Ankita Bhandari Case: 8 days' job in the resort and then.
आज भी अनसुलझी है अंकिता हत्याकांड की गुत्थी, परिजनों को कोर्ट पर भरोसा
देहारादून.- देश के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड की गुत्थी एक साल बाद भी अनसुलझी है. इस मामले में तीन आरोपी भले ही सलाखों के पीछे हों. लेकिन, आज भी यह पूरा मामला रहस्य बना है.अंकिता के मां-बाप आज भी अपनी बेटी के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा देने की गुहार लगा रहे हैं. बता दें, पौड़ी के डोभ श्रीकोट की 19 साल की मासूम अंकिता भंडारी जो ऋषिकेश के निकट वनान्त्रा रिजोर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी, जिसकी मौत आज भी एक रहस्य बनी है.
पुलिस ने भले ही 97 गवाओं की गवाही के साथ 300 पन्नों की चार्ज शीट तैयार कर कोर्ट के सामने पेश की हो. लेकिन, पूरे प्रकरण के एक साल बीत जाने पर भी आज तक पीड़ित मां बाप केवल कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर हैं और आज भी ये मां-बाप अपनी 19 वर्षीय बेटी के लिए इंसाफ मांग रहे हैं पिता वीरेन्द्र का कहना है कि वो लगातार बेटी के न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और जब तक आरोपियों को फांसी नही हो जाती तब तक वो छोड़ेंगे नही.
बता दें- 10 सितंबर को पहली बार अपने मित्र की सिफारिश पर अंकिता भंडारी को वन्नात्रा रिजोर्ट में रिसेप्शनिस्ट की जॉब मिली थी. पिता ने खुद बेटी को रिजॉर्ट में ड्राप किया था. लेकिन, 8 दिन की नौकरी के बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. लेकिन, जब पिता को इस बात यकीन नहीं तो उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगा कर मामले की छानबीन के लिए पुलिस का सहारा लिया.
पुलिस ने जब रिजोर्ट के मालिक और अन्य लोगों से पूछताछ की तो जो कहानी समने आई वो होश उड़ाने वाली थी. इस पूछताछ के बाद पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य जो कि राज्य मंत्री रहे विनोद आर्य का बेटा है और दो अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया. इन लोगों ने बताया था कि अंकिता रिजॉर्ट के पास चीला नहर में गिर गयी थी. जिसपर पुलिस ने तीनों आरोपियों के निशानदेही पर 24 को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद किया था, जिसका पोस्टमार्टम करवाया गया. लेकिन, उसके साथ रेप की पुष्टि नहीं हुयी थी.
इस मामले में सरकार ने एक एसआईटी गठित की, जिसने 97 गवाहों के बयानों पर करीब 300 पन्नों की चार्जशीट तैयार की. सूत्रों के मुताबिक आज भी पुलिस की चार्जशीट में धारा 302 यानी कि हत्या होने के कोई भी सबूत नहीं है. वहीं पुलिस अब जिन व्हाट्सअप्प चैट को अब अहम कड़ी मान रही है. उनमे जिस वीआईपी की बात अंकिता अपने दोस्त के साथ कर ही है कि उस पर रिजोर्ट मालिक पुलकित किसी वीआईपी के साथ जबरन शाररिक संबंध बनाने के लिए दबाव बना रहा है, जिस कड़ी को आज भी अंकिता के हत्या की वजह बताई जा रही है. लेकिन, वो वीआईपी कौन था, इस पर आज तक पुलिस पर्दा नहीं उठा पायी है.
अंकिता हत्याकांड मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201, 354 के तहत गंभीर धाराओ में मुकदमा दर्ज हुआ है. लेकिन, आज भी पुलिस के हाथ सबूतों की कमी से जूझ रहे हैं. भले ही कुछ इलेक्ट्रोनिक सबूत और गवाओं के कुछ बयानों पर आज भी मामला कोर्ट में चल रहा है. वैसे पूरे मामले में सबकी नजरें अब कोर्ट के फाइनल डिसीजन पर टिकी है. वहीं सरकार ने अब अंकिता की याद में राजकीय नर्सिंग कॉलेज श्रीनगर का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर रखने की घोषणा की है.