Jaipur airport became a diversion base, problems of passengers increased.
2 दिन में दर्जनभर विमान हुए डायवर्ट
जयपुर:- भारत के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश का सबसे ज्यादा असर जयपुर एयरपोर्ट पर देखने को मिला है. पिछले दो दिनों में जयपुर एयरपोर्ट पर लगातार विमान डायवर्ट किए गए हैं. डायवर्जन लैंडिंग लगभग इमरजेंसी लैंडिंग के बराबर ही होती है. विमान को जिस एयरपोर्ट पर जाना होता है और वहां से उसे लैंडिंग की अनुमति नहीं मिलती है तो वह पास के एयरपोर्ट पर लैंडिंग की अनुमति मांगता है. दिल्ली के करीब होने के कारण जयपुर एयरपोर्ट सबसे ज्यादा डायवर्जन लेता है. इसका असर यहां के यात्रियों पर पड़ता है.
पिछले एक हफ्ते से देश के अलग अलग राज्यों में हो रही लगातार हो रही बरसात का असर जयपुर एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. उत्तर भारत के बाकी राज्यों में तेज बरसात और कम विजिबिलिटी के चलते लखनऊ, भोपाल, अमृतसर और दिल्ली के विमान डायवर्ट होकर जयपुर पहुंचने लगे हैं. बीते दो दिनों में एक दर्जन से ज्यादा विमान अलग अलग समय पर जयपुर एयरपोर्ट पर डायवर्ट हुए हैं.
दिल्ली एयरपोर्ट से विमान ज्यादा जयपुर डायवर्ट होते हैं
इनमें सबसे ज्यादा विमान दिल्ली एयरपोर्ट से जयपुर डायवर्ट हुए हैं. इनमें घरेलू और इंटरनेशनल दोनों तरह के विमान शामिल हैं. दरअसल दिल्ली एयरपोर्ट पर देश में सबसे ज्यादा विमानों की आवाजाही होती है. लेकिन खराब मौसम के चलते दिल्ली के विमान जयपुर की तरफ आने लगते हैं. ये सभी डायवर्ट विमान तब तक जयपुर एयरपोर्ट पर पार्क रहते हैं जब तक कि मौसम साफ नहीं हो जाता.
विमान उड़ान भरने और लैंडिंग के लिए घंटों इंतजार करते हैं
इतने सारे डायवर्जन का सीधा असर जयपुर एयरपोर्ट के विमानों पर होता है. इससे जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमानों का शेड्यूल गड़बड़ा जाता है और यहां के विमान उड़ान भरने और लैंडिंग के लिए घंटों इंतजार करते हैं. इससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जयपुर एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने के बाद इसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं.
एक ही रन-वे होने के कारण समय सारणी गड़बड़ा जाती है
जयपुर एयरपोर्ट पर 9 नए एप्रन-वे बनाए गए हैं जहां विमानों की पार्किंग हो सकती है. रन-वे के समानांतर विमानों के लिए टैक्सी-वे बनाया गया है. लेकिन रन-वे आज भी एक ही है. पूरा शेड्यूल एक ही रन-वे होने के कारण समय सारणी गड़बड़ा जाती है. क्योंकि एक ही रन-वे होने के कारण डायवर्जन वाले विमान भी उसी का उपयोग करते हैं. इससे यहां के विमान भी उसी रन-वे के खाली होने का इंतजार करते हैं.
कोहरे से भी सबसे ज्यादा प्रभावित जयपुर एयरपोर्ट ही होता है
सर्दियों के मौसम में ज्यादा कोहरा होने के कारण भी विमानों का सबसे ज्यादा डायवर्जन जयपुर ही होता है. आने वाले समय में अगर दूसरे रन-वे का विकल्प तैयार नहीं किया गया तो जयपुर एयरपोर्ट के लिए परेशानियां लगातार बढ़ती रहेंगी. इसके कारण न तो उड़ानों की संख्या में इजाफा होगा और ना ही इंटरनेशनल डेस्टिनेशन बढ़ेंगे.