पर बिखरा रहता है जिससे लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतें हो रही है और सांस से जुड़ी बीमारियों लोगों को लगातार परेशान कर रही है। आपको बता दें कि सिंगरौली की सड़कों पर रेत व गिट्टी, डस्ट के ओवरलोड वाहनों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। रेत व डस्ट के स्टॉक से बेरोकटोक चलने वाले वाहनों से सड़कों की दिनोंदिन हालत बदतर होती जा रही है। ओवरलोड वाहनों के कारण हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। बरसात के चलते 2 अक्टूबर तक क्षेत्र में आवंटित वैध रेत खनन पट्टों पर खनन प्रतिबंध है। इससे पहले ही खनन ठेकेदारों की ओर से जिले में कई जगह रेत के स्टॉक लगाए गए हैं। जहां से परिवहन नियमों की अनदेखी कर ओवरलोड वाहनों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा हैं। डस्ट ,रेत व गिट्टी के ओवरलोड वाहन क्षेत्र की सड़कों पर दिन-रात सरपट दौड़ रहे हैं। सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोड वाहन लोगों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं। इन ओवरलोड वाहनों के चलते किसी भी समय सड़क पर कोई हादसा हो सकता है। अधिकारी इन ओवरलोड वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इसके बावजूद परिवहन विभाग द्वारा ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। इसके अतिरिक्त रेत के ओवरलोड वाहनों से उड़ती रेत और धूल ग्रामीणों के लिए परेशानी बनी हुई है। वहीं, सड़कों की हालत भी दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही हैं। सड़कों में गड्ढे बन रहे हैं। ये हादसों का बड़ा कारण बन रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है। इसके बावजूद परिवहन विभाग या फिर प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सड़कों पर दौड़ रहे ओव्हर लोड वाहन
परिवहन विभाग की लापरवाही माने या उनकी छूट से ओव्हर लोड परिवहन कर रहे वाहन धडल्ले से सरपट सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आज बुधवार को लगभग 6 से 7 हाइवा ओव्हर लोड कर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। मजे की बात यह है कि यह सब काम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो रहा है और पुलिस इन पर कार्रवाई करने से बच रही है। अगर पुलिस िवभाग इन पर सख्त हो जाये तो न तो शहरों में प्रदूषण फैलेगा और नही सड़कों पर घटनाएं घटित होगी। फिलहाल पुलिस इन पर मेहरबान है तो कहते हैं गदहा भी पहलवान होता है।
हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन
पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से परिवहन नियमों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु तमाम अभियान चलाए जाते हैं। इसके तहत कार्रवाई भी की जाती है। रेत स्टॉक से बेरोकटोक दौड़ने वाले वाहन बिना नंबर प्लेट नजर आते हैं। इन पर प्रभावी कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। वाहनों में रेत ऊपर तक भरी रहती है। ओवरलोडिंग के कारण हादसे का खतरा बना रहता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि रेत के बिना नंबर प्लेट चल रहे ओवरलोड वाहनों से यदि कोई हादसा हुआ, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
ओवरलोड वाहन के चलने से धस गयी सड़कें
आप को बता दे कि शहर में ओवरलोड वाहन के चलने से सड़कें धस गयी है। हम बात कर रहे शहर के माज़न मोड़ से नवानगर की तरफ जाने वाली सड़क की अगर आप वहा से गुजरते है तो आप देखेंगे की जिस तरफ से भरी वाहन निकलते है उस साइड की सड़क लगभग 6 इंच तक नीचे दब गयी है जिससे इस सड़क से होकर गुजरने वाले राहगीरो को परेशानी का सामना करना पड़ता है और डर बना रहता कि ऊपर नीचे होने के कारण बैलेंस खो कर कही गिर न जाये। और हमेशा हादशों का डर बना रहता है। ये सब सड़क की क्षमता से ज्यादा लोड लेकर निकल रहे भारी वाहनो के कारण ही हो रहा है।