Governor of Rajasthan: Governor of Rajasthan met PM and discussed development issues of the state.
Governor of Rajasthan: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार सुबह जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुलाकत की,जिसमें राज्य के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। मुलाकात के दौरान राज्यपाल मिश्र ने प्रधानमंत्री को भगवान गणेश की प्रतीकात्मक स्मृति चिन्ह और राजस्थान की पारंपरिक मीनाकारी शिल्प से सजी एक शॉल भेंट की।
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री मोदी पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 58वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए राज्य के दौरे पर हैं। तीन दिवसीय यह वार्षिक कार्यक्रम, जिसका उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। यह सम्मेलन शीर्ष पुलिस अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों के चर्चा और रणनीति बनाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। हाइब्रिड मोड में आयोजित इस सम्मेलन में जयपुर में डीजीएसपी/आईजीएसपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों उपस्थिति रही जबकि विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी देश के विभिन्न हिस्सों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिये कार्यक्रम में शामिल हुए।
सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अधिकारियों को उल्लेखनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से नवाजा,वहीं तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों को ट्रॉफी भी प्रदान की। गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्र की सेवा में समर्पित सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
पिछले वर्ष हुए दो महत्वपूर्ण बदलाव
2023 को अमृतकाल के रूप में याद करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 2023 में दो महत्वपूर्ण विकास हुए जिसमें नई शिक्षा नीति का निर्माण और ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस नए कानून में सजा से न्याय प्रदान करने पर जोर दिया गया है। गृहमंत्री ने इन कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) स्तर तक व्यापक प्रशिक्षण और स्थानीय पुलिस स्टेशनों से पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) तक तकनीकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
थिंक टैंक के रूप में सम्मेलन की भूमिका
उन्होंने देश की सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार की ओर इशारा करते हुए कहा कि विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में भारी कमी आई है । गृहमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में एक 'थिंक टैंक' के रूप में विकसित हुआ है। सम्मेलन के दौरान उन्होंने 'निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों के निर्माण देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल में एकरूपता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के एजेंडे में सीमा सुरक्षा,साइबर-खतरे, कट्टरपंथ, धोखाधड़ी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उभरने वाले खतरे जैसे विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों को चर्चा में शामिल किया गया है।