Dengue Case in MP: The sting of dengue is not stopping in Madhya Pradesh
Dengue Case in MP: ग्वालियर/ भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत ग्वालियर और इंदौर में डेंगू के मरीजों की (Dengue Active Case in MP) संख्या बढ़ती ही जा रही है. स्वास्थ्य विभाग डेंगू (Dengue) के संक्रमण पर रोक लगाने में नाकाम दिख रहा है. राजधानी में डेंगू के 13 नए मरीज मिले हैं. डेंगू मरीजों (Dengue Cases) की कुल संख्या 775 पर पहुंच गई है. जबकि ग्वालियर (Dengue in Gwalior) में यह आंकड़ा एक हजार के पार हो गया है।
राजधानी में डेंगू पाजिटिविटी रेट बढ़ गया है. ऐसे में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 775 हो गई है. सर्वे में हर सौ में से पांच फीसदी घरों में लार्वा मिल रहा है. सोमवार को 67 सैंपल जांचे गए, इनमें से 13 की रिपोर्ट डेंगू पाजीटिव आई है. डेंगू मरीजों की कुल संख्या 775 पर पहुंच गई है. वहीं, डेंगू के साथ-साथ चिकिनगुनिया के भी मरीज बढ़ रहे हैं.
ग्वालियर की बात करें तो यहां डेंगू मरीज़ों का आंकड़ा एक हज़ार के पार हो गया है. डेंगू के 25 नए मरीज मिले हैं. जयारोग्य और जिला अस्पताल में 70 सैंपल की जांच हुई. जिसमें 4 साल की बच्ची सहित 25 मरीज़ों में डेंगू की पुष्टि हुई है. पीड़ितों में ग्वालियर जिले के 13 मरीज़, अन्य जिलों के 12 मरीज़ शामिल हैं. जिले में डेंगू का आंकड़ा बढ़कर 1011 हुआ.
डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण हल्के और गंभीर दोनों हो सकते हैं. संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. जानिए लक्षण-
सिरदर्द
मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
उल्टी
जी मिचलाना
आंखों में दर्द होना
त्वचा पर लाल चकत्ते होना
ग्लैंड्स में सूजन होना
डेंगू गंभीर होने पर लक्षण
डेंगू का मामला गंभीर होने पर Dengue Haemorrhagic Fever का खतरा बढ़ता है और शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं. ऐसे में ये लक्षण सामने आ सकते हैं-
तेज पेट दर्द
लगातार उल्टी होना
मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
मूत्र, मल या उल्टी में खून आना
त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, जो चोट जैसा नजर आ सकता है
सांस लेने में कठिनाई
थकान महसूस करना
चिड़चिड़ापन या बेचैनी
ऐसे करें बचाव
घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें. हफ्ते में कम से कम दो बार इसे बदलें.
पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढककर रखें.
फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.
किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद किसी की सलाह से दवा न लें.