Sidhi News: Post-mortem was done in the presence of Tehsildar, death was due to diarrhea
हर्रई गांव मे दो नये मरीज मिले,स्वास्थ्य विभाग ने लगाया हैं मेडिकल कैंप
Sidhi News : भुईमाड़। सीधी जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर हर्रई गांव मे शनिवार को उल्टी दस्त के चलते रीना बैगा पति गणेश बैगा उम्र 40 वर्ष एवं बुध्द सेन बैगा पिता गणेश बैगा उम्र 20 वर्ष की की मौत हो गई थी। जिनका पोस्टमार्टम रविवार को सुबह कुशमी तहसीलदार की उपस्थिति में हुआ। एवं उन्हीं परिवार के तीन लोगों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। तो वही रविवार को भी हर्रई गांव में एक 1 साल की के बच्चे उमेश बैगा पिता गंगा बैगा को उल्टी होने पर प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ मे भर्ती कराया गया जिसके बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। इसके साथ ही शुकवरिया सिंह पति श्रीपाल 62 वर्ष को उल्टी की शिकायत पर प्रथामिक स्वास्थ्य भुईमाड़ मे भर्ती कराया गया है जहाँ उपचार चल रहा है। मृतक रीना बैगा के टोटल 8 संतान हैं जिसमें से सबसे बड़ा बुध्दसेन बैगा था जिसकी मृत्यु हो चुकी हैं। इसके साथ ही सात लोग और हैं सबसे छोटा लड़का एक साल का हैं। जो माँ के लिए लगातार रो रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि वैसे इस क्षेत्र में कोई अधिकारी अवसर नहीं आते लेकिन जब कोई बड़ी घटना हो जाती है तब दिन-रात एक कर देते हैं यू मना जाय कि गांव में ही की डेरा डाल देते हैं।
शवों को जलाया नहीं बल्कि दफनाया गया
हिंदु धर्म के अनुसार अगर व्यक्ति बालिग हैं तो मृत्यु के उपरांत उसके शव को अग्नि दाहसंस्कार किया जाता है। हर्रई गांव मे हुए डायरिया से मृत्यु हुए दोनों लोगों को जलाया नहीं गया बल्कि जमीन के अंदर दफनाया गया। उक्त समुदाय के लोगों का मानना है कि अगर व्यक्ति की साधारण मृत्यु होती है तो अग्नि दाह संस्कार किया जाता है लेकिन अगर व्यक्ति की मौत किसी बीमारी से होती है तो उसे दफनाया जाता है। ताकि उस तरह की बीमारी गांव में ना फैले। अगर यही पर बात किया जाए कि गांव के लोग सजगता मृत्यु होने के पूर्व जब बीमारी हुई तब दवा कराने के बजाय झाड़ फूंककराने में लग जाते हैं अगर इतनी सजगता पहले दिखायें होते तो शायद मृत्यु से बचा जा सकता था।
गांव में सीबीएमो व डाँक्टर की टीम ने मेडिकल कैंप लगाकर डेरा डाल रखा है।
हर्रई गांव में घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमरोला पंचायत के हर्रई गांव में सी बीएमओं कुशमी डाँ. ऋषभ गुप्ता द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मेडिकल कैंप लगाकर लोगों का उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही लोगों से अपील कर रहे हैं कि पानी उबालकर पीने एवं साफ सफाई के साथ बासी भोजन ना करने का सलाह दे रहे हैं। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता हर्रई,अमरोला, ज्वारीटोला के साथ अन्य गावों मे घर घर जाकर जरूरत की मेडिकल सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं एवं किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर तत्काल दवा लेने एवं हॉस्पिटल जाने की सलाह दे रही हैं।
गांव गांव में किया जा रहा अलाउंस एवं वितरण किया जा रहा है मास्क व साबुन
हर्रई गांव में हुए घटना के बाद ग्राम पंचायत के द्वारा अलाउंस किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार का तबीयत खराब होता है तो तुरंत आकर दवा लें पानी उबाल कर पियें। इसके साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा घर घर जाकर मास्क एवं साबुन वितरण किया जा रहा है।
नहीं पंहुचे कोई भी जनप्रतिनिधि
सरकार जनजाति बैगा समुदाय को लेकर इतनी सजग हैं। लेकिन सीधी जिले के हर्रई मे डायरिया से हुए मौत की घटना के बाद मृतक के घर परिजनों से मिलने कोई भी नहीं पंहुचे। इतना ही नहीं जिला अस्पताल सीधी में तीन लोग भर्ती हैं उनसे भी मिलने कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पंहुचें। जनता जब अपने जनप्रतिनिधि को चुनती हैं तो ऐ विश्वास के साथ चुनती हैं कि उसके हर दुख सुख मे खडे़ मिलेंगे लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि मिलने तक नहीं पंहुचें।