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Singrauli News: बरगवां रेलवे साइडिंग से हो रहा करोड़ों के मिलावटी कोयले का कारोबार

Rama Posted on: 2025-02-13 15:31:00 Viewer: 191 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: बरगवां रेलवे साइडिंग से हो रहा करोड़ों के मिलावटी कोयले का कारोबार Singrauli News: Adulterated coal worth crores is being traded from Bargawan railway siding

कोयले में डस्ट मिलावट का कारोबार जारी, प्रशासन मौन

Singrauli News : उर्जाधानी के नाम से अपनी पहचान बनाने वाला सिंगरौली आज कोयले में मिलावट करने वाला गढ़ बन गया है कालाबाजारी करने वालों के लिए स्टोन डस्ट सोना बन गया है। ऊर्जांचल में कोयले की कालाबाजारी करने वाले इस खेल में दिन रात लगे हैं। कोयला में मिलावट व कागजों में हेराफेरी कर कोयले को आसपास के मंडियों में भेज दिया जा रहा है। इसके लिए जिले की क्रेशर प्लांटों से स्टोन डस्ट लाकर कोयले में मिलाया जा रहा है। सूत्र बताते है कि प्रतिदिन क्रेशर से स्टोन डस्ट बरगवां साइडिंग पर पहुंच रहा है। सूत्रों की माने तो सिंगरौली जिले के बरगवां रेलवे साइडिंग पर हजारों टन स्टोन डस्ट लाकर मिलावट का कारोबार शुरू हो गया है। विभिन्न जिले के तेलगवां स्थित क्रेशर प्लांट से स्टोन डस्ट लाकर इसका मिश्रण कोयले के साथ हो रहा है। सूत्रों के अनुसार इस खेल में कोल माफिया अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का खेल कर रहे हैं। इस बाबत कई जिम्मेदार अफसरों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं हुआ।

आप को बता दे वैसे तो सिंगरौली जिले में कोयला कबाड़ एवं डीजल माफिया से जुड़ी हुई घटनाओं के संबंध में आए दिन खबरें निकल कर सामने आती रहती है। पावर संयंत्रों को कोयला दिए जाने के मामले में विगत कुछ समय से मिलावट माफियाओं के द्वारा हानि पहुंचाई जा रही है। मिलावट खोरी के इस काम में एक तरफ जहां मिलावटखोरों की चादी हो रही है। वही कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों को चलाने वाली कंपनियों को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंच रही है। सफेदपोश धारी कोयले में मिलावट के इस काले खेल के मास्टरमाइंड हो चले हैं। कोयले के काले रंग की तरह इन सफेद पोस के द्वारा मिलावट खोरी का खेल लंबे अरसे से किया जा रहा है। भले ही यह सफेद पोशाक वाले हो परंतु उनके हाथ कोयले की तरह काले हो चुके हैं। अपने रसूक के कारण इन पर प्रशासनिक सरपरस्ती की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। जाहिर सी बात है इतने बड़े खेल को अंजाम देने के लिए राजनैतिक सरपरस्ती का होना भी बेहद आवश्यक है। लोग भाजपा नेताओं के साथ सांठगांठ की बात को भी बताने से नहीं चूक रहे हैं।

भारी मात्रा में पहुंच रहा स्टोन डस्ट
सूत्र बताते है बरगवां में स्थित गोदावरी कोल कंपनी पर मिलावटी कोयला बेचने का आरोप लगा है। आरोप है कि कंपनी बरगवां, गोदवाली और मोरवा रेलवे साइडिंग में मिलावटी कोयला खपा रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लग रही है। सूत्रों के अनुसार, गोदावरी, प्रापक कोल कंपनी क्षेत्र के क्रेशरों से भस्सी और डस्ट छाई मिलाकर मालगाड़ी के रैक में लोडिंग करा रही है। यह खेल राजनैतिक सरपरस्ती में हो रहा है। सूत्रों की माने तो बरगवां, गोदवाली मोरवा साइडिंग में कुछ दिनों से यह मिलावट का कारोबार लगातार चल रहा है।

सूत्र बताते हैं कि संबंधित मिलावट सामग्री को कोयले में मिलाने के बाद मिलावटी कोयला तैयार कर लिया जाता। सूत्रों की माने तो प्रापक कोल कंपनी (डीएस) , गोदावरी कोयला में मिक्सिंग कर पावर संयंत्र ललितपुर थर्मल पावर, बजाज एनर्जी लिमिटेड और प्रयागराज पावर प्लांट को मिलावटी कोयला भेजा जा रहा है। सूत्र बताते है कि भस्सी का बड़ा खेल शुरू हो गया है जो विगत कई सालों से अनवरत समय-समय पर चालू होता है बंद होता है।

निष्पक्ष जांच की मांग
मिलावटखोरी के इस खेल को प्रशासन और कुछ राजनीतिक नेताओं का समर्थन प्राप्त है। गोदावरी कोल कंपनी के कर्ताधर्ता, ट्रांसपोर्टर और कुछ सफेदपोशों की सांठगांठ की बात सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि इस काले खेल की सच्चाई तभी उजागर हो सकती है, जब इस पर निष्पक्ष और सख्त जांच की जाए। हाल ही में जिले में नए पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति के बाद कोयला माफियाओं पर लगाम लगाने की उम्मीद थी। लेकिन माफियाओं ने मुखबिरों का जाल बिछाकर प्रशासन को चकमा देते हुए अपना काला धंधा फिर से शुरू कर दिया है। बरगवां रेलवे साइडिंग पर स्टोन डस्ट मिलावट का कार्य जोरों पर है।

पूर्व में पदस्थ प्रधान आरक्षक फिर मोरवा व बरगवां थाने पहुंचने की जुगत में

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोयले के मिलावट के काले खेल में पूर्व में मोरवा थाना में पदस्थ रहे एक प्रधान आरक्षक की भूमिका पूर्व में महत्वपूर्ण रही है। वही अब बताया जा रहा है पूर्व में मोरवा से निलबित होने के बाद कुछ समय बाद गढ़वा थाना पदस्थ होने के बाद अब पुलिस लाइन में आ गए है और बरगवां या मोरवा थाना में पहुंचने की जुगाड़ में लगे हुए है। सूत्र बताते है कि अब वही आरक्षक भोपाल मुख्यालय में जुगाड़ लगाकर फिर से मोरवा थाना आने की फ़िराक में लगा हुआ है। लेकिन कप्तान के आने के बाद सभी के मंसूबो पर पानी फिरता नज़र आ रहा है। कोयले में मिलावट का खेल शुरू करबाने में पूर्व में मोरवा थाने में पदस्थ आरक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है इनके ही इशारे पर गिरोह के मास्टरमाइंड मिलावट खोरी के खेल को अंजाम देना शुरू कर किये थे।

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