Singrauli News: Even after taking money, the doctor was accused of spoiling the woman's case
Singrauli News: सिंगरौली जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, परिजनो ने आरोप लगाते हुए कहा कि पैसों के लेन-देन के बावजूद गर्भवती महिला के इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई। इस मामले में डॉक्टर उमेश सिंह पर 5 हजार रुपये लेने के बाद भी महिला की हालत बिगाड़ने और इलाज में असमर्थता जताने के गंभीर आरोप लगे हैं।
रुपयों के आगे इंसानियत ने दम तोडा
सूत्रों के मुताबिक, महिला के परिजनों से ऑपरेशन के लिए 10 हजार रुपये मांगे गए थे। हालांकि, आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार ने किसी तरह कर्ज लेकर 5 हजार रुपये ही जुटाए और डॉक्टर को दे दिए। इसके बाद डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन तो किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ गई।
परिजनों का आरोप है कि महिला की स्थिति गंभीर होने के बावजूद डॉक्टर ने सही इलाज देने के बजाय असमर्थता जता दी। हालत स्थिति इतनी नाजुक हो गई कि मरीज को दूसरे अस्पताल रेफर करने की नौबत आ गई, लेकिन तीन घंटे तक एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी। इस दौरान महिला आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही।
समय पर नहीं मिली एम्बुलेंस
परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद जब महिला की तबीयत बिगड़ी, तब डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आई। तीन घंटे बीतने के बाद भी मरीज को रेफर करने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल सकी। परिजन अस्पताल के इधर-उधर चक्कर लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की। आईसीयू में महिला की हालत लगातार बिगड़ती रही, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस दर्दनाक स्थिति में परिजन डॉक्टर की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखते रहे, पर डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने सिंगरौली जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गरीब और असहाय मरीजों के प्रति अस्पताल के गैर-जिम्मेदाराना रवैये से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो महिला की हालत इतनी गंभीर नहीं होती।परिजनों ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। डॉक्टर उमेश सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।