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55th International Film Festival of India: फिल्म ‘क्रॉसिंग’ को मिला 55वें इफ्फी में आईसीएफटी-यूनेस्क

Rama Posted on: 2024-11-30 10:54:00 Viewer: 191 Comments: 0 Country: India City: Mumbai

55th International Film Festival of India: फिल्म ‘क्रॉसिंग’ को मिला 55वें इफ्फी में आईसीएफटी-यूनेस्क 55th International Film Festival of India: Film 'Crossing' gets ICFT-UNESCO Gandhi Medal at 55th IFFI

55th International Film Festival of India : स्वीडिश फिल्म निर्माता लेवान अकिन की क्रॉसिंग ने 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में प्रतिष्ठित आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता है। यह पुरस्कार शांति, अहिंसा और मानवाधिकारों के प्रचार के मूल्यों को दर्शाती फिल्म के लिए दिया जाता है। इन मुद्दों पर मज़बूती से बात करने के लिए फिल्म क्रॉसिंग को चुना गया था। विजेता को यूनेस्को गांधी पदक और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह जानकारी सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज के माध्यम से दी है।

उच्च कलात्मक और सिनेमाई मानकों वाली फिल्मों को दिया जाता है आईसीएफटी यूनेस्को गांधी मेडल

आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक (ICFT-UNESCO Gandhi Medal) 46वें इफ्फी के दौरान शुरु किया गया, आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक उन फिल्मों का सम्मान करता है, जो न केवल उच्च कलात्मक और सिनेमाई मानकों को रखती हैं, बल्कि समाज के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नैतिक प्रतिबिंब को भी सामने रखती हैं। यह पुरस्कार सिनेमा की परिवर्तनकारी शक्ति के ज़रिए मानवता के साझा मूल्यों की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था।

जूरी ने फिल्म क्रॉसिंग की सराहना की

जूरी ने फिल्म क्रॉसिंग की सराहना करते हुआ कहा, “प्यार और समझ के बारे में सिनेमा का एक शानदार नमूना।” इफ्फी में गांधी पदक के लिए जूरी में शामिल सदस्य के नाम इस प्रकार हैं- FIPRESCI- इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स के अध्यक्ष-इसाबेल डेनिल, सीआईसीटी-आईसीएफटी के उपाध्यक्ष-सर्ज मिशेल, यूनेस्को के सांस्कृतिक क्षेत्र कार्यक्रम के पूर्व प्रमुख-मारिया क्रिस्टीना इग्लेसियस, अल्जीयर्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के कलात्मक निदेशक-डॉ. अहमद बेदजौई, सीआईसीटी-आईसीएफटी युवा शाखा एवं प्लेटफ़ॉर्म फ़ॉर क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन के निदेशक- ज़ुएयुआन हुन ।

फिल्म क्रॉसिंग की कहानी

आपको बता दें, ‘क्रॉसिंग’ एक बुजुर्ग महिला की कहानी के बारे में है, जो अपनी भतीजी को खोजने के लिए जॉर्जिया से इस्तांबुल तक एक युवक के साथ सफर पर निकलती है, जो कई साल पहले गायब हो गई थी। एक वादे को पूरा करने की इस यात्रा में, असाधारण प्रतिभाशाली मज़िया अराबुली द्वारा अभिनीत ये महिला, लैंगिक मुद्दों और समानता के अप्रत्याशित संबंधों को उजागर करती है। यह फिल्म सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर मार्मिक टिप्पणी पेश करते हुए प्यार, समझ और पीढ़ियों से चले आ रहे संबंधों को लेकर खूबसूरती से एक कहानी बुनती है।

इंटरनेशनल काउंसिल फॉर फिल्म, टेलीविजन और ऑडियोविजुअल कम्युनिकेशन (आईसीएफटी) और यूनेस्को के सहयोग से स्थापित यह पुरस्कार उन फिल्मों को सम्मानित करता है, जो सहिष्णुता, अंतरसांस्कृतिक संवाद और शांति की संस्कृति के आदर्शों को दर्शाती हैं। उल्लेखनीय है, IFFI आईसीएफटी यूनेस्को गांधी मेडल 46वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के बाद से स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

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