Singrauli News: Government pump house in the grip of encroachment, now on the verge of extinction
सत्या होटल के पास सरकारी पंप हाउस और नाले पर अतिक्रमण, प्रशासन की दोहरी कार्रवाई पर सवाल?
Singrauli News: सिंगरौली। जिले के नगर पालिक निगम क्षेत्र में इन दिनों अतिक्रमण हटाने की मुहिम जोरों पर है शासन-प्रशासन लगातार कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माणों को हटाने में जुटा हुआ है। लेकिन इस मुहिम के दौरान प्रशासन पर पक्षपात के आरोप भी लग रहे हैं। ताजा मामला सत्या इंटरनेशनल होटल के बगल में स्थित सरकारी पंप हाउस और नाले से जुड़ा है, जो अब लगभग विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुका है।
प्रशासन गरीबों पर सख्त, अमीरों पर मेहरबान ?
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन केवल गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के आशियानों पर बुलडोजर चला रहा है, जबकि रसूखदारों और बड़े व्यापारियों के अवैध निर्माणों को नजरअंदाज किया जा रहा है। सत्या इंटरनेशनल होटल के पास स्थित सरकारी पंप हाउस और नाले पर लगातार अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "जब हमारी झुग्गियों पर कार्रवाई होती है, तो प्रशासन के लोग बिना किसी नोटिस के पहुंच जाते हैं। लेकिन बड़े होटलों और व्यवसायियों की ओर से किए गए अतिक्रमण को देखकर भी आंखें मूंद ली जाती हैं। यह दोहरी नीति आखिर कब तक चलेगी?"
सरकारी पंप हाउस गायब होने की कगार पर
सरकारी पंप हाउस, जो कभी क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था का अहम हिस्सा हुआ करता था, आज विलुप्त होने के कगार पर है सत्या इंटरनेशनल होटल के आस-पास तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों के कारण नाले की चौड़ाई कम हो गई है, जिससे बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस पंप हाउस और नाले की सफाई एवं मरम्मत नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में यह पूरी तरह विलुप्त हो सकता है, और नाला बस नाली बन के रह जायेगा। जिससे क्षेत्र में जल निकासी की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि सत्या इंटरनेशनल होटल के आसपास हुए अवैध निर्माणों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही सरकारी पंप हाउस और नाले की सफाई और संरक्षण के लिए विशेष योजना बनाई जाए ताकि जलभराव और प्रदूषण जैसी समस्याओं से निपटा जा सके।
नगर निगम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, "हमारे पास सीमित संसाधन हैं, लेकिन फिर भी हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए। जल्द ही इस क्षेत्र का निरीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाएगी।"सिंगरौली के नागरिक अब प्रशासन से न्यायसंगत कार्यवाही की उम्मीद कर रहे हैं। सवाल सिर्फ सरकारी पंप हाउस और नाले के अस्तित्व का नहीं है, बल्कि प्रशासनिक कार्यशैली की निष्पक्षता का भी है। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है, या फिर यह मुद्दा भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।