Singrauli News: कोतवाल की अनुपस्थिति में रेत माफियाओ ने शुरू किया अवैध रेत का कारोबार

Rama Posted on: 2024-05-02 11:59:00 Viewer: 94 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: कोतवाल की अनुपस्थिति में रेत माफियाओ ने शुरू किया अवैध रेत का कारोबार Singrauli News: In the absence of Kotwal, sand mafia started illegal sand business

 

Singrauli News: सिंगरौली। एक बार फिर से रेत माफियाओं ने बलियरी के रेण नदी में बोला हमला, धड़ल्ले से कर रहे हैं अवैध रेत का उत्खनन परिवहन। मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली प्रभारी सुधेश तिवारी ने कुछ महिने पहले ही बलियरी में एक साथ कई ट्रैक्टरो पर कार्रवाई करते हुए रेत माफिया पर अंकुश लगाने में कामयाबी हासिल की थी, काफी दिनों तक रेत माफियाओं द्वारा नदी की ओर जाने से भी डरते थे, मगर जैसे ही कोतवाल जिले से बाहर गए धड़ल्ले के साथ रेत माफियाओं द्वारा शाम ढलते ही एक बार फिर से नदी की ओर रुख कर लिया हैं। कोतवाली प्रभारी सुधेश तिवारी के शहर में न होने के कारण रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हुए हैं, इस लिए रेत माफिया ने बलियरी के रेण नदी में धमा चौकड़ी मचा रहे हैं।

ट्रैक्टरो की लाइट बंद करके अंधेरे में करते हैं रेत परिवहन

शहर व आसपास के क्षेत्रों में अवैध रेत परिवहन बंद नहीं हो रहा है। दिन के साथ-साथ रात में भी अवैध रूप से रेत का उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। अवैध रेत का उत्खनन रोकने के लिए खनिज विभाग ने इक्का दुक्का कार्रवाई कर कोरम पूरा कर देता है। क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन का खेल जारी है और बेधड़क रेत उत्खनन हो रहा है। कड़ी कार्रवाई नहीं होने के चलते अवैध रेत उत्खनन पर लगाम नहीं लगाई जा सका है। वहीं लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी अवैध रूप से रेत के उत्खनन और परिवहन के खिलाफ पुलिस विभाग और खनिज विभाग नहीं लगा पा रहे लगाम। वहीं अवैध रेत माफिया द्वारा नया तरीका अपनाया गया है ताकि कोई पुलिस या सरकारी अमला उनको ना पकड़ सके इसलिए रात के अंधेरे में ट्रैक्टर की लाइट बंद करके नदी के किनारे व रोड से निकल जाते हैं चंदावल व गहिलगढ की ओर।

दिन के समय अवैध रूप से रेत का परिवहन करने के साथ रात के समय भी रेत तस्कर रात के अंधेरे में रेत परिवहन कर रहे हैं। रेण व म्यार नदी के साथ-साथ क्षेत्र की अन्य कई नदियां है, जिनसे अवैध रूप से रेत का उत्खनन रात के अंधेरे में किया जा रहा है। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर आसानी से रेत का उत्खनन व परिवहन कर रहे हैं और सुबह अंधेरा छंटने के बाद रेत का परिवहन बंद कर दिया जाता है।

बलियरी के निवासी ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहटो से परेशान

वही बलियरी के निवासी ओंकार वैश ने बताया कि शाम को 7:00 बजते ही रेत माफियाओं का ट्रैक्टर नदी की ओर दौड़ लगाने लगता हैं और सारी रात धमा चौकड़ी मचाते हैं। उनकी रफ्तार इतनी तेज होती है कि जैसे लगता है कहीं किसी के उपर या घर मे चढा न दे। वही आगे ओंकार बैस ने बताया कि यदि अवैध रेत माफिया बंद नहीं किये अवैध रेत का परिवहन तो हम लोग इनकी शिकायत बैढ़न कोतवाली में करेंगे।

खनिज विभाग की उदासीनता से रेत माफियाओं को मिल रहा है बढ़ावा

खनिज विभाग द्वारा बलियरी में अवैध माफिया के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं रेत माफियाओ का हौसला बुलंद करती है। अब ऐसे में देखना यह है कि रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने में कामयाब हो पाती है प्रशासन या फिर यूं ही धड़ल्ले से बलियरी से चलते रहेंगे रेत माफिया।

बिना कमर्शियल पंजीयन के दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली

जिला मुख्यालय में इन दिनों बिना नंबर के ट्रैक्टरों से रेत बेखौफ तरीके से ढ़ोई जा रही है।और आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। जिले में बिना कमर्शियल पंजीयन कराए रेत परिवहन का काम ट्रैक्टर ट्रॉली चल रहे हैं, जिससे सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है वहीं रेत चोरी भी बढ़ रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार व्यवसायिक पंजीयन कराने में कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स लगता है। कृषि कार्य के लिए 1200 फीस में ही पंजीयन हाे जाता है। जिले में रेत खदान शुरू हो गई। इसके बाद भी धड़ल्ले से अवैध रेत का परिवहन जारी है। बिना नम्बरों वाले या फिर अस्पष्ट नंबर वाले रेत के ट्रैक्टर अंधी रफ्तार से सड़कों पर शहर में मौत बनकर दौड़ते रहते हैं। इन्हें चलाने वालों के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं होता हैं। कई बार जब रेत से लदे इन ट्रैक्टरों से कोई दुर्घटना होती है तो नंबर न होने या सही नंबर न लिखे होने से इनकी पहचान करने में परेशानी आती है जिसका खामियाजा घायल को भुगतना पड़ता है। न तो पुलिस ऐसे ट्रैक्टर को पकड़ पाती है न पीड़ित को बीमा क्लेम मिल पाता है। लोगों का आरोप है कि सुविधा शुल्क संस्कृति के कारण रेत माफियाओं पर प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है।

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