Nepal News: Nepal-India Joint Technical Committee and Joint Working Group meeting on 21-22 January
Nepal News : नेपाल-भारत संयुक्त तकनीकी समिति (जेटीटी) और संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की ऊर्जा क्षेत्र पर बैठक 21 और 22 जनवरी को नई दिल्ली में होगी। हर 6 महीने के अंतराल पर होने वाली बैठक इस बार एक वर्ष के बाद होने जा रही है। इससे पहले सह सचिव के नेतृत्व वाली जेडब्ल्यूजी की बैठक पिछले साल 2 जनवरी और सचिव के नेतृत्व में संयुक्त निदेशक समिति (जेएससी) की बैठक 3 जनवरी, 2024 को हुई थी।
दो हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और निवेश प्रारूप को अंतिम रूप देने पर होगी चर्चा
इस संबंध में ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ ऊर्जा विशेषज्ञ प्रबल अधिकारी ने बताया कि मौजूदा बैठक में नेपाल और भारत के बीच बनने वाली दो हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और निवेश प्रारूप को अंतिम रूप देने पर चर्चा की जाएगी और संभव हुआ तो इस पर समझौते पर हस्ताक्षर की भी उम्मीद है।
2027/28 में इनरुवा-पूर्णिया 400 केवी अंतरराष्ट्रीय ट्रांसमिशन लाइन को पूरा करने पर सहमति की थी व्यक्त
पिछले साल 21 दिसंबर को चितवन (नेपाल) में और भारत की ऊर्जा सचिव-स्तरीय संचालन समिति ने 2027/28 में दोनों देशों के बीच तीसरी सबसे बड़ी इनरुवा-पूर्णिया 400 केवी अंतरराष्ट्रीय ट्रांसमिशन लाइन को पूरा करने पर सहमति व्यक्त की थी।
लमकी (डोडोधारा) – बरेली ट्रांसमिशन लाइन को 2028/29 में पूरा करने पर हो चुकी सहमति
इसी प्रकार समान क्षमता की एक और अंतरराष्ट्रीय ट्रांसमिशन लाइन, लमकी (डोडोधारा) – बरेली ट्रांसमिशन लाइन को 2028/29 में पूरा करने पर भी सहमति हो चुकी है। हालांकि, उस बैठक में इन दोनों ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण प्रारूप और निवेश प्रारूप पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
नेपाल की ओर ट्रांसमिशन लाइन का हिस्सा नेपाल द्वारा स्वयं बनाया जा रहा है
बैठक में नेपाल ने इन दोनों ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण बुटवल-गोरखपुर 400 केवी अंतरराष्ट्रीय ट्रांसमिशन लाइन के समान तरीके से करने का प्रस्ताव रखा। नेपाल की ओर ट्रांसमिशन लाइन का हिस्सा नेपाल द्वारा स्वयं बनाया जा रहा है, जबकि भारत की ओर वाला हिस्सा नेपाल विद्युत प्राधिकरण और एक कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है जिसके पास भारत की ट्रांसमिशन ग्रिड कंपनी के आधे शेयर हैं।
नेपाल की तरफ से यह प्रस्ताव रखा गया है कि 25 साल के कार्यान्वयन और ट्रांसमिशन सेवा समझौते (आईटीएसए) के तहत बिजली प्राधिकरण इस ट्रांसमिशन लाइन के पूरे उपयोग और किराये (व्हीलिंग चार्ज) का भुगतान करेगा। इस बात पर अभी सहमति नहीं बन पाई है।