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Singrauli News : हिंडालको महान ने आयल बॉल्स द्वारा मच्छरों के प्रजनन क्षमता का नियंत्रण करने का किया

Rama Posted on: 2024-04-27 10:26:00 Viewer: 111 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News : हिंडालको महान ने आयल बॉल्स द्वारा मच्छरों के प्रजनन क्षमता का नियंत्रण करने का किया Singrauli News: Hindalco Mahan took initiative to control the breeding capacity of mosquitoes through oil balls.


5 रुपये से कम दाम में घर मे बना सकेंगे, मच्छर प्रजजन रोधी ऑयल बॉल्स
सिर्फ लकड़ी के बुरादे या धान की भूसी,पुराने कपड़े व जले हुये मोबी ऑयल से बनाया ऑयल बॉल्स

Singrauli News : एक महत्वपूर्ण पहल के तहत हिंडालको महान ने एक नवाचार प्रस्तुत किया है जो मच्छरों से होने वाली मलेरिया बीमारी को नियंत्रित करने का एक सस्ता और प्रभावी तरीका है। हर साल लगभग 6 लाख लोग मलेरिया के कारण जान गंवाते हैं,और यह पहल मलेरिया कारक जीवों की प्रजनन क्षमता को कम करके मच्छरों को नियंत्रित करने का काम करेगी।

हिंडालको महान के सी.एस.आर. विभाग द्वारा विश्व मलेरिया दिवस पर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जिसमे सी.एस.आर. विभाग से बीरेंद्र पाण्डेय ने आम ग्रामीणों और महिला स्वयंसहायता समूहों से मिलकर आयल बॉल्स तैयार किए हैं। इस ऑयल बॉल के बारे में बीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि ये आयल बॉल्स लकड़ी के बुरादे की गेद नुमा आकृति के रूप में बनाए जाते हैं,और इसके लिए जले हुए मोबी आयल का उपयोग किया जाता है। इन आयल बॉल्स को 5 रुपये से कम कीमत पर तैयार किया जा सकता है और उन्हें जमा हुए पानी में छोड़ दिया जाता है। जब ये आयल बॉल्स पानी में घुलते हैं, तो ये तेल पानी में फैल जाता है, जिससे मच्छरों के अंडे जो लार्वा के रूप में पानी में तैर रहे होते हैं, उनको जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और इससे मच्छरों के अंडे नष्ट हो जाते हैं।

यह नवाचार प्रयोग से मच्छरों के प्रजनन में होने वाली संख्या में कमी आएगी और साथ ही मच्छरों को मारने के लिए महंगे जहरीले रसायनों का उपयोग भी कम होगा। यह पहल मलेरिया बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद करेगी और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सस्ते और प्रभावी समाधान प्रदान करेगी।यह पहल मच्छरों से होने वाली मलेरिया बीमारी को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही यह एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि सस्ते और सामरिक तकनीक का उपयोग करके विपरित स्थितियों का समाधान ढूंढने में सक्षम हो सकते हैं। यह पहल एक सामूहिक प्रयास है जो सामाजिक सहभागिता और जनसंख्या स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण मुद्दों के बेहतरीन पहल है।इस पहल को सराहते हुए, हमें इसे दूसरे माध्यम से समाचार को सभी तक पहुंचाना चाहिए ताकि लोग इस नवाचार के बारे में जान सकें और अपने समुदाय में इसका लाभ उठा सकें। इस पहल के सामर्थ्य को प्रशंसा करते हुए, हमें आगे बढ़ना चाहिए और औरों को प्रेरित करना चाहिए कि वे भी ऐसी समाधानों का उपयोग करें जो सामरिक,आर्थिक और पर्यावरणीय सुस्थता को सुनिश्चित करें।

मलेरिया जैसी महामारीयों का नियंत्रण केवल एक ही पहल से संभव नहीं है। हमें स्वच्छता, सुरक्षा, औषधि वितरण,जनसंख्या नियंत्रण, और जनता की शिक्षा की भी आवश्यकता होती है। मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में यह नवाचार एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसे समाधान का पूरा समर्थन नहीं माना जाना चाहिए। हमें ऐसे व्यापक और संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है जो मलेरिया के जैविक और सामाजिक पहलुओं को संभव बनाते हैं। इसके साथ ही, हमें स्वच्छता, जीवन शैली में परिवर्तन,और आर्थिक समावेशी को बढ़ावा देने की भी जरूरत है ताकि मलेरिया जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में सफलता हासिल की जा सके।

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