Singrauli News: क्रेशर संचालक पर खनिज महकमा मेहरबान

Admin Posted on: 2023-02-11 16:06:00 Viewer: 355 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: क्रेशर संचालक पर खनिज महकमा मेहरबान



Singrauli Mirror News: किसी भी गतिविधि को संचालित करने एवं नियम कानून के मद्देनजर स्थितियों पर परस्पर नजर बनाए रखने के लिए सरकार ने भले ही विभागों की स्थापना कर दी हो परंतु सिंगरौली जिले में स्थापित विभाग अपने कार्य को जिस कदर अंजाम दे रहे हैं जिसके कारण आम जनता सहित जिले के जानवर भी सुरक्षित नहीं दिखाई पड़ रहे हैं परंतु जिले का जिम्मेदार खनिज विभाग इन सब बातों से कोई इत्तेफाक नहीं रखता है जिले में संचालित सैकड़ों क्रशर प्लांट नियमों की धज्जियां लगातार उड़ाते आ रहे हैं परंतु मजाल है कि जिले का प्रशासनिक अमला उनकी तरफ कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा सके दरअसल विभागों की ही मेहरबानी से संचालकों की मनमानी एवं निरंतर उनके मनोबल में वृद्धि होती जा रही है अब जब जिले में प्रदूषण सहित एवं अन्य कई गतिविधियों को लेकर आवाज उठने लगी है जिसके बाद विभाग कभी कभार हरकत में भी जरूर आ जाता है परंतु कोरम पूरा करने के बाद स्थितियां सामान्य तौर पर संचालित होने लगते हैं।

जाने पूरा मामला

सिंगरौली जिला मुख्यालय से कई किलोमीटर दूर स्थित मकरोहर में स्थापित क्रेशर प्लांट संचालक के द्वारा व्यापक तौर पर मनमाने तरीके से कार्य करने का आरोप स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है मुख्य सड़क के बगल में स्थित लगभग सैकड़ों मीटर गहरी खदान प्लांट संचालक के द्वारा खोद डाली गई ग्रामीण बताते हैं कि प्लांट संचालकों के द्वारा मनमानी के कारण कई बार पशु खदान में गिर कर काल के गाल में समा चुके हैं परंतु अब तक सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर फेंसिंग नहीं की गई है ।खनिज महकमे के अधीनस्थ संचालित होने वाले क्रेशर प्लांट सहित पत्थर की खदानों में नियमों की धज्जियां खुले आम उड़ाई जा रही हैं दरअसल नियमों के साथ खिलवाड़ करने का यह सिलसिला कोई आज का नया नहीं है आपको बताते चलें कि सिंगरौली जिले में माइनिंग गतिविधियों के लिए प्रदेश एवं देश स्तर पर जाना जाता है सिंगरौली जिले में लगभग कई पत्थर की खदान स्थापित है जहां से पत्थरों को निकालकर क्रश कर उनका उपयोग निर्माण कार्यों में किया जा रहा है परंतु खदानों से निकलने वाले इन पत्थरों को क्रेशर प्लांट तक पहुंचने के बाद बजरी के रूप में आने तक विभिन्न प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है एवं सभी प्रक्रिया के लिए शासन द्वारा क्रशर संचालकों के लिए नियम कानून बनाए गए हैं परंतु इन सभी नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए क्रेशर प्लांट संचालक अपनी मनमानी करते आ रहे हैं जिले में स्थित कई पत्थर खदान है आज काफी गहरी हो चुकी है एवं गहरी पत्थर खदानों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी के साथ-साथ पत्थरों को क्रश करने के लिए लगाए गए क्रेशर प्लांट के आसपास के क्षेत्र एवं प्लांट की चारदीवारी सहित बोलकर को रोकने के लिए आवश्यक दिशा निर्देशों को भी दरकिनार प्लांट संचालकों के द्वारा किया जा रहा। इतना ही नहीं जिले में कई पत्थर की खदान है ऐसे भी हैं जहां पर पत्थरों को निकाल तो लिया गया है परंतु आज उन गहरी खदानों को यूंही खुले तौर पर छोड़ दिया गया अब ऐसे में खुली पत्थर की खदानों में दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।

विभाग की मेहरबानी समझ से परे

अंचल सिंगरौली के विभिन्न हिस्सों में संचालित होने वाली पत्थर की खदानें एवं कई खदानें ऐसी भी जिनसे पत्थरों को निकालकर अब उन्हें खाली छोड़ दिया गया है उन्हें देखने के बाद एक बात मन में जरूर आती है कि आखिरकार जिम्मेदार खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी ऐसे लापरवाह लोगों के खिलाफ आखिरकार कार्रवाई करने से क्यों कतराते हैं नियमों का पालन ना होने से जानमाल के नुकसान की आशंका के साथ में कई प्रकार की अपनी घटनाएं भी होने की संभावनाएं बनी है ऐसा भी नहीं है कि संबंधित मामले की जानकारी विभाग के अधिकारियों को ना हो परंतु विभागीय अधिकारी संबंधित खतरों से एवं जनहित की समस्याओं से मुंह फेर बैठे हुए हैं खदानों से निकलने वाले पत्थर खदान की चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था एक तरफ जहां खदान संचालक के लिए जरूरी होता है तो वहीं दूसरी तरफ आम जनमानस के लिए भी यह बेहद जरूरी कदम है परंतु अब तक जिले में ऐसी कोई खदान नहीं है जहां पर नियमों का पालन पूरी तरह से किया जा रहा हो तो वहीं दूसरी तरफ सिंगरौली जिले के वायु गुणवत्ता सूचकांक के मद्देनजर भी खनिज विभाग अमला जिले में माइनिंग गतिविधियां संचालित करने वाले प्लांट के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करवा पाने में भी असमर्थ रहा है भले ही प्रदूषण विभाग से एनओसी प्राप्त कर यह प्लांट संचालित हो रहे हैं परंतु स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा प्रदूषण के संबंध में भी विभाग के अधिकारियों को लिखित तौर पर शिकायत कर मामले की जानकारी दी जा चुकी है जिस पर खनिज विभाग सहित अन्य विभाग तक कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं और शायद उसी का यह परिणाम रहा है कि नियमों का पालन न होने से आज जिले में प्रदूषण का ग्राफ बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।

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