Seven times less epileptic seizures through yoga,
एम्स की रिसर्च में आए चौंकाने वाले नतीजे
यूं तो योग के कई फायदे हैं, लेकिन सबसे मुश्किल बीमारियों में शामिल मिर्गी के मरीजों को भी दवाओं के साथ-साथ योग के कुछ सूक्ष्म आसान, प्राणायाम, मेडिटेशन कराया जाय तो इससे न सिर्फ बीमारी को कंट्रोल करने में मदद मिली, बल्कि दौरे पड़ने की संभावना भी काफी हद तक घट गई. साथ ही मरीज के भेदभाव को भी योग कम करता है. एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की स्टडी में ये बात सामने आई है. एम्स के 160 मरीजों पर ये अध्ययन किया गया है. इस स्टडी को अमेरिका के जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किया गया है. दुनिया में अपनी तरह की ये पहली स्टडी है, जो कई मरीजों को योग और दूसरे मरीजों को योग जैसी लगने वाली ही सामान्य एक्सरसाइज़ करवाकर फर्क को साबित किया गया है.
दरअसल एम्स ने जिन 160 मरीजों को स्टडी में शामिल किया, उनमें से 80 मरीजों को योगासन करवाए गए, बाकी 80 मरीज कंट्रोल ग्रुप में शामिल थे जिन्हें Sham Yoga यानि योग जैसी लगने वाली ही ध्यान करवाई गई. योग करने से मिर्गी के दौरे में सात गुना की कमी आई. ये स्टडी 18 से 60 साल तक के उम्र के लोगों पर की गई है. स्टडी के दौरान सभी मरीजों को हफ्ते में पांच दिन 45 से 60 मिनट तक योगासन करवाया गया. कुल 7 सेशन योग गुरु की निगरानी में सिखाए गए. सभी मरीजों की मिर्गी के दौरे रोकने की दवाएं लगातार चलती रहीं. इन सभी को आगे भी लगातार योग करते रहने की सलाह दी गई है.
मिर्गी के मरीजों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है. देश में 12 से 13 लाख मिर्गी के मरीज हैं, ऐसे में ये अध्ययन मिर्गी मरीजों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है.