Singrauli Mirror News: सिंगरौली जिले के विंध्यनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम शाहपुर में एन.टी.पी.सी. का लगभग 800 एकड़ क्षेत्रफल में कुल 6 राखड़ बांध स्थापित है। जिसमें से राखड़ बांध क्रमांक S1व S2 सिंगरौली थर्मल थर्मल पावर प्लांट, शक्तिनगर का है तथा राखड़ बांध क्रमांक V1, V2, V3A तथा V3B विंध्याचल थर्मल पावर प्लांट, विंध्यनगर का है। वर्तमान में विंध्याचल थर्मल पावर प्लांट, विंध्यनगर द्वारा शाहपुर स्थित राखड़ बांध क्रमांक V3B की ऊंचाई बढ़ाने का कार्य मे० नारायण इंटरप्राइजेज प्रा०लि० को दिया गया है। इसी फर्म द्वारा बलियरी में स्थित विंध्याचल थर्मल पावर प्लांट, विंध्यनगर का राखड़ बांध क्रमांक V4A व V4B की भी ऊंचाई बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। दिनांक 07/02/23 को सिंगरौली मिरर की टीम द्वारा जब ग्राम शाहपुर स्थित राखड़ बांध क्षेत्र का भ्रमण किया गया तो पाया गया कि राखड़ बांध क्रमांक V3B की ऊंचाई बढ़ाने का कार्य में लगे ठेकेदार मे० नारायण इंटरप्राइजेज प्रा०लि० द्वारा बांध निर्माण कार्य में लगने वाले मुरुम का अवैध उत्खनन रिहंद जलाशय के प्रतिबंधित क्षेत्र में 01 पी.सी. तथा 3 से 4 भारी वाहनों की मदद से किया जा रहा है। प्रशासन का भय न होने कारण ठेकेदार द्वारा इससे पहले भी शाहपुर व बलियरी से भारी मात्रा में खनिजों का अवैध दोहन किया जा चुका है। माह जनवरी 2023 में मे० नारायण इंटरप्राइजेज प्रा०लि० द्वारा रिहंद जलाशय के प्रतिबंधित क्षेत्र ग्राम बलियरी से भारी मात्रा में मुरुम का अवैध उत्खनन कर बलियरी स्थित राखड़ बांध के निर्माण में खपाया गया था। दिनांक 09/01/23 को बलियरी में मुरूम के हो रहे अवैध उत्खनन के बारे में खबर प्रकाशित किया गया था। खबर को संज्ञान में लेकर सिंगरौली खनिज विभाग द्वारा दिनांक 14/01/23 को उक्त ठेकेदार के बलियरी स्थित कैंप साइट पर छापामार कार्रवाई कर भारी मात्रा में अवैध मुरुम, रेत तथा पत्थर की जब्ती कर जुर्माने की कार्रवाई की गई थी।
पिछले वर्ष 2022 में भी सिंगरौली खनिज विभाग द्वारा मुरूम के अवैध उत्खनन के लिए ठेकेदार पर अवैध उत्खनन को लेकर लाखों रुपए का जुर्माना किया गया था। लेकिन बार-बार जुर्माने की कार्रवाई होने के बावजूद भी मे० नारायण इंटरप्राइजेज प्रा०लि० का संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अगर समय रहते सिंगरौली जिला प्रशासन उक्त फर्म पर कठोर कानूनी कार्यवाही नहीं करती हैं तो वह ठेकेदार इसी तरह अपने निजी स्वार्थ के लिए रिहंद जलाशय के प्राकृतिक संरचना के साथ छेड़छाड़ कर प्रदूषण फैलाता रहेगा।