Singrauli News: NCL's poor drain construction work exposed, walls are collapsing as soon as the setting is opened
नाली की दीवार गिरने से मिट्टी में दब कर एक मजदूर की मौत और दूसरा गंभीर रूप से हुआ था घायल
Singrauli News: सिंगरौली। एनसीएल के सीएसआर से मंजूर होने वाले विभिन्न निर्माण होने वाले कार्यो में व्यापक पैमाने पर खेला हो रहा है। एनसीएल के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अपनी ऑखो पर पर्दा डाल रहे है। ऐसा ही ताजा उदाहरण एनसीएल परियोजना के अमलोरी महुआ मोड़ नाली निर्माण का है। जहां पिछले दिनों गुणवत्ता विहीन कार्य होने से निर्माणाधीन नाली कुछ हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा था और उस मलबे के चपेट में आने से एक श्रमिक की दर्दनांक मौत हो गई थी और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था। गौरतलब है कि मंगलवार को एनसीएल के सीएसआर मद से नाली निर्माण का कार्य ठेकेदार कराये जा रहा हैं। पिछले दिनों 25 फरवरी 5 बजे मजदूर भ्रष्टाचार से बन रही नाली की सेटरिंग निकाल रहे थे। तभी अचानक एक तरफ की मिट्टी धंस गई। जिससे दोनों मजदूर दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला और एनसीएल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पोकलैंड, जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू करा दिया। जिसमें एक की मौत हो गई थी। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था। घटना के बाद से चर्चा होने लगी की एनसीएल के ठेकेदार एक तो 20 से 45 प्रतिशत तक में बिलों में टेंडर काम लेते हैं और कुछ हिस्सा इधर-उधर 50 का रेशियो का खर्च आता है। फिर 10 ठेकेदार का वर्किग कैपिटल के बाद 10 प्रतिशत का प्रॉफिट बताते हैं। 30 प्रतिशत ही काम होता है। ऐसे में कमीशन खोरी अगर बढ़ गई तो ग्राउंड में काम कितना होगा। यह किसी से छुपा नहीं है। कमोबेश यह नाली हादसा इसी के इर्द-गिर्द घूम रहा है। नाली की गुणवत्ता यदि सही होती तो शायद यह नाली न गिरती और एक मजदूर की जान न जाती। चर्चा यह है कि ठेकेदार एक तरफ तो घटिया नाली निर्माण कर रहा था। तो वहीं दूसरी तरफ मजदूरों को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नही कराया गया था। यहां बिना किसी सेफ्टी उपायों की ही ठेकेदार काम करते हैं। यही कारण है कि हादसा हो गया है। चर्चा है कि यह एनसीएल के सभी परियोजना में इस तरह की अनियमितताएं हो रही हैं। जिसमें एनसीएल परियोजना प्रमुखो के साथ-साथ सिविल से जुड़े एनसीएल कर्मियों का संरक्षण मिला है। फिलहाल एनसीएल के घटिया निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है और एनसीएतल के अधिकारी सवालो के क टघर्रे में घिर गये हंै।
ठेकेदार को जारी नही हुआ अब तक नोटिस
गुणवत्ता की वजह से नाली धंसने से एनसीएल की गुणवत्ता की पोल खुल गई है। लेकिन अभी तक दोषी ठेकेदारों पर किसी तरह की कार्यवाही नही की गई है। चर्चा है कि नाली की गुणवत्ता कितनी बेहतर है। इस बात की जानकारी एनसीएल के सीजीएम सहित वरिष्ठ कार्यालय को भी है। ऐसे में सवाल उठता है कि ठेकेदार के गुणवत्ता विहीन निर्माण से न केवल धन का दुरुपयोग हो रहा है। बल्कि लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं। यदि इन पर शिकंजा नही कसा गया तो ठेकेदारों का मनोबल बढ़ेगा और घटिया निर्माण कार्य होंगे। हालांकि देखना होगा कि सीएमडी इस मामले में क्या एक्शन लेते हैं?
मापदंडों का नही होता पालन
बताया जा रहा है कि कम रेट के चलते 50 फीसदी से ज्यादा खर्च हो जाता है। इसके अलावा और भी कई अन्य खर्चे हैं। ऐसे में हो रहे नाली निर्माण निर्धारित मापदंडों का पालन नही हो रहा था। निर्माण में एनसीएल की खदानों के निम्न गुणवत्ता की रेत और मिट्टी युक्त गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। सीमेंट कम उपयोग कर रहे हैं। यह किसी से छुपा नही है। ब्लास्टिंग जोन के साथ सिविल के कामों में घटिया निर्माण से हर समय क्षतिग्रस्त की आशंका बनी रहती है। इतने बड़े हादसे के बाद अभी तक ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही नही की गई।